मेनू मेरी बहुत अच्छी सहेली है, और मैं अक्सर उसके घर जाती हूँ। उसका बड़ा भाई है, और वह मुझे अच्छे से जानता है।

अब मैं आपको एक दिन की ऐसी बात बताऊँगी, जिसे सुनकर आपको बस मजा ही आएगा।

हुआ यूँ कि मैं अपने घर पर बोर हो रही थी, तो मैंने सोचा क्यों न मैं मेनू के घर जाऊँ और उसके साथ बातें करूँ। पर वहाँ जो हुआ, वह मुझे पूरी लाइफ याद रहेगा।

मेनू घर पर नहीं थी, और उसका भाई और उसके भाई का दोस्त वहाँ पर थे। मेरे वहाँ जाते ही उसका भाई मुझे बोला: शालू, जरा हम दोनों के लिए चाय बना देना प्लीज।

मैंने उनके लिए चाय बना दी, और मैं मेनू का इंतजार करने लग गई। इसलिए मैं उन दोनों के साथ बातें करने लग गई। फिर उसका दोस्त, जिसका नाम मोहित है, वह मेरे पास आकर बैठ गया।

और वह मेरे साथ इधर-उधर की बातें करने लग गया। अब वह सेक्स के टॉपिक पर आ गया। अब मैंने ना कभी किसी को चूमा था और ना ही मैं किसी से कभी चुदाई थी।

मोहित: अगर कहो तो तुम्हें बताएँ कि ये सब कैसे-कैसे होता है?

मैं थोड़ा ना-नुकुर कर रही थी, फिर मैंने सोचा, चल यार, एक बार देखते हैं कि ये सब कैसे होता है। तो मैं उसकी ओर देखती रही, और फिर मोहित ने मेरा चेहरा अपने हाथों में लिया और मेरे होंठों को चूमने लग गया।

इससे मेरे अंदर करंट सा दौड़ पड़ा, पर ये शुरुआत थी। फिर उसने मेरे गाल, मेरी आँखें, मेरा गला, सब कुछ चूमना शुरू कर दिया।

जब उसने मेरी ठुड्डी चूमी तो मैं उछल गई। इससे मेरे अंदर और भी चूमने की इच्छा पड़ गई। मोहित फिर मेरे पीछे आ गया, और मेरी बाहों के नीचे से अपने दोनों हाथ निकालकर मेरे बूब्स को दबाने लग गया।

मैं उसकी बाहों में कसमसा रही थी। फिर मेरी ब्रा कब उतरी, ये मुझे याद तक नहीं है। पर जब मुझे होश आया तो मैंने देखा कि मैं मोहित की गोद में थी और वह मेरे बूब्स को जोर-जोर से माल रहा था।

फिर वह मेरे बूब्स को चूसने लग गया। मैं एकदम हड़बड़ा गई, पर अब तो मैं काफी आगे निकल चुकी थी। उसने मुझे खड़ा किया और उसने अपनी शर्ट उतार दी। अब मैं सिर्फ पैंटी में थी।

अब वह भी अपने अंडरवियर में आ गया। उसका लंड पूरा खड़ा हुआ था। फिर उसने मेरी पैंटी भी निकाल दी और इस तरह से अब मैं पूरी नंगी हो गई थी। मोहित ने मुझे सोफे पर लिटाया और वह मेरी चूत को चाटने और चूसने लग गया।

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पहली बार कोई मेरी झांटों को छू रहा था। पहली बार कोई मेरे बूब्स को चूस रहा था। पहली बार कोई मेरी चूत को देख रहा था, और पहली बार मैं किसी के सामने ऐसे नंगी हुई थी।

मोहित ने मेरी चूत को खूब अच्छे से चूसा और काफी चूसने के बाद मेरे अंदर कुछ हुआ। जिसे मैंने रोकना चाहा और मोहित बोला: बेबी, तू झड़ रही है।

मैं: मतलब?

मोहित: मतलब कि तेरी चूत का रस निकलेगा।

और तभी मेरे अंदर से कुछ फूटा और मैं निढाल हो गई। थोड़ी देर में मोहित ने मुझे उठाया और खुद सोफे पर लेट गया। उसने अपना अंडरवियर उतारा और वह बोला:

मोहित: बेबी, लो मेरा लंड पकड़कर चूस।

मैं पहली बार लंड को देख रही थी। वह किसी गन्ने की तरह सख्त और मोटा था। मैंने धीरे से उसे हाथ लगाया, और फिर मोहित ने मुझे अपना लंड पकड़वाया और वह उसे ऊपर-नीचे करने को ऐसा कहा।

मोहित: ऐसे करो।

मैं वैसे ही करने लग गई, और फिर वह बोला: चूसो।

मैं: नहीं।

मोहित ने मुझे अपनी ओर खींचा और मेरा मुँह खोलकर उसने अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया। मैंने उसे जोर से चूसा और मुझे अब अजीब सा लगा। फिर मोहित ने मेरा सिर पकड़ा और पूरा लंड मेरे मुँह में डाल दिया।

अब मैं उसके लंड को चूसने लग गई। उसे अब खूब मजा आया। मैं तो मेनू के भाई के बारे में एकदम से भूल ही गई थी। वह दूर रूम में था। जब वह बाहर आया तो नजारा देखकर वह हैरान रह गया।

अब सीन कुछ ऐसा था कि मोहित सोफे पर बैठा था, और मेरी दोनों टाँगें इधर-उधर हवा में थीं। उसका मोटा लंड मेरे मुँह में अंदर-बाहर हो रहा था।

मैं लंड चूसते हुए मेनू के भाई को देख नहीं पा रही थी। इतने में वह मेरे पीछे आया और अपनी जीभ से वह मेरी चूत को चाटने लग गया। मैं एकदम चौंक गई और मैं पीछे मुड़कर देखना चाहती थी।

