हेलो दोस्तो, मेरा रिलेशन मेरी चाची के साथ है, उनका नाम आश्वर्या है। मैं अपनी चाची को खूब चोदता हूँ, और जी भरकर उनकी गांड मारता हूँ। पर मुझे पहले भी पता था कि उनका रिलेशन एक आदमी के साथ रह चुका है।

आज उसी की कहानी मैं आपको बता रहा हूँ।

आश्वर्या एक घरेलू औरत हैं, जिनकी उम्र 45 साल है और उनका कद 5 फीट 2 इंच है। उनका वजन ज्यादा है, इसलिए वो थोड़ी मोटी दिखती हैं। इसके बावजूद वो एक गोरी-चिट्टी सेक्सी औरत हैं।

जिसे देखकर हर किसी का लंड खड़ा हो जाए। उनकी तीन लड़कियाँ और एक लड़का है। दो लड़कियों की शादी हो गई है, और एक लड़की रक्षा की उम्र 22 साल है। उनके लड़के राजू की उम्र 24 साल है।

इस उम्र में भी चाची पर सेक्स का बुखार कम नहीं हुआ था, बल्कि और ज्यादा चढ़ गया था। चाची के पति का नाम रामाकांत है, और उनका भी वजन ज्यादा है। पर अब उनमें वो बात नहीं रही है, जो जवानी में होती थी।

इसलिए चाची उनसे अब खुश नहीं होती थीं। चाची अपने नाम की तरह एकदम सजती-संवरती रहती थीं और किसी महारानी से कम नहीं लगती थीं। आज चाची कुछ ज्यादा ही सज-संवर रही थीं।

चाचा – आज क्या है?

चाची – आज के दिन हम दोनों पहली बार मिले थे, इसलिए मैं इतना तैयार हो रही हूँ। आज हम फिर से अपनी सुहागरात की याद ताजा करेंगे।

रामाकांत मुस्कुराते हुए बोले – क्यों नहीं मेरी रानी, आज बहुत दिनों बाद हम सेक्स का मजा लेंगे।

चाची – ठीक है, पर जल्दी-जल्दी मत करना, आज मुझे प्यार से रगड़ना। वरना तुम पापी-झप्पी डालकर सो जाओगे। और मेरी चूत प्यासी ही रह जाएगी।

चाचा – मेरी जान, आज तुम चिंता मत करो, आज मैंने पावर की कैप्सूल खा ली है, फिर तुम्हें जी भरकर चोदूँगा।

फिर वो दोनों हँसने लग गए, और चाचा ने आग बढ़ाकर चाची के होंठों को चूम लिया। शाम होते-होते चाची चाचा का इंतजार करने लग गईं, और उनके बच्चों ने कहा – मम्मी, आज क्या बात है, आज आपने इतना मेकअप किया हुआ है। किसी पार्टी में जाना है क्या?

चाची – अरे नहीं, बस आज मेरा मन बहुत खुश है, इसलिए मैंने थोड़ा ज्यादा सज-संवर लिया है।

पर उनकी बेटी रक्षा समझ गई थी, कि आज जरूर कुछ गड़बड़ होने वाली है। रात में सभी ने एक साथ खाना खाया और अपने-अपने रूम में चले गए। चाची ने आज अपने रूम में गुलाब जल डाला हुआ था, उसकी खुशबू पूरे रूम को महका रही थी।

फिर चाचा-चाची अपने-अपने बिस्तर पर बैठकर बातें करने लग गए। चाची का हाथ चाचा के हाथों में था, चाचा ने अपना एक हाथ उनके बालों में डाला। और फिर वो उनके भीगे हुए होंठों को चूसने लग गए।

चाचा ने चाची की साड़ी को खोल दिया, चाची ने भी तेजी दिखाई और उन्होंने चाचा के सारे कपड़े निकाल दिए। अब चाची सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थीं, और चाचा सिर्फ अंडरवियर में थे।

उनका लंड अंडरवियर में से ही अपनी झलक दिखा रहा था। फिर चाचा ने चाची का ब्लाउज और पेटीकोट भी निकाल दिया। अब चाची पूरी तरह से नंगी हो गई थीं, क्योंकि उन्होंने नीचे ब्रा-पैंटी नहीं पहनी थी।

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चाचा चाची के एक-एक अंग को चूम रहे थे, इससे चाची गर्म होने लग गई थीं। फिर उन्होंने उनके बड़े-बड़े बूब्स को खूब अच्छे से चूसा, और फिर से वो उनके होंठों को और चूत को चूसने लग गए।

चाची पूरी तरह से पागल हो गईं, अब उन्होंने अपना एक हाथ चाचा के अंडरवियर में डाला और उनका लंड पकड़ लिया। फिर चाची ने उन्हें उठाया और उनका लंड बाहर निकालकर अपने मुँह में भरने लग गईं।

इससे चाचा तड़पने लग गए, और चाची जोर-जोर से उनका लंड चूसने लग गईं। चाचा को झड़ने में ज्यादा देर नहीं लगी और उन्होंने अपना सारा पानी चाची के मुँह में भर दिया। चाची ने उनकी एक-एक बूँद को चाट लिया।

