दोस्तों, आपकी इस कहानी का चौथा भाग लेकर हाज़िर हूँ। उम्मीद है आपको ये कहानी पसंद आ रही है।

इस भाग को पढ़ने से पहले कहानी का पिछला “भाभी का लाड़ला देवर – भाग 3” ज़रूर पढ़िए।

भाभी – क्यों नहीं, आज तक मैंने इसका लंड नहीं चूसा है, और आज मैं पहली बार लंड चूस रही हूँ। और वो भी अपने प्यारे देवर जी का।

मैं – मैं तुम्हारी चूत को चाटना चाहता हूँ।

भाभी – तो फिर चाट जल्दी से, आज तक किसी ने मेरी चूत भी नहीं चाटी है।

मैं – क्या कह रही हो?

भाभी – एकदम सही कह रही हूँ। आज तक तेरे भैया ने कभी मेरी चूत नहीं चाटी है।

मैं – और शिव ने?

भाभी – उसने भी कभी नहीं चाटी है। वो तो लंड खड़ा होते ही चुदाई शुरू कर देता था। और उसके बाद बहुत जल्दी झड़ जाता था। उस साले को सिर्फ़ चुदाई से ही मतलब था। और वो ज़्यादा से ज़्यादा सिर्फ़ 15 मिनट ही चुदाई कर पाता था।

अब मैं और भाभी 69 की पोजीशन में आ गए। अब वो मेरा लंड चूस रही थीं और मैं उनकी चूत को चाट रहा था।

मैं – भाभी, मैं ठीक से चाट रहा हूँ ना?

भाभी – तू तो बहुत अच्छे से चूत को चाट रहा है। और तेज़ी से चाट, मुझे मज़ा आ रहा है।

मैंने भाभी की चूत और ज़्यादा तेज़ी से चाटना शुरू कर दिया। 2 मिनट में ही भाभी की चूत का रस निकल गया।

मैं – लगता है बहुत जोश में हो?

भाभी – आज अपने देवर का लंड जो मैं अंदर लेने वाली हूँ।

मैं – तुम्हारी चूत का रस चाट लूँ?

भाभी – जैसी तेरी मर्जी।

अब मैं भाभी की चूत का रस चूसने लग गया, और वो सिसकियाँ लेने लग गईं।

थोड़ी देर बाद मैंने लंड का पानी भाभी के मुँह में निकाल दिया। उन्होंने सारा पानी निगल लिया।

भाभी – ज़िंदगी में आज पहली बार लंड के पानी का स्वाद लेने को मिला है।

मैं – अच्छा लगा?

भाभी – ये बहुत अच्छा है।

फिर मैंने भाभी की चूत को चाटना शुरू कर दिया, और भाभी मेरा लंड चूसने लग गईं। करीब 5 मिनट बाद भाभी फिर से झड़ गईं, तो मैंने उनकी चूत का सारा रस चाट लिया।

भाभी – आज तक मुझे ऐसा मज़ा कभी नहीं मिला है। तू एक नंबर का खिलाड़ी लग रहा है।

मैं – तुमने ही बनाया है भाभी।

तभी मुझे एक बदमाशी सूझी। मैंने अपनी एक उँगली भाभी की गांड के छेद पर रख दी और मैं बोला – मैं इसका मज़ा लेना चाहता हूँ।

भाभी – फिर तू आज यहीं से शुरू कर दे। मैंने आज तक इसका मज़ा नहीं लिया है।

मैं – इसका मज़ा भी लूँगा, पर बाद में।

भाभी – अभी क्यों नहीं?

मैं – पहले तुम्हारी चूत का मज़ा तो ले लूँ।

हम दोनों ऐसे ही बातें करते रहे। थोड़ी देर बाद मेरा लंड खड़ा हो गया और भाभी बोलीं – अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है। चल, अब शुरू हो जा।

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मैं – मैं नहीं चोदूँगा।

भाभी – क्यों?

मैं – तुम ही चोदो।

भाभी – मैं ही चोद देती हूँ, पर चिल्लाना मत।

मैं – मैं औरत थोड़े हूँ, जो मुझे दर्द हो गया और मैं चिल्लाऊँगा।

भाभी – मैं अपने देवर को चोदूँगी तो पूरी मस्ती से चोदूँगी। ऐसा धक्का लगाऊँगी कि तुझे तेरी नानी याद आ जाएगी।

मैं – कसम से, तब तो बहुत मज़ा आएगा।

इतना कहकर मैं बेड पर लेट गया। भाभी मेरे ऊपर आ गईं और मैं बोला – तुमने कभी किसी को चोदा है?

