Hindi Devar Bhabhi Sex Story – मेरे देवर ने मुझे बाथरूम में चोदा—एक हिंदी सेक्सी और वासना से भरी कहानी – मेरा नाम राधिका है। मैं 29 साल की हूँ, गोरी, जवान और भरे हुए शरीर वाली औरत। मेरे स्तन बड़े, गोल और रसीले हैं, जैसे दो पके हुए आम, जो मेरी साड़ी या नाइटी से हमेशा बाहर झाँकते हैं। मेरे निप्पल गुलाबी और सख्त हैं, जो कपड़ों के ऊपर से हल्के से दिखते हैं और मेरी जवानी की आग को बयान करते हैं। मेरी कमर पतली है, और मेरी गांड बड़ी, मुलायम और गोल है, जो चलते वक्त लचकती है और मर्दों की नजरें वहीँ ठहर जाती हैं। मेरी जाँघें मोटी और चिकनी हैं, जैसे मलाई की परतें, और मेरी चूत की गर्मी मेरे चेहरे से छिपती नहीं। मैं मुंबई में अपने पति के साथ रहती हूँ, लेकिन मेरा पति, अजय, मुझे बिस्तर पर कभी संतुष्ट नहीं कर पाता। मेरी जवानी की आग उसके छोटे और कमजोर लंड से नहीं बुझती। लेकिन मेरे देवर, विक्रम, ने मुझे बाथरूम में चोदकर मेरी प्यास बुझाई। यह है मेरी वासना और चुदाई की कहानी।
शुरुआत: देवर की नजर और मेरी बेचैनी
मार्च 2025 की बात है। मुंबई में हल्की गर्मी शुरू हो चुकी थी, और मेरे शरीर में एक अलग ही आग भड़क रही थी। अजय रात को मेरी चूत में लंड डालता, दो मिनट में झड़ जाता और सो जाता। “राधिका, अब सो जा,” वह कहता और मुझे अधूरा छोड़ देता। मेरी चूत गीली और भूखी रह जाती। मैं अपनी उंगलियों से उसे शांत करने की कोशिश करती, लेकिन वह आग बुझती नहीं थी। “मुझे एक दमदार लंड चाहिए,” मैं रात को अकेले में बुदबुदाती। मेरी जवानी बेकाबू हो रही थी।
मेरा देवर, विक्रम, 25 साल का है, गोरा, ताकतवर और आकर्षक। वह हमारे साथ रहने आया था, क्योंकि उसे मुंबई में नौकरी मिली थी। उसकी चौड़ी छाती और मजबूत बाहें मुझे पागल कर देती थीं। जब मैं साड़ी पहनकर घर में घूमती, उसकी नजरें मेरे स्तनों और गांड पर रुक जाती थीं। “भाभी, आप बहुत खूबसूरत लगती हैं,” वह कहता। मैं हँस देती, लेकिन उसकी बातों से मेरी चूत गीली हो जाती। एक बार मैं कपड़े धो रही थी। मेरी साड़ी भीग गई थी, और मेरे स्तन ब्लाउज से बाहर आने को बेताब थे। विक्रम पीछे आया। “भाभी, मदद करूँ?” उसने कहा और मेरी कमर पर हाथ रखा। “आह… विक्रम…” मैं सिहर उठी। “भाभी, आपकी कमर कमाल की है,” उसने फुसफुसाते हुए कहा और मेरे करीब आ गया। मेरी चूत गीली हो गई, लेकिन मैंने खुद को रोका।
बाथरूम वाली वह रात
22 मार्च की रात थी। अजय ऑफिस के काम से शहर से बाहर गया था। घर पर सिर्फ मैं और विक्रम थे। मैं रात को नहाने बाथरूम गई। मैंने सिर्फ एक पतला तौलिया लपेटा था। मेरे स्तन तौलिये से उभरे हुए दिख रहे थे, और मेरी गांड उससे चिपकी थी। मैं शॉवर के नीचे खड़ी थी। पानी मेरे स्तनों पर बह रहा था, और मेरे निप्पल सख्त हो गए थे। मेरी चूत गीली थी, और मैं अपनी उंगलियों से उसे सहला रही थी। “आह… कोई तो चोद दे…” मैं बुदबुदाई।
तभी बाथरूम का दरवाजा खुला। विक्रम अंदर आ गया। उसने सिर्फ लुंगी पहनी थी, और उसका लंड लुंगी में तना हुआ दिख रहा था। “भाभी, क्या कर रही हो?” उसने कहा और मेरे पास आ गया। “विक्रम, ये क्या? बाहर जाओ,” मैं डरते हुए बोली, लेकिन मेरी चूत उसे पुकार रही थी। “भाभी, तुम्हें लंड चाहिए ना?” उसने कहा और मेरा तौलिया खींच लिया। मैं पूरी नंगी हो गई। मेरे स्तन खुले हो गए। “विक्रम, ये गलत है,” मैंने कहा, लेकिन मेरी नजर उसके लंड पर चली गई।