चाची ने चाचा के होंठों को अपने होंठों में लिया और उन्हें जोर-जोर से चूसने लग गईं। गर्दन के नीचे आते ही चाची ने चाचा के छोटे-छोटे निप्पल्स को जोर-जोर से चूसने लग गईं।

इससे चाचा तड़प गए, और चाची ऐसे ही उनके जिस्म को चूमते-चूमते फिर से लंड पर आ गईं। अब उन्होंने उनके ढीले लंड को मुँह में भरकर फिर से चूसने लग गईं।

काफी देर लंड चूसने के बाद चाचा का लंड फिर से खड़ा होने लग गया। चाचा अब जोश में आ गए और उन्होंने चाची को बिस्तर पर लिटाकर अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया।

चाचा जोर-जोर से धक्के मार रहे थे, और चाची को मजा आने लग गया और वो बोलीं – आज तो इस चूत की धज्जियाँ उड़ा दो मेरी सरकार, फाड़कर रख दो मेरी चूत को।

इतना सुनते ही चाचा और जोर से धक्के मारने शुरू कर दिए, और उन्होंने एक धक्के में अपना सारा माल चाची की चूत में भर दिया। चाची अभी तक नहीं झड़ी थीं, पर चाचा का लंड ढीला हो चुका था।

चाची फिर से चुदने के मूड में थीं, इसलिए उन्होंने फिर से लंड को मुँह में भर लिया। बहुत देर लंड चूसने के बाद लंड खड़ा नहीं हुआ, तो चाची मन मारकर लेट गईं।

चाचा थक गए थे, इसलिए उन्हें झट से नींद आ गई थी। फिर चाची अभी भी प्यासी थीं, उन्होंने अपनी उंगलियाँ चूत में डालकर अपना सारा पानी निकाल लिया। सुबह चाचा बड़े फ्रेश लग रहे थे, इसलिए चाची को उन्हें देखकर आग लग रही थी।

चाची ने चाचा से ज्यादा बात नहीं की, और उन्हें खाना देकर उन्हें ऑफिस भेज दिया। उनके दोनों बच्चे स्कूल चले गए थे, अब वो घर पर अकेली बोर होने लग गई थीं।

वो बार-बार यही सोच रही थीं, कि कैसे मैं अपनी प्यास बुझाऊँ। इनका लंड तो अंदर जाते ही झड़ जाता है, क्या मुझे अब किसी और से चुदना चाहिए? पर चाची का मन नहीं मान रहा था।

क्योंकि पहली बार उनके मन में पराए मर्द का ख्याल आया था। चाची अभी इसी सोच में पड़ी सोफे पर लेट गईं। तभी डोर बेल बजी और चाची ने दरवाजा खोला, तो सामने एक आदमी खड़ा था।

उसकी उम्र 40 साल की होगी, उसकी सफेद दाढ़ी थी और उसके सिर पर बाल भी बहुत कम थे। उसने बताया कि रामाकांत जी ने उसे टॉयलेट की सफाई के लिए भेजा है। फिर चाची उसे बाथरूम की तरफ ले गईं।

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उसने अपना नाम कालू बताया था, और वो अपने काम में लग गया। कुछ ही देर में उसका सारा काम हो गया। काम होने के बाद उसके कपड़े गीले हो गए थे, इसलिए वो बाथरूम में जाकर अपने कपड़े उतारकर शावर लेने लग गया।

उसने दरवाजा आधा ही बंद किया हुआ था, और वो अंदर पूरा नंगा शावर ले रहा था। काम हुआ या नहीं ये देखने के लिए चाची बाथरूम तक आईं, और वहाँ का नजारा देखकर उनके होश उड़ गए।

कालू पूरा नंगा होकर नहा रहा था, और उसका लंड देखकर उनकी साँसें तेज हो गई थीं। कालू ने चाची को देख लिया था, पर वो चाहता था कि चाची उसे देख लें।

चाची कुछ नहीं बोलीं, पर उनकी साँसें काफी तेज चल रही थीं। कुछ देर बाद चाची ने अपने आप को संभाला और वो बोलीं – तुम्हें यहाँ सफाई करने के लिए बुलाया था, नहाने के लिए।

कालू – मुझे माफ कर दो मैडम जी, मेरे कपड़े और मेरा बदन गंदा हो गया था। इसलिए मैंने सोचा नहा ही लेता हूँ।

चाची – ठीक है, जल्दी करो, मैं अपने बेडरूम में हूँ। वहीं आकर पैसे ले लेना।

कालू – ठीक है मैडम।

कालू मन ही मन खुश हो रहा था, क्योंकि मैडम उससे नाराज नहीं हुई थीं। वो सोच रहा था, कि हो न हो इसे लंड की चाहत भी होगी वरना इतनी देर कौन किसी को नंगा देखता है। अगर कोई अच्छे घर की औरत होती, तो वो उसे खरी-खोटी सुनाकर बाहर निकाल देती।

