मेरा नाम प्रिया है। मैं 25 साल की जवान और गोरी बहू हूँ। मेरे स्तन बड़े, गोल और रसीले हैं, जैसे दो पके हुए तरबूज, जो मेरी साड़ी या नाइटी से हमेशा बाहर झाँकते रहते हैं। मेरे निप्पल गुलाबी और सख्त हैं, जो कपड़ों के ऊपर से हल्के से दिखते हैं और मेरी जवानी की आग को बयान करते हैं। मेरी कमर पतली है, और मेरी गांड बड़ी, मुलायम और गोल है, जो चलते समय लचकती है और लोगों की नजरें वहीँ ठहरा देती है। मेरी जाँघें मोटी और चिकनी हैं, जैसे मलाई की परतें, और मेरी चूत की गर्मी मेरे चेहरे से छिपती नहीं थी। मैं लखनऊ में अपने पति और ससुर के साथ रहती थी। मेरा पति, राहुल, 30 साल का था, लेकिन वह बिस्तर पर मुझे कभी संतुष्ट नहीं कर पाता था। उसका लंड छोटा और कमजोर था, और वह दो मिनट में झड़ जाता था। लेकिन मेरे ससुर, महेश, ने मुझे अपने कमरे में बुलाकर चोदा और मेरी जवानी की प्यास बुझाई। यह है मेरी और मेरे ससुर की वासना और चुदाई की कहानी।

# शुरुआत: ससुर की वासना और प्रिया की जवानी

मार्च 2025 की बात है। लखनऊ में हल्की गर्मी शुरू हो चुकी थी, और प्रिया के शरीर में जवानी की आग धधक रही थी। राहुल रात को उसकी चूत में लंड डालता, दो मिनट में झड़ जाता और सो जाता। “प्रिया, अब सो जा,” वह कहता और उसे अधूरा छोड़ देता। प्रिया की चूत गीली और भूखी रह जाती। वह अपनी उंगलियों से खुद को शांत करने की कोशिश करती, लेकिन वह आग बुझती नहीं थी। “मुझे एक मस्त, मोटा लंड चाहिए,” वह रात में अकेले में फुसफुसाती। उसकी जवानी बेकाबू हो रही थी।

महेश, प्रिया का ससुर, 55 साल का था, लेकिन अभी भी ताकतवर और बलवान था। उसकी चौड़ी छाती और मोटे हाथ अभी भी जवान दिखते थे। उसकी आँखों में एक भूख थी, जो प्रिया को हमेशा निहारती थी। जब प्रिया साड़ी पहनकर घर में घूमती, महेश की नजरें उसके स्तनों और गांड पर टिक जातीं। “प्रिया, तू बहुत खूबसूरत है,” वह हँसकर कहता। प्रिया शरमाती, लेकिन महेश की बातें उसकी चूत को गीला कर देती थीं। एक बार प्रिया किचन में थी। उसकी साड़ी गीली हो गई थी, और उसके स्तन ब्लाउज से बाहर निकलने को बेताब थे। महेश पीछे आया। “प्रिया, क्या बना रही हो?” उसने कहा और उसकी कमर पर हाथ रखा। “आह… ससुर जी…” प्रिया सिसकारी। “प्रिया, तेरी जवानी मुझे पागल कर देती है,” महेश ने फुसफुसाया और चला गया। उस दिन से प्रिया की चूत महेश के लिए तड़पने लगी।

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# कमरे में बुलाकर चुदाई

20 मार्च की रात थी। राहुल ऑफिस के काम से शहर से बाहर गया था। घर में सिर्फ प्रिया और महेश थे। प्रिया नहाकर लाल नाइटी पहनी थी। उसकी नाइटी उसके स्तनों से चिपकी थी, और उसके निप्पल सख्त दिख रहे थे। महेश ने उसे अपने कमरे में बुलाया। “प्रिया, जरा इधर आ,” उसने कहा। प्रिया उसके कमरे में गई। महेश ने सिर्फ लुंगी पहनी थी, और उसका लंड लुंगी में तना हुआ दिख रहा था। “ससुर जी, क्या हुआ?” प्रिया ने पूछा। “प्रिया, मुझे तेरी जवानी चाहिए,” महेश ने हिम्मत करके कहा। प्रिया चौंकी, लेकिन उसकी चूत गीली हो गई।

