मेरा नाम स्नेहा है। मैं 29 साल की हूँ, गोरी, जवान और भरे हुए शरीर वाली औरत। मेरे स्तन बड़े, गोल और रसदार हैं, जैसे दो पके हुए आम, जो मेरी साड़ी या नाइटी से हमेशा बाहर झाँकते हैं। मेरे निप्पल गुलाबी और सख्त हैं, जो कपड़ों के ऊपर से हल्के से दिखते हैं और मेरी जवानी की आग को दर्शाते हैं। मेरी कमर पतली है, और मेरी गांड बड़ी, मुलायम और गोल है, जो चलते समय लचकती है और मर्दों की नजरें वहीँ ठहरा देती है। मेरी जाँघें मोटी और चिकनी हैं, जैसे मलाई की परतें, और मेरी चूत की गर्मी मेरे चेहरे से छिपती नहीं। मैं दिल्ली में अपने पति के साथ रहती हूँ, लेकिन मेरा पति, संजय, मुझे बिस्तर पर कभी संतुष्ट नहीं कर पाता। मेरी जवानी की आग उसके छोटे और कमजोर लंड से बुझती नहीं। लेकिन मेरे देवर, रोहित ने, मुझे बाथरूम में चोदकर मेरी प्यास बुझाई। यह है मेरी वासना और चुदाई की कहानी।

शुरुआत: देवर की नजर और मेरी तड़प

मार्च 2025 की बात है। दिल्ली में हल्की गर्मी शुरू हो चुकी थी, और मेरे शरीर में एक अलग ही आग भड़क रही थी। संजय रात को मेरी चूत में लंड डालता, दो मिनट में झड़ जाता और सो जाता। “स्नेहा, सो जा अब,” वह कहता और मुझे अधूरा छोड़ देता। मेरी चूत गीली और भूखी रहती। मैं अपनी उंगलियों से उसे शांत करती, लेकिन वह आग बुझती नहीं थी। “मुझे एक शानदार लंड चाहिए,” मैं रात में खुद से फुसफुसाती। मेरी जवानी बेकाबू हो रही थी।

मेरा देवर, रोहित, 25 साल का है, गोरा, मजबूत और आकर्षक। वह हमारे साथ रहने आया था, क्योंकि उसे दिल्ली में नौकरी मिली थी। उसकी चौड़ी छाती और मोटे हाथ मुझे पागल कर देते थे। जब मैं साड़ी पहनकर घर में घूमती, उसकी नजरें मेरे स्तनों और गांड पर रुक जातीं। “भाभी, आप बहुत सुंदर लगती हैं,” वह कहता। मैं हँसती, लेकिन मेरी चूत उसके बोलने से गीली हो जाती। एक बार मैं कपड़े धो रही थी। मेरी साड़ी गीली हो गई थी, और मेरे स्तन ब्लाउज से बाहर आने को तड़प रहे थे। रोहित पीछे आया। “भाभी, मदद करूँ?” उसने कहा और मेरी कमर पर हाथ रखा। “आह… रोहित…” मैं सिसक पड़ी। “भाभी, आपकी कमर शानदार है,” वह फुसफुसाया और मेरे करीब आया। मेरी चूत गीली हो गई, लेकिन मैंने खुद को रोका।

बाथरूम वाली रात

22 मार्च की रात थी। संजय ऑफिस के काम से बाहर गया था। घर पर मैं और रोहित थे। मैं रात को बाथरूम में नहाने गई। मैंने सिर्फ़ एक पतला तौलिया लपेटा था। मेरे स्तन तौलिये से उभरे हुए दिख रहे थे, और मेरी गांड उससे चिपकी थी। मैं शॉवर के नीचे खड़ी थी। पानी मेरे स्तनों पर से बह रहा था, और मेरे निप्पल सख्त हो गए थे। मेरी चूत गीली थी, और मैं अपनी उंगलियों से उसे सहला रही थी। “आह… कोई चोद दे तो…” मैं फुसफुसाई।

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तभी बाथरूम का दरवाज़ा खुला। रोहित अंदर आया। उसने सिर्फ़ लुंगी पहनी थी, और उसका लंड लुंगी से तना हुआ दिख रहा था। “भाभी, क्या कर रही हो?” उसने कहा और मेरे करीब आया। “रोहित, ये क्या? बाहर जा,” मैं डरते हुए बोली, लेकिन मेरी चूत उसे बुला रही थी। “भाभी, आपको लंड चाहिए ना?” उसने कहा और मेरा तौलिया खींच लिया। मैं नंगी हो गई। मेरे स्तन नंगे हो गए। “रोहित, ये गलत होगा,” मैंने कहा, लेकिन मेरी नजर उसके लंड पर चली गई।

