मैं अमृतसर से बॉबी, ये बात आज से तीन महीने पुरानी है। जब मैं गर्मी की छुट्टियों में अपने नाना-नानी के घर गया था। वहाँ मेरे मामा-मामी भी रहते थे।

मेरी मामी एक मस्त माल है। वह हमेशा बड़े गले वाला कुर्ता पहनती थी। उन्हें देखकर तो मेरा मन भी डगमगाने लगता था। जैसे वह मुझे अपनी ओर आकर्षित करती थीं।

मैं भी उनके बार-बार झुकने का अब इंतजार करता रहता था। मेरी मामी का नाम सोनिया है। मुझे जब भी लगता था कि वह झुकने वाली हैं, तब मैं उनके सामने जाकर खड़ा हो जाता था।

फिर मैं तिरछी नजर से उनके बड़े-बड़े बूब्स को देखा करता था। मुझे उनके बूब्स बहुत ही पसंद आते थे। मुझे उन्हें टच करने का बहुत ही मन करता था।

कभी-कभी जानबूझकर मैं उनके सामने से जाकर उनसे टकरा जाता था। मैं बड़ी होशियारी से उनके बूब्स को छू लेता था। पर मेरा मन इतने से नहीं भरता था। मैं उन्हें सहलाना चाहता था।

वह बहुत ही गोरी थीं। उन्हें देखकर मेरा उन्हें चोदने का मन करता था। वह बहुत गदराए हुए बदन की थीं, और मैं भी वैसा ही हूँ। एक दिन मेरे मामा को कुछ काम से 6 दिनों के लिए दुबई जाना पड़ गया।

मैं घर के हॉल में बैठा था। तभी मामी हॉल में आईं और उन्होंने मुझे एक लेटर दे दिया। उस लेटर में लिखा था, “मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूँ। मुझे तुम्हें देखकर कुछ-कुछ होता है। मैं तुम्हारे साथ कुछ समय अकेले में गुजारना चाहती हूँ। इसलिए आज रात 11:00 बजे मेरे रूम में आ जाना। अगर तुम्हारी हाँ है, तो मुझे ये लेटर वापस दे देना। मैं इंतजार कर रही हूँ।”

ये पढ़कर मैं मन ही मन उछल पड़ा। मैंने तभी वह लेटर उन्हें वापस कर दिया। अब मैं 11 बजने का इंतजार कर रहा था। रात हो चुकी थी और 11 बज रहे थे।

मैं उनके रूम में चला गया। रूम में आते ही मैंने देखा कि मामी ने ब्लैक कलर की नाइटी पहन रखी थी। उन्हें देखकर ऐसा लग रहा था कि उन्होंने नीचे कुछ भी नहीं पहना है।

उनके बड़े-बड़े बूब्स मुझे साफ दिख रहे थे। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं शुरुआत कहाँ से करूँ। तभी अचानक मामी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और उस हसीन रात की शुरुआत हो गई थी।

मैंने मामी की कमर को पकड़कर अपनी ओर खींच लिया और मैं उन्हें चूमने लग गया। उनके गालों को चूमते-चूमते हुए मैं उनके होंठों तक आ गया।

जब मैंने देखा कि मामी मेरे चुमनों का मजा ले रही हैं, तो मैंने अपना एक हाथ उनके बूब्स पर रख दिया। मेरे हाथों ने जैसे ही उनके बूब्स को छुआ, तो वह काँप सी गई थीं।

मुझे उनके बूब्स में बहुत मजा आ रहा था। वे बहुत ही नरम थे। तभी मैंने उनकी नाइटी को उनके कंधे से नीचे उतार दिया। अब उनके चिकने बूब्स पूरी तरह से मेरे हाथ में थे।

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मैंने अपनी उंगलियों से उनके गुलाबी निपल्स को रगड़ना शुरू कर दिया। वह काफी गर्म हो गईं और मामी ने मेरा लंड पकड़ लिया। मैंने अपना चेहरा उनके बूब्स के पास ले गया।

अब मैं अपने गालों को उनके ब pasaż को सहलाने लग गया। मैंने अपने हाथ से उनके बूब्स को पकड़ लिया और उन्हें चूसने लग गया। ऐसा करते ही मामी पागल सी हो गईं। उन्होंने मेरे लंड को कसकर पकड़ लिया और वह उसे सहलाने लग गईं।

फिर मैंने अपनी पैंट की जिप खोली और अपने लंड को बाहर निकालकर उनके हाथ में दे दिया। मामी बहुत अच्छे से मेरे लंड को सहला रही थीं। तभी मैंने उन्हें बेड पर बिठा दिया।

