मेरा नाम नेहा है। मैं 21 साल की हूँ और जयपुर में अपने माता-पिता के साथ रहती हूँ। मेरा मामा, विक्रम, 35 साल का है। वो कोलकाता में रहता है और एक छोटे व्यवसाय में काम करता है। मामा दिखने में आकर्षक है—लंबा, मजबूत शरीर, साफ रंग, और उसकी आँखों में एक शरारती चमक। मैं भी खूबसूरत हूँ—मेरे स्तन गोल और सख्त, मेरी गांड चलते वक्त लचकती है, और मेरी चूत की गर्मी मुझे खुद महसूस होती है। मामा मुझे “नेहा रानी” कहता था और मुझे देखते वक्त उसकी नजर मेरे शरीर पर घूमती थी। मैं शरमा जाती थी, लेकिन अंदर ही अंदर मेरे मन में एक अजीब सी आग जल उठती थी।

एक बार मामा हमारे घर आया। मम्मी-पापा गाँव गए थे। मैं घर पर अकेली थी। मामा मेरे पास आया और बोला, “नेहा, मेरे साथ बाहर घूमने चल।” मैंने पूछा, “कहाँ, मामा?” वो हँसा और बोला, “बस थोड़ा घूम आएँगे। तेरा मन हल्का हो जाएगा।” मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। मैंने एक पतली साड़ी पहनी—हरी रंग की, जिसमें मेरे स्तन और गांड साफ दिख रहे थे। मामा ने मुझे देखकर कहा, “नेहा, तू आज आग लगा रही है।” मैं शरमाकर हँस पड़ी।

मामाने मुझे अपनी बाइक पर पीछे बिठाया। हम घर से निकल पड़े। मुझे नहीं पता था कि वो मुझे कहाँ ले जा रहा है। रात हो गई। मामा ने एक छोटे से होटल के सामने बाइक रोकी। “मामा, यहाँ क्यों?” मैं डरते हुए बोली। वो बोला, “नेहा, हम यहीं रुकेंगे। घर वापस गए तो तेरे मम्मी-पापा हमें मार डालेंगे।” मेरा दिल जोर से धड़का, लेकिन मैं उसके साथ होटल में चली गई।

होटल का कमरा छोटा था—एक बिस्तर, एक खिड़की, और हल्का प्रकाश। मामा ने दरवाजा बंद किया। “नेहा, तू मेरी जान है,” उसने कहा और मुझे अपनी ओर खींच लिया। उसकी गर्म साँस मेरी गर्दन पर लगी। मैंने उसकी छाती पर सिर टिका दिया। उसका हाथ मेरी साड़ी के ऊपर से मेरे स्तनों पर गया। मैं सिसक पड़ी— “आह, मामा, ये क्या कर रहे हो?” उसने कहा, “तेरे स्तन मुझे पुकार रहे हैं।” उसने मेरी साड़ी कंधे से सरका दी। मेरे स्तन ब्लाउज में उभर आए—सख्त, गोल, और पसीने से चमकते हुए।

यह कहानी भी पढ़े :  मेरे देवर ने मुझे बाथरूम में चोदा

उसने मेरा ब्लाउज फाड़ दिया। मेरे स्तन उसके सामने नंगे हो गए। “क्या शानदार स्तन हैं तेरे, नेहा,” उसने कहा और मेरे निप्पल पर मुँह रख दिया। उसने उन्हें चूसना शुरू किया, और मैं चीख पड़ी— “उफ्फ, मामा, ये क्या कर रहे हो?” उसका हाथ मेरे पेटीकोट पर गया। उसने मेरा पेटीकोट और पैंटी एक साथ नीचे खींच दी। मैं उसके सामने पूरी नंगी थी। मेरी गांड बिस्तर पर टकरा रही थी, और मेरी चूत गीली हो चुकी थी। उसने मेरी गांड पर हाथ रखकर कहा, “नेहा, तेरी गांड कितनी मुलायम है। इसे भी चोदूंगा।” मेरी चूत रस से टपक रही थी। मैं सिसकते हुए बोली, “मामा, मुझे चोद दो। अब बर्दाश्त नहीं होता।”

उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया। मेरे पैर फैलाए। मेरी चूत उसके सामने खुल गई—गीली, गर्म, और उसे बुलाती हुई। उसने अपने कपड़े उतार फेंके। उसका लंड बाहर आया—लंबा, मोटा, और तना हुआ। मैं डरते हुए बोली, “मामा, ये तो बहुत बड़ा है।” वो हँसा और बोला, “नेहा, ये तेरी चूत के लिए ही है।” उसने मेरी चूत पर जीभ रखी। वो गर्म थी, रस से भीगी हुई। वो मेरी चूत चाटने लगा, और मैं चीख पड़ी— “आह, मामा, मैं पागल हो जाऊँगी।”

वो मेरी चूत चूसता रहा। मेरा रस उसके मुँह में गया। “नेहा, तेरी चूत कितनी मीठी है,” उसने कहा। मैं सिसकते हुए बोली, “मामा, मुझे चोद दो। अब चाटना बंद करो।” उसने अपने लंड को मेरी चूत पर रगड़ा। मैं काँप रही थी। उसने एक जोरदार धक्का मारा, और उसका लंड मेरी चूत में घुस गया। मैं चीखी— “आह, मामा, मेरी चूत फट गई।” वो बोला, “नेहा, अब तुझे मज़ा आएगा।”

यह कहानी भी पढ़े :  टीनएज लड़की से मुलाकात और चुदाई

उसने मुझे चोदना शुरू किया। उसका लंड मेरी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था। मेरे स्तन हर धक्के के साथ उछल रहे थे। मैं चीख रही थी— “आह, मामा, और जोर से। मेरी चूत फाड़ दो।” वो पागलों की तरह मुझे चोद रहा था। उसकी साँस मेरे चेहरे पर पड़ रही थी, और मेरे शरीर में आग भड़क रही थी। उसने मुझे उल्टा किया। मेरी गांड उसके सामने खुल गई—मुलायम, गोल, और लचकती हुई। “नेहा, तेरी गांड भी चोदूंगा,” उसने कहा। मैं सिसकते हुए बोली, “चोद दो, मामा। मेरी गांड तुम्हारी है।”

उसने मेरी चूत में पीछे से लंड डाला और चोदना शुरू किया। उसके हाथ मेरी गांड पर पड़ रहे थे। मैं सिसक रही थी— “उफ्फ, मामा, मेरी गांड जल रही है।” उसने मेरी गांड में एक उंगली डाली, और मैं पागल हो गई— “आह, मामा, मुझे मार डालो।” वो मुझे चोदता रहा। मेरी चूत उसके लंड से भरी थी। रात गहरी हो चुकी थी, और होटल के कमरे में मेरी सिसकियाँ गूंज रही थीं। कभी उसने मुझे बिस्तर पर चोदा, कभी मुझे उठाकर मेरी गांड पर ठोका। मेरे स्तन उसके मुँह में थे, और वो उन्हें चूस रहा था। मैं चीखी— “मामा, मेरी चूत भर दो।” उसने मुझे दीवार से टिका कर चोदा। उसका लंड मेरी चूत की गहराई में गया, और मैं चीखी— “आह, मामा, मेरी चूत सूज गई।” उसने अपना वीर्य मेरी चूत में छोड़ दिया, और मैं उसकी छाती पर ढह गई।

यह कहानी भी पढ़े :  पिता के दोस्त की बेटी की सेक्स कहानी

सुबह हो गई। हम दोनों पसीने से भीगकर बिस्तर पर पड़े थे। मेरी चूत दुख रही थी, और मेरे पैर काँप रहे थे। मामा ने मेरे स्तन दबाते हुए कहा, “नेहा, तूने मुझे पागल कर दिया।” मैं हँसी और बोली, “मामा, तुमने मुझे होटल में चोदकर मेरी ज़िंदगी की सबसे यादगार रात दी।” उसने मेरे होंठों पर चूमा, और मैंने उसकी छाती पर सिर रख दिया।

उस रात के बाद हमारा रिश्ता बदल गया। जब भी मौका मिलता है, मामा मुझे होटल ले जाता है और मुझे चोदता है। मेरे स्तन, मेरी गांड, मेरी चूत—सब उसका हो गया। हमने एक हद पार कर ली, जो गलत थी, लेकिन उस गलती में एक अनोखा सुख था। मामा ने मेरी चूत होटल में चोदी, और उस आग में मैं फिर से जी उठी।

 4 views