मेरा नाम प्रिया है, और मैं 30 साल की हूँ। मैं एक छोटे से गाँव में रहती हूँ, और मेरा शरीर बहुत ही आकर्षक है—गोरी त्वचा, भरे हुए स्तन, और मोटी गांड। मेरा विवाह राहुल से हुआ है, लेकिन उसे बच्चा होने में दिक्कत है। हम 5 साल से बच्चे के लिए कोशिश कर रहे थे, लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ। मेरा देवर, संजय, 26 साल का है—लंबा, मजबूत, और उसकी पैंट में उसका लंड मुझे हमेशा तड़पाता था। मुझे पता था कि संजय मुझे चोद सकता है और मुझे बच्चा दे सकता है।
एक दिन राहुल काम के लिए बाहर गया था। मैं और संजय घर में अकेले थे। मैंने एक पतली साड़ी पहनी थी, जिससे मेरे स्तन और गांड साफ दिख रहे थे। रात 9 बजे मैं संजय के कमरे में गई। “संजय, मुझे तुमसे बात करनी है,” मैंने कहा। “क्या है, भाभी?” संजय ने पूछा। “संजय, मुझे बच्चा चाहिए, लेकिन राहुल से नहीं हो पा रहा। क्या तुम मेरी मदद करोगे?” मैं शर्माते हुए बोली। संजय की आँखों में चमक आ गई। “भाभी, मैं तुम्हारी चूत चोदकर तुम्हें गर्भवती कर दूँगा,” उसने गर्म आवाज में कहा।
“संजय, तो आज ही कर दे,” मैंने कहा, और मेरी साड़ी नीचे गिर गई। मेरे स्तन ब्लाउज में से उभरे हुए दिख रहे थे। संजय ने मेरा ब्लाउज फाड़ दिया। “क्या मस्त स्तन हैं, भाभी,” उसने कहा और मेरा एक निप्पल मुँह में ले लिया। “आह, संजय, चूस,” मैं सिसक उठी। मेरी चूत गीली हो गई थी। संजय ने मेरी साड़ी और पेटीकोट उतार दिया। “भाभी, तुम्हारी चूत देखनी है,” उसने कहा और मेरे पैर फैला दिए। मेरी चूत नंगी होकर चमकने लगी।
संजय ने अपनी जीभ मेरी चूत पर फिराई। “आह, संजय, चाट, मेरी चूत का रस पी ले!” मैं चिल्लाई। मेरी चूत से रस टपकने लगा। “भाभी, तुम्हारी चूत का स्वाद गजब है,” संजय बोला और उसने अपनी पैंट उतारी। उसका मोटा लंड बाहर आया—लंबा, कड़ा और गर्म। “संजय, ये तो मेरी चूत फाड़ देगा!” मैं डरते हुए बोली। संजय हँसा और बोला, “भाभी, तुम्हारी चूत चोदकर ही तुम्हें बच्चा दूँगा।”
उसने मेरी चूत पर लंड रगड़ा। “अब तुम्हारी चूत चोदता हूँ,” संजय बोला और एक जोरदार धक्का मारा। “आह, संजय, मेरी चूत फट गई!” मेरी चीखें कमरे में गूँजने लगीं। उसने जोर-जोर से धक्के मारना शुरू किया। “भाभी, तुम्हारी चूत मेरे लंड को निगल रही है,” संजय बोला। मेरी गांड हर धक्के के साथ हिल रही थी। “संजय, और जोर से चोद, मुझे गर्भवती कर!” मैं चिल्लाई। मेरी चूत से रस टपक रहा था, और वह पलंग पर गिर रहा था।
चुदाई का नशा चढ़ गया। संजय ने मुझे पलंग पर कुत्तिया बनाया। “अब तुम्हारी गांड में लंड डालता हूँ,” उसने कहा और मेरी गांड पर थप्पड़ मारा। “मार, संजय, मेरी गांड लाल कर दे!” मैं बोली। उसने अपना मोटा लंड मेरी गांड में घुसा दिया। “आह, मेरी गांड फट गई, और जोर से!” मेरी चीखें बढ़ गईं। “भाभी, तुम्हारी गांड बहुत टाइट है,” संजय बोला। मेरी चूत से रस बह रहा था, और मैंने अपनी उंगलियाँ चूत में डाल दीं। “संजय, मेरी चूत और गांड दोनों चोद!” मैं सिसक उठी।
