मस्त मराठी स्टोरीज वाचा

नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम सुरेश है और मेरी उम्र 20 साल है। आज मैं आपके लिए एक मस्त कहानी लेकर आया हूँ, जिसे पढ़कर आपका मन चोदने और चुदवाने का करने लगेगा।

मेरे घर में चार भाई हैं, और मेरे पिताजी हैं पर मेरी माँ जी का देहांत हो गया था। मेरे दो भाई मुंबई में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करते हैं, जबकि सबसे बड़ा भाई हमारे साथ जालंधर में रहता है।

मेरे भाई की शादी हुई तो मैं बहुत खुश हुआ, क्योंकि जो प्यार मुझे माँ से नहीं मिला था अब वो मुझे भाभी से मिल सकता था। शादी के बाद भाभी हमारे साथ रहने लग गई, और गाँव में हमारा परिवार सबसे बड़ा परिवार है।

पीटाजी देखभाल के लिए हमने एक नौकर रखा हुआ था, और भाभी जी मुझसे बहुत मजाक किया करती थी। एक दिन की बात है, मैं बाथरूम में नहाने जा रहा था।

तो मैंने भाभी से अपना अंडरवियर और बनियान माँगी, भाभी बोली – देवर जी आप नहाना तो शुरू करो मैं जरा देखकर लाती हूँ।

मैं – ठीक है।

फिर मैं नहाकर सिर्फ एक पतले से तौलिये को लपेटकर खड़ा था। तभी भाभी बोली – लो अपना अंडरवियर लो।

ये कहकर वो दरवाजे के बाहर खड़ी होकर मुझे मेरा अंडरवियर मुझे दिखाने लग गई। फिर जब मैंने दरवाजा खोला तो भाभी ने दरवाजे को धक्का दिया, मेरे बाथरूम में घुस गई और मेरी कमर पर गुदगुदी करने लग गई।

इस मजाक में वही हुआ जिसका मुझे डर था। मेरा तौलिया खुल गया और भाभी के हाथ में मेरा लंड आ गया। इस बीच मैं शर्म के मारे बाथरूम से नंगा ही बाहर निकलकर भाग गया।

क्योंकि उस समय घर पर मेरे और भाभी के अलावा कोई नहीं था। इस बात पर मैं भाभी से इतना नाराज हुआ कि पूरा दिन मैं उनसे बोला भी। पर शाम को वो मुझसे बोली।

यह कहानी भी पढ़े :  पहली बार सेक्स: कमसिन चूत की सील टूटने की कहानी

भाभी – सुरेश तुम मुझसे नाराज हो क्या?

मैंने अपनी नाराजगी तोड़ते हुए कहा – नहीं।

अगले दिन जब मैं पढ़ाई कर रहा था। तब भाभी मेरे पास आकर बोली – सुरेश मैं नहाने जा रही हूँ, तुम कल की बात का मुझसे बदला लेने की कोशिश मत करना।

मैं – नहीं भाभी एक तो उस बात को कब का भूल चुका हूँ।

तभी नहाते हुए भाभी बोली – सुरेश मुझे एक साबुन लेकर दो मेरा साबुन खत्म हो गया।

मैं – अभी तो मैं दुकान जाकर साबुन नहीं ला सकता।

भाभी – दुकान से लाने को नहीं कह रही हूँ, मेरे ड्रावर में है वहाँ से निकालकर दे दो।

जैसे मैं साबुन लेकर आया, तो भाभी ने दरवाजे से मुँह निकालकर झाँक रही थी। तो जैसे ही मैंने जैसे ही हाथ बढ़ाया तो भाभी ने साबुन लेने के बहाने मेरा हाथ पकड़कर मुझे अंदर खींच लिया।

मैं बाथरूम में गिरने लगा था, तो भाभी ने हाथ पकड़कर मुझे संभाला। तभी मेरा हाथ उनकी चूत पर रगड़ खा गया, मैंने देखा कि भाभी एकदम नंगी खड़ी थी और मैं उनके बड़े-बड़े बूब्स पर गुलाबी निपल्स देख रहा था।

उनकी चूत पर बहुत बड़े बाल थे, और बालों के कारण चूत ठीक से दिख नहीं थी। तभी मुझे पैंट पर कुछ महसूस गया, कुछ ही देर में भाभी ने मेरे कपड़े उतार दिए। अब मैं भाभी के सामने एकदम नंगा खड़ा था, भाभी मेरे लंड को बड़े मजे से चूस रही थी।

तभी मैंने भाभी नीचे लेट गई और अब वो 69 की पोजीशन में आ गई। अब वो मेरा लंड चूस रही थी, और अब मुझे न चाहते हुए भी उनकी चूत को चूसना पड़ा। थोड़ी देर बाद वो उठी और मेरे 8 इंच के लंड को अपनी चूत में मुझे डालने को कहने लग गई।