पर मोहित ने मेरा सिर पकड़ रखा था। उसके भाई ने कब अपने कपड़े उतारे, ये मुझे पता ही नहीं चला। अब उसका लंड मेरी गांड से टकराने लग गया, और मुझे लगा कि हाय भगवान, मेनू देखेगी तो मुझे क्या बोलेगी।

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खैर, भाई ने मेरी दोनों टाँगें इधर-उधर कीं और उसने मेरी चूत को थोड़ा सा फैला दिया। फिर उसने अपना लंड मेरी चूत के अंदर डालना शुरू कर दिया।

आज मैं पहली बार चुद रही थी, इसलिए मैं जोर से चीख पड़ी। फिर भाई मुझे जोर-जोर से चोदने लग गया।

मोहित: साले, सील तो मैं तोड़ने वाला था, तू क्यों आ गया।

भाई: पता होता ये इतनी गर्म है, तो मैं कब का इसकी चूत का भोसड़ा बना देता।

मैं चुदती रही और मोहित का लंड चूसती रही। इतने में मोहित बोला: चल, साइड बदल अब।

अब भाई मेरे सामने आ गए और मोहित ने मेरी चूत को संभाल लिया। भाई ने मेरा गला सहलाया और उसमें अपना लंड डाल दिया। उसी समय मोहित ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया।

मेरी हालत क्या हो गई, मैं कुछ बोल भी नहीं सकती थी, क्योंकि मेरे मुँह और चूत में दोनों में दो लंड फंसे हुए थे।

पर मैं बोर नहीं हो रही थी, पर मुझे उम्मीद थी कि आज मेरी सील टूटेगी। दोनों मर्द मुझे चोदते ही जा रहे थे, और मैं उनसे चिल्लाते हुए चुद रही थी।

थोड़ी ही देर में भाई के लंड का सारा पानी मेरे मुँह में गिर गया, और मोहित ने भी अपने लंड का सारा पानी मेरी कमर पर निकाल दिया। मैं भी अब तक 3 बार झड़ चुकी थी।

फिर हम तीनों निढाल होकर सोफे पर बैठ गए। मैं बीच में थी और वे दोनों मेरी दोनों साइड में थे।

अब आगे सुनिए। भाई अब नीचे लेट गया और अपना लंड सहलाने लग गया। उसका लंड खड़ा होने लग गया था। देखते ही देखते उसका लंड पूरा खड़ा हो गया था।

भाई: शालू, चल अब मेरे लंड पर बैठ जा।

मैं आई और अपनी चूत को खोलकर उसके लंड पर बैठने की कोशिश करने लग गई। भाई ने इसमें मेरी पूरी मदद कर रहा था। फिर मैं खुद उसके लंड पर बैठकर चुदने लग गई।

इतने में मोहित आया और अपने लंड को आगे-पीछे करके वह मुठ मार रहा था। उसका भी अब लंड खड़ा हो गया, और वह बोला: चल, अपने भाई के ऊपर मेंढक की तरह बैठ जाओ।

मैं उसी तरह से बैठ गई और मोहित अब मेरी गांड में उंगली करने लग गया। मैंने सोचा कि आज तो मैं गई, ये दोनों मेरी चूत और गांड की चुदाई करेंगे। मैंने कई बार तो मना किया, पर मोहित नहीं माना और वह बोला:

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मोहित: बेबी, तेरी गांड तो बहुत सुडौल है। जब तक मेरे टट्टे इन पर नहीं गिरेंगे, तब तक मुझे नींद नहीं आएगी।

भाई: शालू, कुछ नहीं होगा।

मैं फिर मान गई और अब मोहित ऊपर लेटकर अपना लंड मेरी गांड में डालने लग गया।

मैं चिल्लाते हुए बोली: रुको, रुको।

पर वे दोनों ऐसे मेरी मार रहे थे, जैसे उन दोनों में कॉम्पिटिशन चल रहा हो। मेरी गांड और चूत दोनों एक साथ चुद रही थीं। बीच में मेरे दोनों बूब्स दबे हुए थे।

अभी ये सब चल ही रहा था कि मेनू भी अंदर आ गई। वह कब अंदर आई, किसी को कुछ पता नहीं चला। वह एकदम आकर चुदाई देखती रही।

मेनू को ना जाने क्या हुआ, उसने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और वह हमारे सामने आ गई।

भाई: मेनू, तू अंदर जा।

मेनू: भैया, मैं भी चुदूँगी।

मोहित ने अपना लंड मेरी गांड से निकाला और मेनू के मुँह में डाल दिया। वे दोनों 69 की पोजीशन में एक-दूसरे को चूस रहे थे। फिर मोहित ने उसे कुतिया बनाकर अच्छे से चोदना शुरू कर दिया।

भाई अपनी बहन को अपने दोस्त के साथ चुदते हुए देख रहा था। इस तरह से हमने पूरी रात को काट ली। मोहित ने मेनू को दो बार चोदा और एक बार उसकी गांड भी मारी।

उसके भाई ने मुझे पूरे तीन जामकर चोदा। उस दिन के बाद मैं हर हफ्ते भाई से चुदती थी। मोहित मुझे और मेनू को हर दूसरे या तीसरे दिन चोदता है।

हम चारों अपनी इस चुदाई से बहुत खुश हैं, और अब हम दोनों सहेलियों की चूत और गांड का भोसड़ा बन चुका है। पर आज भी चुदाई में पहले वाला मजा आता है।

दोस्तों, ये थी मेरी चुदाई की मस्त कहानी। उम्मीद है आपको पढ़कर मजा आया होगा!

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