मेरा नाम अभि है। मैं 24 साल का हूँ, गोरा, मजबूत और हैंडसम। मैं दिल्ली में अपनी दो बहनों—रिया और सिया—के साथ रहता हूँ। रिया 22 साल की है, और सिया 20 साल की। दोनों गोरी, भरे हुए शरीर वाली और हॉट हैं। उनके स्तन बड़े, गोल और रसीले हैं, जैसे दो पके हुए खरबूजे, जो उनके टॉप या नाइटी में से हमेशा बाहर झाँकते हैं। उनके निप्पल गुलाबी और कड़े हैं, जो कपड़ों के ऊपर से हल्के से दिखते हैं और उनकी जवानी की आग दिखाते हैं। उनकी कमर पतली है, और उनकी गांड बड़ी, मुलायम और गोल है, जो चलते समय लचकती है और लोगों की नजरें वहीं खींच लेती है। उनकी जाँघें मोटी और चिकनी हैं, जैसे मलाई की परतें, और उनकी चूत की गर्मी उनके चेहरे से छिपती नहीं। हम तीनों बहुत करीब हैं, लेकिन एक रात मेरी बहनों की हवस और मेरा प्यार एक अलग रास्ते पर चला गया। ये है मेरी और मेरी बहनों की हवस और चुदाई की कहानी।
मार्च 2025 की एक रात थी। दिल्ली में हल्की गर्मी शुरू हो चुकी थी, और मेरी बहनों की जवानी की आग मुझे महसूस हो रही थी। मम्मी-पापा एक शादी में गए थे, और घर में सिर्फ मैं, रिया और सिया थे। मैं अपने कमरे में बैठकर टीवी देख रहा था, तभी रिया ने मुझे पुकारा, “अभि, इधर आ ना!” मैं उनके कमरे में गया, वहाँ रिया और सिया दोनों नाइटी पहने बैठी थीं। उनकी नाइटी में से उनके स्तन और गांड लचक रहे थे। रिया ने एक शराब की बोतल टेबल पर रखी थी। “अभि, आज हम पार्टी करेंगे,” सिया ने हँसते हुए कहा। मैंने कहा, “नहीं, मुझे शराब नहीं चाहिए।” लेकिन उन्होंने मुझे जबरदस्ती एक ग्लास पिलाया। शराब मेरे गले से नीचे गई, और मेरे शरीर में एक अजीब सी गर्मी फैल गई। मेरा लंड हल्का सा तन गया, और अपनी बहनों को देखकर मेरी हवस जाग उठी।
रिया और सिया ने भी शराब पी। उनकी आँखों में हवस दिख रही थी। रिया मेरे पास आई और मेरे गाल पर एक चुम्मा लिया। “अभि, तू बहुत हैंडसम है,” वह फुसफुसाई। सिया ने मेरे दूसरे गाल पर चुम्मा लिया और बोली, “हाँ, अभि, हमें तेरे साथ मस्ती करनी है।” मेरा मन डगमगाया। “रिया, सिया, ये गलत है,” मैंने कहा, लेकिन मेरी हवस उन्हें बुला रही थी। रिया ने मेरी टी-शर्ट उतारी, और सिया ने मेरी पैंट नीचे खींच दी। मेरा 8 इंच का लंड तना हुआ और मोटा था। “अभि, तेरा लंड कितना मस्त है,” रिया ने कहा और उसे हाथ में लेकर सहलाने लगी। सिया ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रखे, और उसकी जीभ मेरे मुँह में घुस गई। मेरी हवस अब बेकाबू हो चुकी थी।
रिया ने अपनी नाइटी उतारी। उसके स्तन नंगे हो गए। उसके निप्पल कड़े थे। “अभि, मेरे स्तन चूस,” वह बोली। मैंने उसका एक स्तन मुँह में लिया और जोर से चूसने लगा। “आह… अभि… चूस… जोर से चूस…” रिया सिसक उठी। सिया ने भी अपनी नाइटी उतार दी। उसकी चूत नंगी हो गई। उसकी घनी झाँटें गीली थीं। “अभि, मेरी चूत चाट,” सिया ने कहा। मैंने उसके पैर फैलाए और अपनी जीभ उसकी चूत पर फिराने लगा। “आह… अभि… चाट… मस्त चाट…” सिया चिल्लाई। रिया ने मेरा लंड मुँह में लिया और चूसने लगी। “आह… रिया… चूस… मस्त है…” मैं सिसक उठा। मेरी बहनों की हवस मुझे पागल कर रही थी।