उसने अपनी लुंगी उतार दी। उसका 8 इंच का लंड तना हुआ और मोटा था। उसका सुपारा गीला था। “भाभी, ये तुम्हारे लिए है,” उसने कहा और मेरे स्तनों को छुआ। “आह… विक्रम… चूस…” मैं सिहर उठी। उसने मेरा एक स्तन मुँह में लिया और चूसने लगा। उसकी जीभ मेरे निप्पल पर घूम रही थी। “आह… जोर से चूस…” मैं चिल्लाई। उसका दूसरा हाथ मेरे दूसरे स्तन को मसल रहा था। मेरे स्तन लाल हो गए। उसने मुझे दीवार से टिका दिया। मेरी टाँगें फैलाईं। मेरी चूत खुल गई। मेरे झांट गीले थे। “भाभी, तुम्हारी चूत कितनी गर्म है,” उसने कहा और अपनी उंगलियाँ मेरी चूत में डाल दीं। “आह… विक्रम… डाल…” मैं चीख पड़ी।
बाथरूम में चुदाई का मजा
उसने मेरी चूत में दो उंगलियाँ डालीं। “आह… विक्रम… चोद मुझे…” मैं तड़पते हुए बोली। पानी मेरे स्तनों पर बह रहा था, और मेरी चूत उसकी उंगलियों से चोदी जा रही थी। “भाभी, तुम्हारी चूत टाइट है,” उसने कहा और मेरी चूत पर लंड रगड़ा। “आह… डाल दे…” मैं चीखी। उसने एक जोरदार धक्का मारा। उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया। “आह… विक्रम… फट गई… आह…” मैं चिल्लाई। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था। वह मेरे स्तनों को दबाते हुए मुझे चोदने लगा। “भाभी, तुम्हारी चूत गजब है,” उसने कहा। हर धक्के के साथ मेरी गांड दीवार से टकरा रही थी। “विक्रम, जोर से चोद… मेरी चूत फाड़ दे,” मैं चीख रही थी। शॉवर का पानी हमारे शरीर पर गिर रहा था, और उसका लंड मेरी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था।
उसने मुझे आधा घंटा चोदा। “भाभी, अब तुम्हारी गांड चोदता हूँ,” उसने कहा। उसने मुझे पलट दिया। मेरी गांड गोल और मुलायम थी। उसने मेरी गांड पर थूका। “विक्रम, धीरे,” मैंने कहा। उसने अपनी उंगलियाँ मेरी गांड में डालीं। “आह… विक्रम…” मैं सिहर उठी। फिर उसने अपना लंड मेरी गांड में डाला। “आह… फट गई… आह…” मैं रो पड़ी। “भाभी, तुम्हारी गांड टाइट है,” उसने कहा और मेरी गांड चोदने लगा। उसकी उंगलियाँ मेरी चूत में थीं। “विक्रम, मेरी चूत भी चोद,” मैंने कहा। उसने मुझे फिर पलट दिया और मेरी चूत में लंड डाला। “भाभी, तुम्हारी चूत में झड़ता हूँ,” उसने कहा। उसने मुझे चोदा और मेरी चूत में झड़ गया। उसका गर्म वीर्य मेरी चूत से बह रहा था। “विक्रम, तूने मुझे पागल कर दिया,” मैं हाँफते हुए बोली।
रोज बाथरूम का मजा
उस रात के बाद विक्रम मुझे रोज बाथरूम में चोदने लगा। जब अजय सो जाता, मैं बाथरूम में जाती और विक्रम मुझे चोदता। “भाभी, तुम्हारी चूत मेरी है,” वह कहता। उसने मेरी गांड और चूत दोनों चोदी। एक बार उसने मुझे शॉवर के नीचे घोड़ी बनाया और मेरी चूत फाड़ दी। “विक्रम, फाड़ दे मुझे,” मैं चीखी। मेरी जवानी उसके लंड की गुलाम हो गई।
आज की हकीकत
अब मार्च खत्म होने को है। अजय को कुछ पता नहीं, लेकिन विक्रम मुझे रोज बाथरूम में चोदता है। “राधिका, तुम मेरी रंडी हो,” वह कहता है। मेरी चूत उसकी चुदाई के बिना रह नहीं सकती। मेरे देवर ने मुझे बाथरूम में चोदा, और मेरी वासना उससे पूरी हुई।
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