चुदाई का खेल बढ़ गया। संजय ने मुझे पलंग पर लिटाया और मुझ पर चढ़ गया। “अब तुम्हारी चूत गहराई तक चोदता हूँ,” उसने कहा और लंड मेरी चूत में ठोक दिया। “आह, संजय, मेरी चूत फाड़ दे!” मैं चिल्लाई। उसका लंड मेरी चूत के गहराई तक जा रहा था। “भाभी, तुम्हारी चूत चोदकर तुम्हें बच्चा दूँगा,” संजय बोला और मेरे स्तन दबाते हुए धक्के मारे। “चोद मुझे, संजय, मुझे तेरे लंड का मजा दे!” मेरी सिसकियाँ बढ़ गईं। पलंग हमारी चुदाई से हिल रहा था।
संजय ने मुझे दीवार के सहारे टिकाया। “भाभी, तेरे होंठ चूसता हूँ,” उसने कहा और मेरे होंठ चूसने लगा। “आह, संजय, मेरे होंठ दबा दे!” मैं बोली। उसने मेरे होंठ चबाए और बोला, “भाभी, तेरे होंठ शहद जैसे हैं।” मैंने उसका लंड हाथ में लिया और दबाते हुए बोली, “संजय, मेरी चूत फिर से चोद!” उसने मुझे पलंग पर पटका और मेरी चूत में लंड ठोक दिया। “तेरी चूत रस से भरता हूँ,” संजय चिल्लाते हुए बोला। “और जोर से चोद, मुझे गर्भवती कर!” मैं चिल्लाई।
रात गहरी हो गई। संजय मुझे बाथरूम में ले गया। “भाभी, यहाँ तेरी चूत चोदता हूँ,” उसने कहा और मुझे शॉवर के नीचे खड़ा किया। पानी मेरे नंगे शरीर पर बह रहा था। “संजय, पानी में चुदाई का मजा ले!” मैं बोली। उसने मुझे दीवार से टिकाया और मेरी चूत में लंड ठोक दिया। “आह, संजय, और जोर से!” मैं चिल्लाई। पानी हमारे शरीर पर बह रहा था, और मेरी चूत उसके लंड को गीला कर रही थी। “भाभी, तेरी चूत मेरे लंड की दीवानी है,” संजय बोला।
सुबह होने लगी। संजय ने मुझे अपनी गोद में बिठाया। “भाभी, अब तेरी गांड फिर से चोदता हूँ,” उसने कहा और मुझे उलट दिया। “संजय, मेरी गांड में लंड डाल!” मैं सिसकते हुए बोली। उसने मेरी गांड में लंड घुसा दिया। “आह, मेरी गांड फट गई, और जोर से!” मेरी चीखें कमरे में गूँज रही थीं। “भाभी, तेरी गांड मेरे लंड की गुलाम है,” संजय बोला और मुझे रगड़ने लगा। मेरी चूत से रस टपक रहा था। “चोद मुझे, संजय, मुझे तेरी रंडी बना दे!” मैं चिल्लाई।
आखिरकार मेरा लंड फूट पड़ा। मेरा गर्म रस प्रिया की चूत में भरा, फिर उसकी गांड में, और बचा हुआ उसके स्तन और होंठों पर छिड़क गया। “आह, संजय, तेरा रस मेरे मुँह में डाल,” प्रिया बोली और मेरे लंड से टपकते रस को चाट लिया। हम दोनों हाँफते हुए पलंग पर गिर पड़े। “संजय, तू मुझे गर्भवती करेगा ना?” प्रिया हँसते हुए बोली। “भाभी, तेरी चूत मेरे रस से भरी है, अब तू जरूर गर्भवती होगी,” मैंने जवाब दिया। उस चुदाई की गर्मी मेरे शरीर में समा गई थी।
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