एक हिंदी हॉट, सेक्सी और उत्तेजक चुदाई की कहानी भाई के लंड की भूख और बहन की हवस

मेरा नाम अजय है। मैं गोरा, मजबूत और आकर्षक हूँ। मैं दिल्ली में अपनी छोटी बहन काव्या के साथ रहता हूँ। काव्या गोरी, भरे हुए बदन वाली और बेहद हॉट है। उसके स्तन बड़े, गोल और रसीले हैं, जैसे दो पके हुए आम, जो उसके टॉप या नाइटी से हमेशा बाहर झाँकते हैं। उसके निप्पल गुलाबी और सख्त हैं, जो कपड़ों के ऊपर से हल्के से दिखते हैं और उसकी जवानी की आग बयान करते हैं। उसकी कमर पतली है, और उसकी गांड बड़ी, मुलायम और गोल है, जो चलते वक्त लचकती है और लोगों की नजरें वहीँ ठहरा देती है। उसकी जाँघें मोटी और चिकनी हैं, जैसे मलाई की परतें, और उसकी चूत की गर्मी उसके चेहरे से छुपती नहीं। हम दोनों बहुत करीब हैं, लेकिन एक रात मेरी हवस और उसकी भूख हमें एक अनजानी राह पर ले गई। ये है मेरी और मेरी बहन की हवस और चुदाई की कहानी।

मार्च 2025 की एक रात थी। दिल्ली में हल्की गर्मी शुरू हो चुकी थी, और मेरे शरीर में जवानी की आग भड़क रही थी। मम्मी-पापा एक शादी में गए थे, और घर में सिर्फ मैं और काव्या थे। मैं अपने कमरे में टीवी देख रहा था, तभी काव्या ने मुझे पुकारा, “अजय, यहाँ आ ना!” मैं उसके कमरे में गया, जहाँ काव्या लाल नाइटी पहने बैठी थी। उसकी नाइटी से उसके स्तन और गांड उभर रहे थे। उसने मुझे एक शराब की बोतल दिखाई। “अजय, आज मज़ा करते हैं,” वह हँसते हुए बोली। मैंने कहा, “काव्या, ये गलत है।” लेकिन उसने मुझे जबरदस्ती एक गिलास पिला दिया। शराब मेरे गले से उतरी, और मेरे शरीर में एक अजीब सी गर्मी फैल गई। मेरा लंड हल्का सख्त हो गया, और काव्या को देखकर मेरी हवस जाग उठी।

काव्या ने भी शराब पी। उसकी आँखों में हवस साफ दिख रही थी। वह मेरे पास आई और मेरे गाल पर एक चुम्बन दे दिया। “अजय, तू बहुत आकर्षक है,” उसने फुसफुसाते हुए कहा। मेरा मन डगमगा गया। “काव्या, ये ठीक नहीं,” मैंने कहा, लेकिन मेरी हवस मुझे रोक नहीं रही थी। उसने मेरी टी-शर्ट उतारी और मेरी पैंट नीचे खींच दी। मेरा लंड सख्त और मोटा था। “अजय, तेरा लंड कितना शानदार है,” उसने कहा और उसे हाथ में लेकर सहलाने लगी। उसने मेरे होंठों पर होंठ रखे, और उसकी जीभ मेरे मुँह में घुस गई। मेरी हवस अब बेकाबू हो चुकी थी। मैंने उसकी नाइटी उतार दी। उसके स्तन नंगे हो गए। उसके निप्पल सख्त थे।

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“अजय, मेरे स्तन चूस,” काव्या बोली। मैंने उसका एक स्तन मुँह में लिया और जोर से चूसने लगा। “आह… अजय… चूस… और जोर से चूस…” काव्या सिसकारी। उसकी चूत नंगी हो गई। उसके घने बाल गीले थे। “अजय, मेरी चूत चाट,” उसने कहा। मैंने उसकी टाँगें फैलाईं और अपनी जीभ उसकी चूत पर फिराने लगा। “आह… अजय… चाट… मस्त चाट…” काव्या चीखी। उसने मेरा लंड मुँह में लिया और चूसने लगी। “आह… काव्या… चूस… कमाल है…” मैं सिसकारा। मेरी बहन की हवस मुझे पागल कर रही थी। मैं उसकी चूत चाट रहा था, और वह मेरा लंड चूस रही थी। शराब का नशा और उसकी हवस मुझे दीवाना बना रहा था।

