हिंदी माँ-बेटा सेक्स कहानी – मेरे बेटे ने कल रात मुझे गर्म करके चोदा—एक हिंदी हॉट, सेक्सी और उत्तेजक चुदाई की कहानी: मेरा नाम राधिका है। मैं 42 साल की हूँ, गोरी, भरे हुए बदन वाली और अभी भी आकर्षक दिखती हूँ। मेरे स्तन बड़े, गोल और रसीले हैं, मानो दो पके हुए आम, जो मेरी साड़ी या नाइटी से हमेशा बाहर झाँकते रहते हैं। मेरे निप्पल गुलाबी और सख्त हैं, जो कपड़ों के ऊपर से हल्के से दिखते हैं और मेरी जवानी की आग को जाहिर करते हैं। मेरी कमर पतली है, और मेरी गांड बड़ी, मुलायम और गोल है, जो चलते समय लचकती है और मर्दों की नजरें वहीँ ठहर जाती हैं। मेरी जाँघें मोटी और चिकनी हैं, जैसे मलाई की परतें, और मेरी चूत की गर्मी मेरे चेहरे से छुपती नहीं। मैं दिल्ली में अपने बेटे के साथ रहती हूँ। मेरा बेटा, अर्जुन, 22 साल का है, गोरा, तगड़ा और हैंडसम। मेरा पति मुझे कभी संतुष्ट नहीं कर पाया, लेकिन कल रात मेरे बेटे ने मुझे गर्म करके चोदा और मेरी वासना को पूरा किया। यह है मेरी और मेरे बेटे की चुदाई की कहानी।

मार्च 2025 की एक रात थी। दिल्ली में हल्की गर्मी शुरू हो चुकी थी, और मेरे शरीर में जवानी की आग भड़क रही थी। मेरा पति शहर से बाहर गया था, और घर में सिर्फ मैं और अर्जुन थे। मैं रात को नहाकर अपने कमरे में थी। मैंने लाल नाइटी पहनी थी, जो मेरे स्तनों से चिपकी हुई थी। मेरे निप्पल सख्त होकर नाइटी से बाहर दिख रहे थे, और मेरी गांड नाइटी में लचक रही थी। मैंने अंदर कुछ नहीं पहना था, क्योंकि मुझे गर्मी लग रही थी। मैं बिस्तर पर बैठकर अपनी चूत में उंगलियाँ डाल रही थी। “आह… कोई मुझे चोद दे तो अच्छा हो…” मैं बुदबुदाई। मेरी चूत गीली हो चुकी थी, और मैं अर्जुन के बारे में सोच रही थी। मुझे पता था कि यह गलत है, लेकिन मेरी वासना मुझे रोक नहीं रही थी।

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अचानक अर्जुन मेरे कमरे में आ गया। उसने सिर्फ धोती पहनी थी, और उसका लंड धोती में तनकर दिख रहा था। उसकी चौड़ी छाती और मजबूत बाहें देखकर मेरी चूत और गीली हो गई। “माँ, तुम क्या कर रही हो?” उसने कहा और मेरे पास आ गया। मैं घबरा गई और अपनी नाइटी नीचे की, लेकिन मेरी चूत का पानी उसे दिख गया। “अर्जुन, मैं… कुछ नहीं,” मैं डरते हुए बोली, लेकिन मेरी चूत उसे पुकार रही थी। “माँ, तुम्हें लंड चाहिए ना?” उसने कहा और मेरे पास बिस्तर पर बैठ गया। उसने मेरी नाइटी ऊपर उठाई। मेरे स्तन नंगे हो गए। मेरे निप्पल सख्त थे, और मेरे स्तन हल्के से हिल रहे थे। “अर्जुन, ये गलत है,” मैंने कहा, लेकिन मेरी नजर उसके लंड पर चली गई।

उसने अपनी धोती उतार दी। उसका 9 इंच का लंड तना हुआ और मोटा था। उसकी टोपी गीली थी, और उसकी नसें उभरी हुई थीं। “माँ, ये देख मेरा लंड,” उसने कहा। “अर्जुन, ये बहुत बड़ा है,” मैंने आँखें बड़ी करके कहा। मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। उसने मेरे पैर फैलाए। मेरी चूत नंगी हो गई। मेरे घने बाल गीले थे, और मेरी चूत की फाँकें लाल होकर फूल गई थीं। “माँ, तुम्हारी चूत कितनी गर्म है,” उसने कहा और अपनी दो उंगलियाँ मेरी चूत में डाल दीं। “आह… अर्जुन… डाल…” मैं चीख पड़ी। उसकी उंगलियाँ मेरी चूत में अंदर-बाहर होने लगीं, और मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं। “आह… अर्जुन… जोर से…” मैं तड़पकर बोली।

