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हॉट सेक्स स्टोरी में पढ़ें कैसे मैंने अपनी सेक्सी नौकरानी को उसके पति की तरह चोदा। यह कामुक कहानी तब शुरू हुई जब मेरे पिताजी का तबादला एक छोटे शहर से इंदौर के लिए हुआ। हमारा घर शहर से बहुत दूर था, इसलिए वहाँ कोई नौकरानी काम करने को तैयार नहीं थी। मेरी माँ हमारी पुरानी नौकरानी को इंदौर हमारे साथ ले आईं। उसका नाम पलक था। वह थोड़ी साँवली थी, लेकिन दिखने में अच्छी थी और उसकी हाइट मेरे जितनी, यानी 5.5 फीट थी। उसके बॉल बहुत बड़े थे। अब मैं कहानी पर आता हूँ। तबादले का ऑर्डर मिलते ही हम सब इंदौर के लिए निकल पड़े। हमारे पास एक इनोवा गाड़ी थी, जिसमें पीछे एक केबिन जैसा हिस्सा था। पापा गाड़ी चला रहे थे और मम्मी उनके बगल में बैठी थीं। पीछे की एक सीट पर मैं बैठा था और मेरे पास नौकरानी पलक बैठी थी। मुझे कार में सोने की आदत है, तो मैं सो गया और जब जगा तो 2 घंटे बीत चुके थे। मेरा सिर पलक की जाँघों पर था।

मेरी आँखें खुलते ही मेरी नजर उसके बॉल्स पर गई, जो मेरे सिर के ऊपर थे। मैं कुछ देर उन्हें देखता रहा और उसने मुझे ऐसा करते हुए पकड़ लिया। वह हँसते हुए बोली, “क्या देख रहे हो?” मैं घबरा गया और बोला, “मेरी नींद अभी खुली है।” वह बोली, “झूठ मत बोलो। पिछले 5 मिनट से देख रहे हो, मुझे पता है तुम क्या देख रहे हो।” फिर उसने कहा, “चिंता मत करो। जो देखना है, सब दिखाऊँगी। अब तो कुछ साल साथ ही रहना है।” उसकी बात से मेरे अंदर हिम्मत आई और मैंने कहा, “अभी दिखाओ।” वह बोली, “अभी नहीं। अभी तुम्हारे मम्मी-पापा आगे बैठे हैं, आवाज सुन लेंगे।” मैंने कहा, “आवाज नहीं आएगी, क्योंकि ये केबिन साउंडप्रूफ है।” फिर मैंने अपने हाथ उसके बॉल्स पर रखे और दबाने लगा।

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पाँच मिनट दबाने के बाद मैंने उसे अपनी गोद में बिठाया और फ्रेंच किस करने लगा। इस तरह पूरे सफर में मैं उसे किस करता रहा और उसके बॉल्स दबाता रहा। फिर हम इंदौर पहुँचे। रात बहुत हो चुकी थी, तो हमने वहाँ पहुँचकर एक होटल में दो कमरे बुक किए। फेस्टिवल के दिन थे, इसलिए हमें साधारण कमरे नहीं मिले। हमें हनीमून सूट मिला। एक कमरे में मम्मी-पापा गए और दूसरे में मैं और पलक। पहले हम फ्रेश हुए, फिर मम्मी ने खाना ऑर्डर किया। खाना अपने आप कमरे में आ गया। हमने खाना शुरू किया और मैंने पलक की तरफ देखा। फिर मैं उस पर झपटा। मैंने उसके कपड़ों को उसके बॉल्स के ऊपरी हिस्से से फाड़ दिया और उन पर आइसक्रीम लगाई। फिर मैं कुत्ते की तरह उसके बॉल्स चाटने लगा। उसे कुछ समझ नहीं आया, लेकिन थोड़ी देर बाद वह गरम हो गई। मैंने उसके और अपने कपड़े उतार दिए।

हम ओरल सेक्स करने लगे। मैंने उसे उठाया और बाथरूम में ले गया। बाथटब को पानी से भरा और उसे लिटा दिया। फिर मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी चूत चाटने लगा। 15 मिनट बाद उसकी चूत गीली हो गई और मेरा लंड तैयार हो गया। मैंने अपना लंड उसकी चूत में जोर से घुसाया और पहले ही धक्के में हम दोनों चिल्लाए। लेकिन मैं नहीं रुका, धक्के मारता रहा। थोड़ी देर बाद हमें लगा कि हमारा आने वाला है। वह “अह्हह… अह्हह… ओह्ह… उम्म्म” की आवाजें करने लगी। वह बोल रही थी, “ठोक मुझे… जोर से ठोक… फाड़ दे मेरी चूत।” मेरा जोश बढ़ गया और मैं जोर-जोर से ठोकने लगा। 30 मिनट बाद हमने एक साथ पानी छोड़ा। मैंने उसकी चूत में ही पानी छोड़ दिया। वह घबरा गई और बोली, “तूने गलत किया।” मैंने उसे समझाया, “सुबह होते ही मैं तुम्हें आई-पिल लाकर दूँगा, ताकि तुम प्रेग्नेंट न हो।” फिर मैंने उसे उठाया, बेड पर लिटाया और उसके ऊपर सो गया। सुबह उठकर मैं मेडिकल गया और पिल्स लाया। मैंने भविष्य के लिए ज्यादा पिल्स ले लिए।