भाभी – कभी नहीं, पर आज तुझे पहली बार चोदने जा रही हूँ।

मैं – अभी पता चल जाएगा।

भाभी ने मेरा लंड अपनी चूत में डाल दिया, और वो जोर-जोर से धक्के लगाने लग गईं। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, क्योंकि आज पहली बार मेरे लंड ने चूत को छुआ था और कोई औरत मुझे चोद रही थी।

थोड़ी देर बाद भाभी बोलीं – कैसे चोद रही हूँ?

मैं – बहुत ही अच्छी तरह से चोद रही हो।

भाभी – तू जानता ही नहीं है, मैं कितनी सेक्सी हूँ।

मैं – तुम कब से सेक्सी बन गईं?

भाभी – जब से मैं तेरे लंड की मालिश कर रही हूँ।

मैं – तो फिर पहले क्यों नहीं चुदवाया?

भाभी – शर्म आती थी助手

System: थी।

वो अब जोर-जोर से धक्के लगाती रहीं, और थोड़ी देर बाद ही वो झड़ गईं।

उसके बाद वो मेरे लंड के ऊपर लेट गईं, और मेरे होंठों को चूमते हुए बोलीं – देखो, मैंने तेरी नानी याद करा दी।

मैं – मुझे तो अभी कुछ भी नहीं हुआ है।

भाभी – मैंने तेरे लंड को अपनी चूत के अंदर डालकर और धक्का मारकर मैंने अपनी चूत का पानी निकाल दिया है।

मैं – मेरा पानी निकालो, तो तुम्हें पता चलेगा।

भाभी – वो मेरा काम नहीं है। मुझे मज़ा लेना था, वो मैंने ले लिया है। तुझे मज़ा लेना है, तो मेहनत तो तुझे ही करनी पड़ेगी।

मैं – वो तो है। अब देखो मैं तुम्हें कैसे तुम्हारी नानी याद दिलाता हूँ।

अब मैं भाभी के ऊपर आ गया। मैंने उनके पैरों को मोड़कर अपने कंधे के पास सटा दिया और जोर से पकड़ लिया। वो एकदम से दोहरी हो गईं, उनकी चूत एकदम से ऊपर उठ गई।

उसके बाद मैंने उनकी चुदाई शुरू कर दी। मैं बहुत जोर-जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए।

भाभी – तू क्या मेरी सारी हड्डियाँ तोड़ डालेगा?

मैं – अभी तो ये शुरुआत है। अब आगे-आगे देखो क्या-क्या करता हूँ।

फिर मैंने पूरी ताकत से बहुत जोर-जोर से धक्के लगाते हुए भाभी को चोदना शुरू कर दिया।

भाभी – उई माँ, तू तो बहुत ही बुरी तरह से चोद रहा है।

मैं – अभी तो तुमने माँ को याद किया है ना, अब देखो तुम अपनी नानी को भी याद करोगी।

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वो हँसने लग गईं और मैं बोला – मज़ा आ रहा है?

भाभी – हाँ, बहुत मज़ा आ रहा है। तेरे दोस्त का लंड भले ही मुझसे ज़्यादा लंबा और मोटा था, पर उसने कभी मुझे इतनी अच्छी तरह से नहीं चोदा है।

मैं – मुझसे चुदने के बाद तुम उसे भूल जाओगी।

भाभी – मैं तो इतनी देर की चुदाई में ही भूल गई।

मैं भाभी को पहली बार में ही इतनी अच्छी तरह से चोद देना चाहता था कि वो उन दोनों को एकदम भूल जाएँ। तभी भाभी सिसकियाँ लेती हुई बोलीं।

भाभी – आह्ह ह्ह मैं तो गई राज, आह्ह आह।

इसके साथ ही भाभी की चूत का रस निकलने लग गया। उनकी चूत से इस बार बहुत सारा पानी निकला था। मैं अभी रुका नहीं, मैंने अपनी स्पीड से और तेज़ धक्के मारने शुरू कर दिए।

भाभी का सारा जिस्म पसीने से भीग गया था। मेरा भी सारा जिस्म पसीने से नहा चुका था। मेरे चेहरे से पसीना टपक कर भाभी के चेहरे पर गिर रहा था।

मैं जोर-जोर से धक्के लगाते हुए भाभी को चोद रहा था। करीब 5 मिनट बाद भाभी फिर से झड़ गईं और वो बोलीं – उस दिन तो कह रहा था कि अगर मैं होता, तो पूरा लंड अंदर घुसा देता।

मैं – हाँ, कहा तो था।

भाभी – आज मैं समझ गई कि तू एकदम सही कह रहा था।

मुझे भाभी की चुदाई करते हुए करीब अब 10 मिनट और बीत गए थे, और फिर से वो झड़ गईं। जब उनकी चूत का सारा माल निकल गया था, और मैं बोला।

मैं – मैं उस दिन एकदम सही कह रहा था। कहो तो मैं करके दिखा दूँ?

