कैसे हो दोस्तों, आशा है मेरी ये देवर-भाभी की चुदाई की कहानी आपको पसंद आ रही है। इस भाग को पढ़ने से पहले पिछले सभी भाग ज़रूर पढ़िएगा।

पिछला भाग पढ़ें: भाभी का लाड़ला देवर – भाग 4

अब आगे…

मैं – क्यों, अब आई याद नानी?

भाभी – नानी की बात कर रहा है, तूने तो नानी की मम्मी भी मुझे याद दिला दी है। अब रहने दे प्लीज़।

मैं – अभी तो मेरे लंड का पानी भी नहीं निकला है।

भाभी – तो फिर जल्दी से निकाल ना।

मैं – वो मेरे बस में नहीं है।

भाभी – तो फिर किसके बस में है?

मैं – तुम्हारे।

भाभी – मैं क्या कर सकती हूँ?

मैं – तुम भी नीचे से धक्के लगाओ ना।

भाभी – तूने तो मेरे पैरों को जोर से पकड़ रखा है। मेरे पैर छोड़ेगा, तब ही मैं धक्के लगाऊँगी।

फिर मैंने भाभी के पैर छोड़ दिए, तो उन्होंने भी अपने चूतड़ उठा-उठाकर नीचे से मुझे चोदना शुरू कर दिया। मैंने और ज़्यादा जोर से धक्के मारने शुरू कर दिए।

करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ गया, और वो भी मेरे साथ ही झड़ गईं। मैंने अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकाला तो हट गया, तो भाभी बोलीं – तेरा लंड तो बहुत ही खतरनाक है।

मैं – तुमने ही तो इसे तेल लगा-लगाकर इतना खतरनाक बनाया है। मैं तुम्हारी दोनों बहनों को भी ऐसे ही चोदूँगा।

भाभी – ज़रूर चोदना, पर मुझे आज चुदने में जो मज़ा आया, साला वो मज़ा मुझे कभी नहीं आया। मैं तो आज फिर से चुदने लायक ही नहीं रही हूँ।

मैं – मैं तो कम से कम 2 बार और तुझे चोदूँगा।

भाभी – अच्छा बाबा, चोद लेना। पर ये तू बता कि तुझे झड़ने में इतनी देर क्यों लगती है।

मैं – किसी को कहोगी तो नहीं?

भाभी – बिल्कुल भी नहीं।

मैं – तुम मेरे लंड पर तेल लगाकर कितनी देर तक मालिश करती थी?

भाभी – 15-20 मिनट तक।

मैं – जब मैं तुम्हें चोद रहा था, तो 15-20 मिनट तक ऐसे ही लगा रहा था, जैसे कि तुम मेरे लंड की मालिश कर रही हो। उसके बाद मैं धीरे-धीरे जोश में आना शुरू हो गया।

करीब 15 मिनट के बाद मैं पूरे जोश में आ गया। जोश में आने के बाद मैंने 20-25 मिनट तक तुम्हारी और चुदाई की।

भाभी – अब मैं समझी, तू इतनी देर तक कैसे मुझे चोद पाता है।

मैंने उस दिन भाभी को 2 बार और चोदा, और अगले 3 महीने तक मैंने भाभी को ऐसे ही चोदा। मैंने उनकी गांड को बहुत चोदा। फिर एक दिन भाभी बोलीं।

भाभी – बच्चा पैदा नहीं करना क्या?

मैं – क्यों, करना क्यों नहीं?

भाभी – अगर तुझे पूरा मज़ा मिल गया हो, तो मैं अब गोलियाँ लेनी बंद कर दूँ।

मैं – ठीक है, बंद कर दो।

भाभी ने गोलियाँ लेनी बंद कर दी। करीब 40 दिन गुजर गए। पर उन्हें मासिक धर्म नहीं आया। दोस्तों के पास जाने पर पता चला कि अब वो माँ बनने वाली हैं। भाभी बहुत ही खुश हो गई थीं।

उन्होंने घर पर आकर ये बात भैया को बताई, तो भैया काफ़ी खुश हो गए।

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भैया – मैं कहता था ना, अपने राज से ही काम चला लो, बाहर जाने की ज़रूरत ही क्या है?

भाभी – सॉरी, मुझे माफ़ कर दो। मैंने बहुत बड़ी गलती कर दी।

भैया – जब बच्चा पैदा हो जाएगा, तब मैं तुझे माँ कर दूँगा।

अब भाभी ने घर का काम करने के लिए एक नौकरानी रख ली थी। उसका नाम मधु था, और उसकी उम्र 35 साल थी।

मैं – तुमने ये क्या किया? कोई जवान नौकरानी रखती, तो मेरा भी काम हो जाता।

भाभी – अब कुछ दिन आराम कर लो, वरना सेहत खराब हो जाएगी।

समय पूरा होने के बाद भाभी को 2 जुड़वाँ बच्चे पैदा हो गए। उन दोनों की शक्ल मेरी जैसी ही थी। भैया बहुत ही खुश हो गए। भाभी ने भैया के पैर पकड़ लिए और वो बोलीं।

भाभी – अब तो मुझे माफ़ कर दो।

भैया ने भाभी के माथे को चूम लिया और वो बोले – मैंने आज तुम्हारी सारी गलती माफ़ कर दी है। अब तो खुश हो जाओ।

भाभी – अब तो मैं बहुत खुश हूँ।

भैया – एक बार और है।

भाभी – बोलिए?