उसने लुंगी उतारी। उसका 8 इंच का लंड तना हुआ और मोटा था। उसकी टोपी गीली थी। “भाभी, ये आपके लिए है,” उसने कहा और मेरे स्तनों को छुआ। “आह… रोहित… चूस…” मैं सिसक पड़ी। उसने मेरा एक स्तन मुँह में लिया और चूसने लगा। उसकी जीभ मेरे निप्पल पर घूम रही थी। “आह… जोर से चूस…” मैं चिल्लाई। उसका दूसरा हाथ मेरे दूसरे स्तन को मसल रहा था। मेरे स्तन लाल हो गए। उसने मुझे दीवार से टिकाया। मेरी टाँगें फैलाईं। मेरी चूत नंगी हो गई। मेरे झाट गीले थे। “भाभी, आपकी चूत कितनी गर्म है,” उसने कहा और अपनी उंगलियाँ मेरी चूत में डालीं। “आह… रोहित… डाल…” मैं चीख पड़ी।

बाथरूम में चुदाई का मज़ा

उसने मेरी चूत में दो उंगलियाँ डालीं। “आह… रोहित… चोद मुझे…” मैं तड़पते हुए बोली। पानी मेरे स्तनों पर से बह रहा था, और मेरी चूत उसकी उंगलियों से चोदी जा रही थी। “भाभी, आपकी चूत टाइट है,” उसने कहा और मेरी चूत पर लंड रगड़ा। “आह… डाल ना…” मैं चीखी। उसने एक जोरदार धक्का मारा। उसका लंड मेरी चूत में पूरी तरह घुस गया। “आह… रोहित… फट गई… आह…” मैं चिल्लाई। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था। वह मेरे स्तन दबाते हुए मुझे चोदने लगा। “भाभी, आपकी चूत शानदार है,” उसने कहा। हर धक्के से मेरी गांड दीवार पर टकरा रही थी। “रोहित, जोर से चोद… मेरी चूत फाड़ दे,” मैं चीख रही थी। शॉवर का पानी हमारे शरीर पर गिर रहा था, और उसका लंड मेरी चूत में अंदर-बाहर कर रहा था।

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उसने मुझे आधा घंटा चोदा। “भाभी, अब आपकी गांड चोदता हूँ,” उसने कहा। उसने मुझे पलटा। मेरी गांड गोल और मुलायम थी। उसने मेरी गांड पर थूका। “रोहित, धीरे,” मैंने कहा। उसने अपनी उंगलियाँ मेरी गांड में डालीं। “आह… रोहित…” मैं सिसक पड़ी। फिर उसने अपना लंड मेरी गांड में डाला। “आह… फट गई… आह…” मैं रो पड़ी। “भाभी, आपकी गांड टाइट है,” उसने कहा और मेरी गांड चोदने लगा। उसकी उंगलियाँ मेरी चूत में थीं। “रोहित, मेरी चूत भी चोद,” मैंने कहा। उसने मुझे फिर पलटा और मेरी चूत में लंड डाला। “भाभी, आपकी चूत में झड़ता हूँ,” उसने कहा। उसने मुझे चोदा और मेरी चूत में झड़ गया। उसका गर्म वीर्य मेरी चूत से बह रहा था। “रोहित, तूने मुझे पागल कर दिया,” मैं हाँफते हुए बोली।

रोज़ बाथरूम में मज़ा

उस रात के बाद रोहित मुझे रोज़ बाथरूम में चोदने लगा। जब संजय सो जाता, मैं बाथरूम में जाती और रोहित मुझे चोदता। “भाभी, आपकी चूत मेरी है,” वह कहता। उसने मेरी गांड और चूत दोनों चोदी। एक बार उसने मुझे शॉवर के नीचे घोड़ी बनाया और मेरी चूत फाड़ दी। “रोहित, फाड़ दे मुझे,” मैं चीखी। मेरी जवानी उसके लंड की गुलाम हो गई।

आज का सच

अब मार्च खत्म होने वाला है। संजय को कुछ पता नहीं, लेकिन रोहित मुझे रोज़ बाथरूम में चोदता है। “स्नेहा, तू मेरी रंडी है,” वह कहता है। मेरी चूत उसकी चुदाई के बिना नहीं रह सकती। मेरे देवर ने मुझे बाथरूम में चोदा, और मेरी वासना उससे पूरी हुई।

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