सिया ने मुझे बिस्तर पर धकेला। “अभि, मेरी चूत चोद,” वह बोली। मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ा। “सिया, ये ले,” मैंने कहा और एक जोरदार धक्का मारा। मेरा लंड उसकी चूत में पूरा घुस गया। “आह… अभि… फट गई… आह…” सिया चिल्लाई। मैं उसके स्तन दबाते हुए उसे चोदने लगा। रिया ने अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दी। “अभि, मेरी चूत चाट,” वह बोली। मैं उसकी चूत चाटने लगा। “आह… अभि… चाट… मस्त चाट…” रिया सिसक उठी। मैं सिया को चोद रहा था, और रिया की चूत चाट रहा था। मेरी बहनों की हवस मुझे दीवाना बना रही थी।
मैंने सिया को आधा घंटा चोदा। “अभि, अब मेरी चूत चोद,” रिया ने कहा। मैंने सिया को हटाया और रिया की चूत में अपना लंड डाल दिया। “आह… अभि… फट गई… आह…” रिया चिल्लाई। मैंने उसकी चूत जोर से चोदना शुरू किया। सिया ने मेरी गांड पर थप्पड़ मारा। “अभि, मेरी गांड चोद,” वह बोली। मैं रिया को चोदते हुए सिया को पलट दिया। उसकी गांड गोल और मुलायम थी। मैंने उसकी गांड पर थूका और अपनी उंगलियाँ उसकी गांड में डाल दीं। “आह… अभि… धीरे…” सिया सिसक उठी। फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड में डाला। “आह… फट गई… आह…” वह रो पड़ी। मैंने उसकी गांड चोदना शुरू किया।
रिया ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रखे और मुझे चूमने लगी। “अभि, मेरी भी गांड चोद,” वह बोली। मैंने सिया को हटाया और रिया को पलट दिया। उसकी गांड भी मस्त थी। मैंने उसके गांड में अपना लंड डाला। “आह… अभि… फट गई… आह…” रिया चिल्लाई। मैंने उसकी गांड चोदना शुरू किया। सिया ने मेरे लंड को चूसना शुरू किया। “अभि, तेरा लंड मस्त है,” वह बोली। मैं रिया को चोद रहा था, और सिया मेरा लंड चूस रही थी। मेरी बहनों की हवस मुझे पागल कर रही थी। मैं रिया की गांड में झड़ गया, और मेरा वीर्य उसकी गांड से बह रहा था।
उस रात के बाद रिया और सिया मुझे रोज चोदने बुलाती थीं। जब मम्मी-पापा घर पर नहीं होते, वे मुझे अपने कमरे में ले जातीं। “अभि, तेरा लंड हमारा है,” वे कहतीं। एक बार उन्होंने मुझे बाथरूम में शॉवर के नीचे चोदा। “अभि, हमें फाड़ दे,” रिया चिल्लाई। मेरा लंड उनकी चूत और गांड में अंदर-बाहर कर रहा था। सिया ने मेरे लंड को चूसा, और रिया ने मेरी गांड में उंगलियाँ डालीं। मेरी बहनों की हवस मुझे पागल कर रही थी। मैंने उन्हें रात भर चोदा और उनका संतोष किया।
कभी-कभी वे मुझे किचन में चोदने बुलातीं। एक बार मैं किचन में बर्तन धो रहा था, तभी रिया और सिया आईं। उन्होंने मेरी पैंट नीचे खींची और मेरा लंड चूसना शुरू किया। “अभि, तेरा लंड मस्त है,” सिया ने कहा। मैंने रिया को टेबल पर झुकाया और उसकी चूत में अपना लंड डाल दिया। “आह… अभि… चोद… जोर से चोद…” रिया चिल्लाई। सिया ने मेरी गांड पर थप्पड़ मारा और मेरे लंड को चूसा। मैंने रिया को चोदा और सिया की चूत में झड़ गया। मेरी बहनों की हवस मुझे पागल कर रही थी।
अब मार्च खत्म हो चुका है। मम्मी-पापा को कुछ नहीं पता, लेकिन रिया और सिया मुझे अब भी चोदती हैं। “अभि, तू हमारा भाई है, लेकिन हमारी हवस तू ही पूरी करता है,” वे कहती हैं। मेरा लंड उनकी चुदाई के बिना रह नहीं सकता। मेरी दो बहनों की हवस और मेरा प्यार एक अलग रास्ते पर चला गया, और हम तीनों एक-दूसरे की हवस का आनंद लेते हैं। मेरी बहनों की हवस मुझे पागल करती है, और मैं उनका प्यार और हवस दोनों पूरी करता हूँ।
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