और मैं उनके सामने जाकर खड़ा हो गया। वह समझ गईं कि मैं क्या चाहता हूँ। उन्होंने मेरे लंड को कसकर पकड़ लिया और उसे चूमने लग गईं। मैंने उन्हें मेरे लंड को मुँह में लेने को कहा, तो उन्होंने लंड के आगे वाले हिस्से को मुँह में ले लिया।

मुझे काफी मजा आ रहा था। मैंने मामी का सिर पकड़ा और अपना लंड अंदर घुसाने लग गया। देखते ही देखते मेरा पूरा लंड मामी के मुँह के अंदर था। मुझे काफी मजा आ रहा था।

मुझे ऐसा लग रहा था कि कहीं मेरे लंड का पानी उनके मुँह में ही न निकल जाए। इसलिए मैंने अपना लंड उनके मुँह से बाहर निकाल लिया। उसके बाद पता नहीं मामी को क्या हुआ, उन्होंने मेरे लंड को जोर-जोर से चूसना शुरू कर दिया।

फिर मैं पूरा नंगा हो गया और मैंने मामी की नाइटी भी उतार दी। उन्हें नंगा देखकर मेरा लंड पूरा सनसना उठा। अब मेरे लंड को कुछ चाहिए था और वह थी मामी की चूत।

इसलिए मैंने उन्हें बेड पर लिटा दिया, और मैं उनके ऊपर खुद चढ़ गया। मैंने अपने लंड से उनकी चूत को सहलाया, और फिर जैसे ही मैंने अपना लंड उनकी चूत में डाला।

तो मेरी मामी के मुँह से आहह आहह की आवाज निकल गई। मुझे ऐसा लगा कि मानो मामा ने उन्हें कभी चोदा ही नहीं था। मैंने कंडोम भी नहीं लगाया था। मैंने अपनी मामी को कसकर पकड़ लिया।

फिर मैं अपना लंड और अंदर घुसाता ही चला गया, और मेरी मामी दर्द से सिमट सी गई थीं। थोड़ी देर बाद उन्हें भी मजा आने लग गया था। जब चुदाई करते हुए मैं उनके चेहरे को देख रहा था।

तब वह आँखें बंद करके मुस्कुरा रही थीं। उन्हें भी काफी मजा आ रहा था। फिर मैंने अपनी मामी को घोड़ी बनने को कहा, तो वह दोनों घुटनों और हाथों के बल अपनी गांड मेरी तरफ करके घोड़ी बन गईं।

मैंने अपने हाथों से उनकी गांड को पकड़ा और उसे फैला दिया। मुझे उनकी गांड का मस्त छेद नजर आया। मेरा लंड उस छेद में जाने के लिए एकदम से तैयार था। मैंने अपना लंड जैसे ही उनकी गांड पर सेट किया।

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मामी: आहह नहीं नहीं बेटा, नहीं, गांड में मत डाल। इसमें बहुत ज्यादा दर्द होता है।

पर मेरा लंड उनकी गांड में जाने की जिद कर रहा था। इसलिए मामी थोड़ी देर बाद मान गईं। और वह बोलीं: ठीक है, पर धीरे-धीरे लंड अंदर डालना।

मेरा लंड अब धीरे-धीरे अंदर जा रहा था। मामी को बहुत दर्द हो रहा था। पर मुझे मजा आ रहा था। उनकी गांड का छेद बहुत छोटा था और मेरा लंड काफी बड़ा था।

इसलिए अंदर डालने में बहुत मुश्किल भी हो रही थी। फिर मैंने अपना पूरा जोर लगा दिया। फिर धीरे-धीरे जगह अपने आप बनती चली गई और मेरा लंड अंदर जाता रहा।

मामी की चिकनी गांड अब मेरे लंड का मजा ले रही थी। मैंने अपना लंड उनकी गांड से निकाल लिया, और मामी को मैंने लिटा दिया। फिर मैंने उनके पेट पर बैठ गया, और मैंने अपना लंड उनके दोनों बूब्स के बीच में डालकर मामी के बूब्स को मैं चोदने लग गया।

मैं: मामी, आपके तो बूब्स भी बहुत चिकने हैं।

इससे मामी शरमा गईं। मैं बोला: मामी, मेरा लंड चूसो ना।

फिर मामी ने मेरा लंड पकड़ लिया और उसे अपने गालों को सहलाने लग गईं और वह बोलीं: कैसा लग रहा है?