अर्जुन ने मेरी चूत में अपनी उंगलियाँ जोर-जोर से अंदर-बाहर कीं। मेरी चूत से पानी बहने लगा। “आह… अर्जुन… मुझे चोद…” मैं तड़पकर बोली। उसने मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ा। उसकी गर्म टोपी मेरी चूत की फाँकों पर रगड़ रही थी, और मैं पागल हो रही थी। “माँ, ये ले,” उसने कहा और एक जोरदार धक्का मारा। उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया। “आह… अर्जुन… फट गई… आह…” मैं चीखी। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था। मेरी चूत टाइट थी, और उसका मोटा लंड मुझे दर्द दे रहा था। लेकिन वो दर्द मुझे अच्छा लग रहा था। वो मेरे स्तन दबाते हुए मुझे चोदने लगा। “माँ, तुम्हारी चूत टाइट है,” उसने कहा। हर धक्के से मेरी गांड बिस्तर पर टकरा रही थी।

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“अर्जुन, जोर से चोद… मेरी चूत फाड़ दे…” मैं चीख रही थी। उसने मेरे स्तन अपने हाथों में लिए और जोर से दबाने लगा। मेरे निप्पल सख्त हो गए थे, और वो उन्हें अपनी उंगलियों से मसल रहा था। उसने मेरा एक स्तन मुँह में लिया और जोर से चूसने लगा। उसकी जीभ मेरे निप्पल पर गोल-गोल घूम रही थी, और मैं सिसकारियाँ ले रही थी। “आह… अर्जुन… चूस… जोर से चूस…” मैं चीखी। उसने मेरा दूसरा स्तन अपनी उंगलियों से मसला, और मेरा स्तन लाल हो गया। वो मेरी चूत चोद रहा था और मेरे स्तन चूस रहा था। मैं पागल हो रही थी। उसने मुझे आधा घंटा चोदा। मेरी चूत लाल हो गई थी, और मेरा पानी दो बार निकल चुका था।

“माँ, अब तुम्हारी गांड चोदता हूँ,” अर्जुन ने कहा। उसने मुझे पलट दिया। मेरी गांड गोल और मुलायम थी। उसने मेरी गांड पर थूका और अपनी उंगलियाँ मेरी गांड में डाल दीं। “आह… अर्जुन… धीरे…” मैं सिसकी। मेरी गांड टाइट थी, और उसकी उंगलियाँ मुझे दर्द दे रही थीं। फिर उसने अपना लंड मेरी गांड में डाला। “आह… फट गई… आह…” मैं रो पड़ी। उसका लंड मेरी गांड को चीर रहा था। “माँ, तुम्हारी गांड शानदार है,” उसने कहा और मेरी गांड चोदने लगा। उसकी उंगलियाँ मेरी चूत में थीं, और वो मेरी चूत भी रगड़ रहा था। “अर्जुन, मेरी चूत भी चोद,” मैंने कहा। उसने मुझे फिर पलट दिया और मेरी चूत में लंड डाला। “माँ, तुम्हारी चूत में झड़ता हूँ,” उसने कहा। उसने मुझे जोर से चोदा और मेरी चूत में झड़ गया। उसका गर्म वीर्य मेरी चूत से बह रहा था।

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उस रात के बाद अर्जुन मुझे रोज चोदने लगा। जब मेरा पति घर पर नहीं होता, वो मेरे कमरे में आता है और मुझे चोदता है। “माँ, तुम्हारी चूत मेरी है,” वो कहता है। एक बार उसने मुझे बाथरूम में शॉवर के नीचे चोदा। “माँ, तुम्हें फाड़ दूँगा,” वो चीखा। उसका लंड मेरी चूत और गांड में अंदर-बाहर कर रहा था। उसने मेरे स्तनों को चूसा, और मैंने उसके लंड को चूसा। मेरे बेटे की वासना मुझे पागल कर रही थी। मैंने उसे पूरी रात चोदने दिया, और मेरा संतुष्टि मिली।

कभी-कभी वो मुझे किचन में चोदता है। एक बार मैं किचन में खाना बना रही थी। मैंने टाइट नाइटी पहनी थी। मेरी गांड नाइटी में लचक रही थी। अर्जुन ने मेरी नाइटी ऊपर उठाई और मेरी चूत में लंड डाल दिया। “आह… अर्जुन… चोद… जोर से चोद…” मैं चीखी। उसने मेरी चूत जोर से चोदी और मेरी गांड पर थप्पड़ मारा। “माँ, तुम्हारी गांड चोदता हूँ,” उसने कहा और मेरी गांड में लंड डाला। “आह… अर्जुन… फट गई…” मैं चीखी। उसने मेरी गांड चोदी और मेरे स्तनों को दबाते हुए मेरी चूत में झड़ गया। मेरे बेटे की वासना मुझे पागल कर रही थी।

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