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अगले दिन हम अपने घर में शिफ्ट हो गए। घर सिर्फ 2 BHK था। पलक को अलग कमरा नहीं दिया गया था। वह मेरे कमरे में जमीन पर सोती थी। मेरा कमरा मम्मी-पापा के कमरे से सटा था, तो मैं ज्यादा कुछ नहीं कर पाता था। लेकिन मैं रोज उसके बॉल्स से दूध पीता था और वह मुझे शांत करने के लिए मेरा लंड चूसती थी। कभी-कभी मैं उसकी चूत भी चाटता था। एक दिन मम्मी-पापा को शादी के लिए बाहर जाना था। मेरी स्कूल की वजह से मैं और पलक घर पर ही रुक गए। हम दोनों खुश थे। उसी रात मम्मी-पापा की फ्लाइट थी और वे चले गए। मैं भी बहुत थक गया था, तो मैंने पलक से कहा, “जब मैं स्कूल से आऊँगा, तब तक तुम नहाकर साड़ी पहनकर तैयार रहना। एक महीने तक, जब तक मम्मी-पापा नहीं आते, तुम मेरी बीवी बनकर रहोगी।” मैंने उसके बॉल्स खोले और उन पर सिर रखकर सो गया। अगले दिन सुबह उठकर स्कूल गया और घर आकर डोरबेल बजाई। उसने दरवाजा खोला।

वह मेरे सामने साड़ी में खड़ी थी। ऐसा लग रहा था जैसे शादी का पहला दिन हो। मैं घर में घुसा, दरवाजा लॉक किया और सारी खिड़कियाँ बंद कर दीं। जब सब बंद करके लौटा, तो वह टेबल पर बैठी थी। मैं उसके पास गया और पास की कुर्सी पर बैठ गया। फिर मैंने उसे अपनी कुर्सी पर खींचा और किस करने लगा। धीरे-धीरे मैंने उसकी साड़ी खोली, वह भी मेरे कपड़े उतारने लगी। हम दोनों नंगे हो गए और मैं उसके बॉल्स चूसने लगा। 15 मिनट चूसने के बाद वह गरम हो गई। उसने मेरा लंड अपने मुँह में लिया और चूसने लगी। 20 मिनट चूसने के बाद मैंने पानी छोड़ा और उसके मुँह में छोड़ दिया। वह बहुत कामुक थी। उसने मेरा सारा पानी पी लिया और मेरे लंड को अपने होंठों से दबाकर चूस-चूसकर साफ कर दिया। फिर मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर लगाया और चाटने लगा। उसने मेरा लंड दबाना शुरू किया। वह चिल्ला रही थी, पैर पटक रही थी और उसके कामुक आवाजों ने मेरा जोश बढ़ा दिया। मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और 10 मिनट में मैं तैयार हो गया।

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फिर मैंने उसे उठाया और कुर्सी पर बिठाया। उसे किस करते हुए मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाला। मैं जोर-जोर से धक्के मारने लगा और थोड़ी देर बाद स्पीड बढ़ा दी। वह कुर्सी से नीचे गिर गई, लेकिन मैं रुका नहीं। वह मस्ती में थी और “अह्ह… उम्म्म… येस्स्स… ओह्ह” की आवाजें कर रही थी। उसकी आवाजें पूरे कमरे में गूँज रही थीं। कुछ देर ठोकने के बाद मैं वीर्य छोड़ने वाला था। मैंने पूछा, “अंदर ही छोड़ दूँ?” वह बोली, “मैं भी छोड़ने वाली हूँ, दोनों साथ में अंदर छोड़ते हैं।” हम दोनों जोर से “अह्ह… ओह्ह” चिल्लाए और एक साथ पानी छोड़ दिया। फिर हम उठे और सोफे पर बैठ गए। उसकी साड़ी में लिपटकर हम सो गए। सुबह 8 बजे नींद खुली। मैं उसे डेट पर ले गया और पूरे महीने हमने खूब मस्ती की और एक-दूसरे को जमकर चोदा।

 

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