काव्या ने मुझे बिस्तर पर धकेला। “अजय, मेरी चूत चोद,” वह बोली। मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ा। “काव्या, ले,” मैंने कहा और एक जोरदार धक्का मारा। मेरा लंड उसकी चूत में पूरा घुस गया। “आह… अजय… फट गई… आह…” काव्या चीखी। मैं उसके स्तन दबाते हुए उसे चोदने लगा। “अजय, जोर से चोद… मेरी चूत फाड़ दे…” वह चीख रही थी। मैं उसकी चूत को जोर-जोर से चोदने लगा। उसकी गांड बिस्तर पर टकरा रही थी। मैंने उसके होंठों पर होंठ रखे और उसे चूमने लगा। “आह… अजय… तू कमाल चोदता है…” वह सिसकारी। मैंने उसे आधा घंटा चोदा। मेरी हवस और उसकी भूख मुझे पागल कर रही थी।

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“अजय, अब मेरी गांड चोद,” काव्या ने कहा। मैंने उसे पलटा। उसकी गांड गोल और मुलायम थी। मैंने उसकी गांड पर थूका और अपनी उंगलियाँ उसकी गांड में डालीं। “आह… अजय… धीरे…” काव्या सिसकारी। फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड में डाला। “आह… फट गई… आह…” वह रो पड़ी। मैं उसकी गांड चोदने लगा। “काव्या, तेरी गांड शानदार है,” मैंने कहा। मैंने उसकी गांड जोर-जोर से चोदी। उसके स्तन हिल रहे थे, और मैं उन्हें दबा रहा था। “आह… अजय… चोद… जोर से चोद…” वह चीख रही थी। मैं उसकी गांड में झड़ गया, और मेरा वीर्य उसकी गांड से बहने लगा।

उस रात के बाद काव्या मुझे रोज चोदने बुलाती। जब मम्मी-पापा घर पर नहीं होते, वह मुझे अपने कमरे में ले जाती। “अजय, तेरा लंड मेरा है,” वह कहती। एक बार उसने मुझे बाथरूम में शॉवर के नीचे चोदा। “अजय, मुझे फाड़ दे,” वह चीखी। मेरा लंड उसकी चूत और गांड में अंदर-बाहर हो रहा था। उसने मेरे लंड को चूसा, और मैंने उसकी चूत में उंगलियाँ डालीं। मेरी बहन की हवस मुझे दीवाना बना रही थी। मैंने उसे पूरी रात चोदा और उसका संतोष किया।

कभी-कभी वह मुझे किचन में चोदने बुलाती। एक बार मैं किचन में बर्तन धो रहा था, तभी काव्या आई। उसने मेरी पैंट नीचे खींची और मेरा लंड चूसने लगी। “अजय, तेरा लंड कमाल है,” उसने कहा। मैंने उसे टेबल पर झुकाया और उसकी चूत में अपना लंड डाला। “आह… अजय… चोद… जोर से चोद…” काव्या चीखी। मैंने उसकी चूत को जोर-जोर से चोदा। उसने मेरी गांड पर थप्पड़ मारा और मेरे लंड को चूसा। मैंने उसे चोदा और उसकी चूत में झड़ गया। मेरी बहन की हवस मुझे पागल कर रही थी।

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काव्या ने एक बार मुझे अपनी सहेली के सामने चोदा। उसकी सहेली मुझे देख रही थी, और काव्या ने मुझे नंगा कर मेरे लंड को चूसा। “अजय, तेरा लंड शानदार है,” उसने कहा। मैंने काव्या को उसकी सहेली के सामने चोदा। “आह… अजय… चोद… जोर से चोद…” वह चीख रही थी। उसकी सहेली मेरे स्तन देख रही थी, और मैं काव्या को जोर-जोर से चोद रहा था। मैं उसकी चूत में झड़ गया, और उसकी सहेली मुझे देखती रही। मेरी बहन की हवस मुझे दीवाना बना रही थी, और मैं उसकी हवस पूरी कर रहा था।

अब मार्च खत्म हो चुका है। मम्मी-पापा को कुछ नहीं पता, लेकिन काव्या मुझे अब भी चोदती है। “अजय, तू मेरा भाई है, लेकिन मेरी हवस तू ही पूरी करता है,” वह कहती है। मेरा लंड उसकी चुदाई के बिना नहीं रह सकता। मेरी बहन की हवस और मेरी भूख एक अनजानी राह पर चली गई, और हम दोनों एक-दूसरे की हवस का आनंद लेते हैं। मेरी बहन की हवस मुझे दीवाना बनाती है, और मैं उसकी हवस और अपनी भूख दोनों पूरी करता हूँ।

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