भाभी – वो कैसे, तेरा तो पूरा अंदर घुस ही चुका है।

मैं – कभी गांड मरवायी है?

भाभी – कभी नहीं।

मैं – फिर गांड मरवाने के लिए तैयार हो जा।

भाभी – एकदम तैयार हूँ।

मैं – कहो तो एक ही बार में पूरा का पूरा लंड तुम्हारी गांड में घुसा कर दिखा दूँ?

भाभी – दिखा दो फिर।

मैं – बहुत चिल्लाओगी।

भाभी – चिल्लाने दे ना।

मैं – बहुत दर्द भी होगा।

भाभी – होने दे ना।

मैंने अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकाला। मेरा लंड भाभी की चूत के पानी से पूरा भीगा हुआ था। मैंने भाभी की चूत का थोड़ा सा रस उनकी गांड के छेद पर लगा दिया।

उसके बाद मैंने अपने लंड का सुपाड़ा उनकी गांड के छेद पर रख दिया, और मैं बोला – तैयार हो जाओ।

भाभी – मैं तैयार हूँ।

मैंने एक धक्का मारा तो वो जोर से चीखी। मेरे लंड का सुपाड़ा उनकी गांड में घुस गया था। मैंने दूसरा धक्का मारा तो मेरा लंड उनकी गांड को चीरता हुआ 3 इंच तक अंदर घुस गया।

वो जोर-जोर से चिल्लाने लग गईं। मैंने तीसरा धक्का मारा तो उनकी गांड से खून निकल आया और मेरा लंड उनकी गांड में 5 इंच तक अंदर घुस गया। पर मैं रुका नहीं। मैंने बहुत ज़ोरदार 2 धक्के मारे और पूरा लंड मैंने उनकी गांड में दे दिया।

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भाभी अब जोर-जोर से चिल्ला रही थीं, और उनकी आँखों से आँसू निकल आए। दर्द के मारे उनका बुरा हाल हो रहा था। मैंने उनकी गांड मारनी शुरू कर दी।

थोड़ी देर तक वो चिल्लाती रहीं, और फिर धीरे-धीरे वो शांत हो गईं। करीब 5 मिनट में ही भाभी को मज़ा आने लग गया, और मैं बोला – अब क्या ख्याल है?

भाभी – तू तो बहुत ही खराब आदमी है।

मैं – क्यों, मज़ा नहीं आया?

भाभी – मज़ा तो आया, पर दर्द भी तो बहुत हुआ।

मैं – वो तो होना ही था। पर जितना होना चाहिए था, उतना तो नहीं हुआ होगा?

भाभी – और जोर-जोर से धक्के मार।

मैं – वो तो लगाऊँगा ही।

मैंने और ज़्यादा जोर-जोर से धक्के मारने शुरू कर दिए। थोड़ी ही देर में भाभी एकदम मस्त हो गईं। 10 मिनट तक उनकी गांड मारने के बाद मैंने अपना लंड उनकी गांड से निकाल कर उनकी चूत में डाल दिया और उनकी चुदाई शुरू कर दी।

5 मिनट में ही भाभी फिर से झड़ गईं और भाभी बोलीं – और कितनी बार मेरी चूत का पानी निकालेगा?

मैं – तुम बस देखती जाओ।

मैंने उनकी चूत से अपना लंड निकाल कर फिर गांड में डाल दिया। 5 मिनट गांड मारने के बाद मैंने फिर उनकी चुदाई शुरू कर दी। करीब 10 मिनट की चुदाई में ही वो फिर से झड़ गईं, तो मैं उनकी गांड मारनी शुरू कर दी।

भाभी – लगता है तू आज मेरी चूत का भोसड़ा बना ही देगा।

मैं – इसी को तो असली चुदाई कहते हैं।

भाभी – तो वो मैं आज समझ ही गई, क्योंकि तेरा दोस्त ने मुझे ज़्यादा से ज़्यादा सिर्फ़ 15 मिनट तक ही चोदा था।

मैं – अभी देखती जाओ, मैं तुम्हें कितनी बार चोदकर चोदूँगा।

5 मिनट तक उनकी गांड मारने के बाद मैंने फिर से उनकी चुदाई शुरू कर दी। करीब 10 मिनट में ही भाभी फिर से झड़ गईं, और वो बोलीं – अब रहने दे, मैं एकदम से थक गई हूँ।

दोस्तों, मुझे उम्मीद है कि जैसे भाभी को मेरी चुदाई पसंद आ रही है, वैसे ही आपको भी मेरी चुदाई में मज़ा आ रहा होगा। अब आगे की चुदाई मैं आपको इस कहानी के अगले भाग में बताऊँगा। अगला भाग पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें!

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