भैया – जब घर में इतना अच्छा खाना मिल रहा था, तो होटल में जाने की तुझे क्या ज़रूरत पड़ी थी। तुम मेरी बात समझ रही हो ना?

भाभी ने मेरी तरफ़ देखा और मुस्कुराने लग गईं। मैं भी शरमा गया। जब भैया रूम से बाहर जा रहे थे, तो उन्होंने मेरे गाल पर हल्के से थप्पड़ मारा और वो बाहर चले गए।

आज ज़िंदगी में पहली बार भैया मुझसे प्यार से पेश आए थे। करीब 1 महीने बाद बच्चों की खुशी में घर पर पार्टी थी। उसमें भाभी की दोनों बहनें रीना और टीना भी आई हुई थीं।

उस दिन तो मेहमानों की धूम थी। दूसरे दिन रीना और टीना को छोड़कर सारे मेहमान चले गए। दोपहर को हम सब एक साथ बैठकर हँसी-मज़ाक कर रहे थे, तभी भैया बोले।

भैया – मैं मार्केट में जा रहा हूँ। मुझे कुछ काम है और मैं शाम तक ही आऊँगा।

फिर भैया मार्केट में चले गए। उनके जाने के बाद मैं भाभी के साथ में बैठ गया। रीना और टीना मुझसे हँसी-मज़ाक करने लग गईं। तभी भाभी ने उन दोनों को पंडित वाली सारी बातें बताने लग गईं।

मैं तभी खड़ा हो गया और भाभी से बोला – तुम लोग बातें करो, मैं बाहर जा रहा हूँ।

भाभी ने शरारत भरे अंदाज़ में मुझसे कहा – मेरे प्यारे बच्चों के पापा जी, तुम चुपचाप यहीं पर बैठ जाओ, वरना।

मैं – क्या वरना?

भाभी – वरना मैं बहुत मारूँगी।

मैं – एक तरफ़ तो अपने बच्चों का पापा कहती हो, और दूसरी तरफ़ मुझे मारने की धमकी भी देती हो। ये बहुत गलत बात है।

भाभी – मेरी दोनों बात सही हैं। तू मेरे बच्चों का पापा भी है और मेरा देवर भी है। तो मैं तुझे अपने हक से मारूँगी। अब तुम चुपचाप बैठ जाओ।

अब मैं भाभी के पास बैठ गया। भाभी ने पंडित जी की सारी बात रीना और टीना को बता दी। उन्होंने शिव और महमूद के बारे में भी उन दोनों को बता दिया।

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भाभी – पर मुझे पंडित की एक बात समझ नहीं आई, कि टीना की ज़िंदगी में 19 मर्द और कहाँ से आएँगे। मुझे तो पंडित जी की बातें कुछ सही नहीं लगती हैं।

तभी टीना लिपटकर रोने लग गई और भाभी बोलीं – अब तुझे क्या हुआ?

टीना रोते हुए बोलीं – पंडित जी एकदम सही कह रहे हैं दीदी। 6 महीने पहले की बात है। मैं एक दिन शहर से जा रही थी। रास्ते में अचानक मेरी तबीयत खराब हो गई।

अंधेरा होने लगा था, तो मैं एकदम से परेशान हो गई। तभी मुझे एक बस आती हुई दिखाई दी। मैंने बस वाले को रुकने का इशारा किया, तो वो बस रुक गई। फिर मैं बस में चढ़ गई। उस बस में फुटबॉल के 16 खिलाड़ी थे।

उन खिलाड़ियों के साथ उनके कोच भी थे। बस में एक क्लीनर भी था। तो वो कुल 19 लोग थे। करीब 30 मिनट बाद एकदम अंधेरा हो गया। तो उन्होंने एक सुनसान जगह पर बस रोक दी। उसके बाद उन सब ने मेरे साथ ज़बरदस्ती की।

ये कहकर टीना जोर-जोर से रोने लग गई। रीना और भाभी ने टीना को समझाकर चुप करवाया। उसके बाद हम इधर-उधर की बातें करने लग गए। एक घंटे के बाद टीना एकदम सामान्य हो गई।

वो फिर से हँसी-मज़ाक करने लग गई। टीना और रीना पहले से ही एकदम खुलकर बात कर रही थीं। और मुझसे छेड़छाड़ कर रही थीं। थोड़ी देर बाद टीना मेरी तरफ़ इशारा करते हुए बोलीं।

टीना – मेरी ज़िंदगी में 20 मर्द तो आ गए हैं। आज इसका नंबर है। मेरी शादी को इतने साल हो गए, पर मैं अभी तक माँ नहीं बन पाई।

दीदी – तुम इसे कह दो कि ये मुझे भी माँ बना दे।

भाभी – तू तो कल घर चली जाएगी। एक दिन में ही ये तुझे माँ कैसे बनाएगा?