इधर चाची अपने रूम में जाकर बेड पर बैठ गईं, उनके मन में कालू का नंगा जिस्म चल रहा था, वो अपने आप पर काबू नहीं रख पा रही थीं। इसलिए चाची ने अपने कपड़े खोलकर गाउन पहन लिया।

कालू नहाकर बाहर आया, और वो बिना कपड़ों के ही चाची के रूम की तरफ चला गया था। चाची गाउन पहनकर कालू के नंगे जिस्म के बारे में सोच रही थीं।

कालू ने थोड़ा सा दरवाजा खोलकर अंदर देखा, तो चाची आँखें बंद करके बेड पर लेटी हुई थीं। चाची को ऐसे देखकर उसे भी सेक्स का बुखार चढ़ गया, उसका लंड पूरा खड़ा होकर 8 इंच का हो गया।

वो दबे पाँव अंदर गया और उसने अपने होंठ चाची के होंठों पर रख दिए। चाची बुरी तरह से चौंक गई थीं, वो सोच भी नहीं सकती थीं कि कालू आकर उनके होंठों को चूम लेगा।

उसने सोचा कि वो कालू को डरा कर भगा दे, पर वो अपनी हवस पर काबू नहीं रख पाई और वो कालू से चिपक गई। कालू ने भी उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसके होंठों का रस चूसने लग गया।

चाची पर चुदने का नशा इस तरह से चढ़ गया था कि वो जोर-जोर से उसके होंठों को चूसने लग गईं। बहुत देर तक चाची के होंठों की माँ चोदने के बाद उसने चाची का गाउन निकालकर उसे नंगा कर दिया।

चाची की प्यारी चूत एकदम क्लीन शेव थी, कालू ने चूत को अपने होंठों से लगाकर बुरी तरह से चूसने लग गया। इससे चाची पागल सी हो गईं, चाची इतनी पागल हो गई थीं।

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कि चाची अब रंडी की तरह झट से उससे चुदने के लिए तैयार हो गई थीं। कालू का लंड देखकर चाची खुश हो गई थीं, आज यही लंड उनकी प्यास बुझाने वाला था।

कालू ने अपना लंड चाची के मुँह में दे दिया, कालू भी तड़प उठा और वो ये सोचकर अपनी लाइफ पर गर्व होने लग गया था। क्योंकि एक हुस्न की प्यारी रंडी की तरह उससे चुदने को पागल हो रही थी।

आज हवस के नशे में एक मालदार औरत ने अपनी इज्जत एक रंडी की तरह उसके हाथों में दे दी थी। चाची पूरी गर्म हो गई थीं, कालू ही अब उन्हें अपना सब कुछ नजर आ रहा था।

चाची – आह आह कालू, अब देर मत करो। अपना ये लंड मेरी चूत में डालकर मेरी प्यास को बुझा दो।

कालू ने चाची की चूत पर निशाना लगाया और एक धक्के में अपना पूरा लंड उसने चाची की चूत में डाल दिया। चाची जोर से चिल्लाईं और वो बोलीं – आह कमीने, धीरे से डाल, मारेगा क्या मुझे।

कालू तो अब पागल हो गया था, उसे जन्नत का मजा जो मिल रहा था। वो जोर-जोर से धक्के लगा रहा था, चाची का पूरा जिस्म हिलने लग गया था। इतना मजा उन्हें कभी चाचा के साथ नहीं आया था।

कालू ने पूरी तरह से चाची की चूत का भोसड़ा बना दिया था। आज चाची तीन बार झड़ चुकी थीं, कालू ने जोर-जोर से धक्के मारकर अपना सारा माल चाची की चूत में डाल दिया।

चाची अपनी चुदाई से पूरी तरह से खुश थीं, फिर वो दोनों मिलकर चिपककर सो गए। थोड़ी देर बाद कालू फिर से शुरू हो गया, क्योंकि उसका लंड फिर से कड़ा हो गया था।

अब उसने चाची को उल्टा लिटा दिया, और उनकी गांड के छेद पर लंड रखकर उसने जोर से धक्का मारा। अब चाची जोर-जोर से चिल्ला रही थीं, पर उसने अपने तीन धक्कों में अपना पूरा लंड चाची की गांड में डाल दिया।

चाची जोर-जोर से चीख रही थीं, और कुछ देर में उन्हें भी मजा आने लग गया। कालू ने 10 मिनट तक चाची की गांड मारी, और फिर उसने अपने लंड का सारा पानी चाची की गांड में निकाल दिया।

फिर कालू उठा और अपने कपड़े पहनकर वहाँ से जाने लगा, और जाते हुए चाची ने कालू के होंठों पर एक लंबा किस किया, और उसे ढेर सारे पैसे भी दे दिए।

अब कालू खुशी-खुशी वहाँ से चला गया था, चाची आज पहली बार इतनी संतुष्ट हुई थीं। फिर वो अपने रूम में आकर गहरी नींद में सो गईं।

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