मैं: पहले लंड तो चूसो।

तभी मामी मेरे लंड पर अपनी जीभ फेरने लग गईं, और उसे दाँतों से काटने लग गईं। मैं तो मजे से पागल हो रहा था। मुझसे अब सहा ही गया और मैंने अपना सारा पानी मामी के चेहरे पर निकाल दिया।

मामी मेरे लंड के पानी को चाटने और चूसने लग गईं और वह बोलीं: ये तूने क्या किया?

मैं समझ गया कि अभी मामी और ज्यादा चुदना चाहती हैं। तो मैं बोला: अरे, आप घबराओ मत। अभी मैं तुम्हें और चोदूँगा। पर मेरा लंड अब बैठ गया है।

फिर मैं मामी के बूब्स को पकड़कर चूसने लग गया, और अपनी उंगली से मामी की चूत को सहलाने लग गया। मामी में अभी भी जोश बाकी था। वह मेरे लंड को सहलाने लग गईं।

धीरे-धीरे मेरा लंड फिर से खड़ा होने लग गया। जैसे ही मेरा लंड थोड़ा सा खड़ा हुआ। तभी मामी ने उसे अपने मुँह में ले लिया, और वह उसे कस-कसकर चूसने लग गईं।

अब वह मुझसे किसी भी हाल में फिर से चुदना चाहती थीं। इसलिए वह मेरे लंड को बहुत ही जबरदस्त तरीके से चूस रही थीं। उनकी चूसने की आवाज से ही मेरा लंड फिर से तैयार हो गया। अब मैं लंड को उनके गले में डालने लग गया।

मामी: अरे, मुझे और चोदो ना।

तभी मैंने मामी को सीधा लिटा दिया, और मैं मामी की चूत को चाटने लग गया। इससे मामी तिलमिला उठीं और तभी मैंने उनकी एक टाँग उठाकर अपने एक कंधे पर रख ली। फिर मैंने अपना लंड उनकी चूत पर सेट कर दिया, और एक धक्के के साथ अंदर डाल दिया।

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मैं मामी को इतनी स्पीड से चोद रहा था कि मामी बोलीं: अरे, धीरे से, आराम से चोदो ना।

मामी की चूत गीली हो गई थी। मुझे चोदने में और भी मजा आ रहा था। मेरा लंड अब चूत में आसानी से फिसल रहा था। मैंने मामी की चूत ढीली कर दी थी। मुझे डर था कि कहीं मामा को पता न चल जाए।

क्योंकि मामी की चूत पहले बहुत टाइट थी। काफी देर ऐसे ही चोदने के बाद मैं बोला: चलो मामी, अब किसी और पोज में।

मामी ने मुझे बेड पर लेटने को कह दिया, और अब वह मेरे ऊपर चढ़कर बैठ गईं। वह अपने बूब्स को मेरे मुँह में डालकर चुसवा रही थीं, और वह मेरे लंड को पकड़कर उससे अपनी चूत को सहला रही थीं।

फिर वह मेरे लंड पर बैठ गईं, और खुद ऊपर-नीचे होकर मुझसे चुदने लग गईं। मुझे बहुत ही मजा आ रहा था। वह मेरे ऊपर बैठकर हिल रही थीं। उनके बूब्स हवा में हिलते हुए बहुत ही मस्त लग रहे थे।

वह नजारा आज भी मेरी आँखों के सामने आता है। मैं अपने हाथों से मामी के बूब्स के गुलाबी निपल्स को मसल रहा था। फिर मैंने मामी की गांड को पकड़ा और मैंने नीचे लिटा दिया।

अब मैं उनके ऊपर किसी मेंढक की तरह चढ़ गया। फिर मैं मामी को बहुत जोर-जोर से चोदने लग गया। कुछ ही देर में मामी की चूत से पानी निकल गया, और मैंने भी अपने लंड का सारा पानी उनकी चूत के अंदर ही निकाल दिया।

मामी: मुझे आज तक किसी ने ऐसा नहीं चोदा।

अब मैं थककर लेट गया। मेरे अंदर अब हिलाने तक की ताकत नहीं थी। मैंने घड़ी को देखा तो 4 बज रहे थे। फिर ऐसे ही ये चुदाई पूरे 6 दिन तक चली। फिर जब मामा आ गए तो मैं मामी को होटल में ले जाकर चोदने लग गया।

तो दोस्तों, आपको कैसी लगी मेरी और मेरी मामी की चूत चुदाई। मुझे उम्मीद है कि आप सब भी इस लॉकडाउन में चुदाई का मजा ले रहे होंगे।

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