टीना – फिर मैं एक महीने तक यहाँ पर रुक जाती हूँ। क्योंकि जब मैं यहाँ आई थी, तब मैं नहाई थी और आज तीन दिन हो गए हैं और अभी तक मैं किसी के साथ सोई नहीं हूँ।

मैं – तुम तो बहुत गंदी औरत हो। इतने दिन हो गए, तुम नहाई नहीं हो।

टीना ने मेरे गाल को जोर से काट लिया और वो बोलीं – बद्धू, मैं रोज़ नहाने वाली बात नहीं कर रही हूँ।

भाभी और रीना दोनों हँसने लग गईं। भाभी ने रीना से पूछा – माँ बनने के बारे में तेरा क्या ख्याल है?

रीना – तेरे पति की तरह ही मेरे पति का लंड एकदम छोटा है, और वो भी 2 मिनट में ही झड़ जाते हैं। तूने अभी बताया था कि इसका लंड बहुत ही लंबा और मोटा है। अगर मैंने इससे करवाया, तो मेरे पति को पता चल जाएगा। और फिर मैं उन्हें क्या जवाब दूँगी। इसलिए मैं ऐसे ही ठीक हूँ।

भाभी – पंडित जी की बात गलत नहीं हो सकती है। आज न सही, तो कल तू इसके ही बच्चे की माँ बनेगी।

रीना – देखा जाएगा।

टीना – दीदी, तुमने बताया था कि ये बहुत अच्छी तरह से चोदता है। मैं तो ये सुनते ही पूरे जोश में आ गई हूँ। मेरी चूत पूरी गीली हो गई है। इससे पहले जीजू घर आएँ, मैं इसे दूसरे रूम में ले जाकर इसका एक बार तो मज़ा लूँ।

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मैं – क्यों, अपनी दीदी के सामने शर्म आती है?

टीना – भला मुझे क्यों शर्म आने लगी? अगर तुझमें हिम्मत है, तो तू मुझे दीदी के सामने चोदकर दिखा।

भाभी – टीना, इसे चैलेंज मत कर। ये बहुत ही खराब आदमी है। ये तुझे हमारे सामने ही चोद सकता है।

टीना – मैं इसे बरसों से जानती हूँ। इसमें इतनी हिम्मत नहीं है। दीदी, तुम्हें याद है ना, जब तुम्हारे कहने पर मैंने एक बार इसके लंड पर तेल लगाया था। तो ये कितना शरमा रहा था। ये मुझे तुम सबके सामने नहीं चोद सकता है।

मैं – भाभी, इसे समझा दो, वरना मैं इसे यहीं आपके सामने चोद दूँगा।

टीना ने मुझे चिढ़ाते हुए कहा – रहने दे, रहने दे।

मैं – भाभी, इसे समझाओ, नहीं तो गड़बड़ हो जाएगी।

टीना – क्या गड़बड़ करेगा तू?

मैं – मैं अभी तुझे बताता हूँ।

मैं पहले ही जोश में आ चुका था और मेरा लंड अब खड़ा भी हो चुका था। मैंने अपनी लुंगी उतार कर फेंक दी, और भाभी और रीना के सामने ही मैंने टीना को पटक दिया।

उसके बाद मैंने टीना का पेटीकोट उठाकर एक ही धक्के में अपना पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया। रीना अब शरमा गई और उसने अपना मुँह दूसरी तरफ़ कर लिया, पर भाभी मुझे देख रही थीं।

उन्होंने मुझे इशारा कर दिया कि मैं अपना काम चालू रखूँ। मैंने टीना की चुदाई शुरू कर दी। करीब 2 मिनट में ही टीना पूरी मस्ती में आ गई। उसने अपने चूतड़ उठा-उठाकर मुझे चोदना शुरू कर दिया।

मैंने भी उसे पूरे जोश और ताकत से चोदना शुरू कर दिया। 20-25 मिनट की चुदाई के बाद टीना बोली – ओह राज, तुमने तो मुझे इतनी ही देर में पागल कर दिया है। मैं 2 बार झड़ चुकी हूँ। अब प्लीज़ रहने दो, मुझे छोड़ दो।

मैं – टीना रानी, ये तो अभी शुरुआत है। अभी तो बहुत देर लगने वाली है।

भाभी – मैं कह रही थी ना, तू इसे चैलेंज मत करो। पर तू मानी नहीं, ले अब भुगत।

दोस्तों, आपने देखा आपने कैसे मैंने अपनी भाभी को अपने बच्चों की माँ बनाया। और अब उसकी दोनों बहनें मेरे नीचे आ गई हैं। पर अभी उनकी चुदाई बाकी है।

पर उनकी चुदाई की कहानी मैं फिर कभी किसी और दिन बताऊँगा। तो आप प्लीज़ अपने घर ही रहिए। उम्मीद है मेरी इस देवर-भाभी की चुदाई की कहानी से आपको घर बैठे मज़े ज़रूर मिले होंगे। 🙂

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