यह कहानी भी पढ़े :  दोस्त की माँ को ठोकने की कहानी

मैंने जैसे ही अपना लंड भाभी की चूत पर रखकर एक जोरदार धक्का मारा, तो मेरा लंड फिसलकर साइड में हो गया। फिर भाभी बोली – जानू ऐसे नहीं।

फिर भाभी ने साबुन उठाकर अपने हाथ पर लगाकर मेरे लंड पर लगा दिया। उसने अपनी चूत पर भी साबुन लगाया और वो बोली – जान अब धक्का दो।

जैसे ही मैंने एक जोर से धक्का दिया तो वो चिल्ला पड़ी और वो बोली – आह आह्ह आह्ह।

फिर मैंने एक और धक्का मारा और पूरा लंड भाभी की चूत में समा गया, अब हम दोनों जिस्म आपस में रगड़ खा रहा था। उस दिन भाभी ने मुझे जिंदगी में पहली बार सेक्स करना सिखाया था।

पर उस सेक्स के बाद मुझे उस गलती का बड़ा पछतावा हुआ। और मैंने भाभी के कितना भी उकसाने पर भी ये गलती दोबारा न करने का खुद से मैंने वादा किया।

एक दिन जब मैं बाजार सामान लेने गया तो मुझे रास्ते में जाकर ध्यान आया कि मैंने घर पर पैसे भूल गया हूँ। जैसे ही मैं घर पैसे लेने आया तो मैंने देखा कि भाभी हमारे नौकर के साथ चिपक गई है।

मुझे देखकर वो दूर हट गई, और फिर नौकर मुझे देखकर वहाँ से चला गया।

मैं – भाभी ये सब क्या है?

भाभी – तेरे भइया को सारा टाइम काम से ही लगे रहते हैं, मेरे ऊपर वो ध्यान नहीं देते हैं। और तुमने भी तो सिर्फ एक ही बार मुझसे सेक्स किया था।

उसके बाद तुमने मुझे देखा ही नहीं अब मैं करूँ तो क्या करूँ? वैसे तुम्हें मेरे साथ सेक्स करने में कोई दिक्कत है?

मैं – नहीं, पर मैं इस काम को पाप समझता हूँ।

भाभी – तुम मुझे इस तरह से खुश कर दो, कि तुमसे पाप भी न और मुझे मजा भी आ जाए।

यह कहानी भी पढ़े :  कॉलेज की लड़की की पहली चुदाई कथा

मैं – क्या सच में मैं ऐसा हो सकता है।

भाभी – हाँ क्यों नहीं हो सकता?

मैं – ठीक है।

फिर वो मुझे रूम में ले गई, और मेरे होंठ को चूमने लग गई। तो मैंने उसे मना किया तो मैंने उन्हें मना कर दिया।

भाभी – मैं तुम्हें तुम्हारा लंड चूत में नहीं डालने को कह रही हूँ।

फिर उन्होंने अपने कपड़े उतार दिए, और फिर वो अपने कपड़े उतार बैठ गई और मेरा लंड वो जोर-जोर से चूसने लग गई। मेरी नजर उनकी चूत पर गई, आज उनकी चूत बहुत अच्छी लग रही थी।

अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपना वादा भूल गया, और अब मैं उनके ऊपर 69 की पोजीशन में आ गया। अब मैं उनकी चूत को चाट रहा था, फिर भाभी मुझे उठाकर मेरे मुँह में अपने बूब्स डालने लग गई।

मैं उनके बूब्स को निचोड़-निचोड़ कर उनके बूब्स को चूस रहा था। कुछ देर बाद उन्होंने अपनी टाँगें खोली और मैं उनकी चूत पर अपना लंड फेरने लग गया। भाभी के मुँह से आह्ह आह्ह की आवाजें आने लग गई, तभी मैंने अपना लंड एक जोर के धक्के के साथ उनकी चूत में डाल दिया।

भाभी – अब मुझे जोर-जोर से चोदो।

ये सुनकर मैं जोश में आ गया और अब मैं उन्हें जोर-जोर से चोदने लग गया। फिर भाभी और मैं एक साथ झड़ गए, उस दिन मुझे पहले दिन से ज्यादा मजा आया था।

अब हम दोनों मौका मिलते ही चुदाई करने लग गए थे। मेरी भाभी की चूत सच में बहुत ही मस्त थी। दोस्तों मुझे उम्मीद है आपको मेरी ये कहानी अच्छी लगी होगी।

तो प्लीज मुझे आप मेरी कहानी को लाइक करो और इसे शेयर करो।

 0 views