महेश ने प्रिया को पास खींचा और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। प्रिया की जीभ उसके मुँह में गई, और उसकी जीभ उसके साथ खेलने लगी। “आह… ससुर जी…” प्रिया सिसकारी। “प्रिया, मुझे तेरी चूत चोदनी है,” महेश ने फुसफुसाया। प्रिया ने कुछ नहीं बोलने का फैसला किया, क्योंकि उसकी चूत उसे बुला रही थी। महेश ने उसकी नाइटी उतारी। प्रिया के स्तन नंगे हो गए। उसके निप्पल सख्त थे। “प्रिया, तेरे स्तन गजब हैं,” महेश ने कहा और एक स्तन मुँह में लिया। वह उसे चूसने लगा। “आह… ससुर जी… चूसो… जोर से चूसो…” प्रिया चीखी। महेश का दूसरा हाथ उसके दूसरे स्तन को मसल रहा था। प्रिया के स्तन लाल हो गए। महेश ने उसके पैर फैलाए। प्रिया की चूत नंगी हो गई। उसकी घनी झांटें गीली थीं। “प्रिया, तेरी चूत कितनी गर्म है,” महेश ने कहा और अपनी उंगलियाँ उसकी चूत में डाल दीं। “आह… ससुर जी… डालो…” प्रिया चिल्लाई।

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# चुदाई का मज़ा

महेश ने प्रिया की चूत में दो उंगलियाँ डालीं। “आह… ससुर जी… चोदो मुझे…” प्रिया तड़पकर बोली। महेश ने अपनी लुंगी उतारी। उसका 9 इंच का लंड तना हुआ और मोटा था। उसका सुपारा गीला था। “प्रिया, ये देख मेरा लंड,” महेश ने कहा। “ससुर जी, ये तो बहुत बड़ा है,” प्रिया ने आँखें बड़ी करके कहा। महेश ने उसकी चूत पर लंड रगड़ा। “प्रिया, इसे ले,” उसने कहा और एक जोरदार धक्का मारा। उसका लंड प्रिया की चूत में पूरा घुस गया। “आह… ससुर जी… फट गई… आह…” प्रिया चीखी। महेश का लंड उसकी चूत को चीर रहा था। वह उसके स्तनों को दबाते हुए उसे चोदने लगा। “प्रिया, तेरी चूत टाइट है,” महेश ने कहा। हर धक्के के साथ प्रिया की गांड बिस्तर पर टकरा रही थी। “ससुर जी, जोर से चोदो… मेरी चूत फाड़ दो,” प्रिया चीख रही थी।

महेश ने प्रिया को आधा घंटा चोदा। “प्रिया, अब तेरी गांड चोदता हूँ,” उसने कहा। उसने उसे पलटाया। प्रिया की गांड गोल और मुलायम थी। महेश ने उसकी गांड पर थूका। “ससुर जी, धीरे,” प्रिया ने कहा। महेश ने अपनी उंगलियाँ उसकी गांड में डालीं। “आह… ससुर जी…” प्रिया सिसकारी। फिर महेश ने अपना लंड उसकी गांड में डाला। “आह… फट गई… आह…” प्रिया रो पड़ी। “प्रिया, तेरी गांड कमाल है,” महेश ने कहा और उसकी गांड चोदने लगा। उसकी उंगलियाँ उसकी चूत में थीं। “ससुर जी, मेरी चूत भी चोदो,” प्रिया ने कहा। महेश ने उसे फिर पलटाया और उसकी चूत में लंड डाला। “प्रिया, तेरी चूत में झड़ता हूँ,” उसने कहा। उसने उसे चोदा और उसकी चूत में झड़ गया। उसका गर्म वीर्य प्रिया की चूत से बह रहा था। “ससुर जी, आपने मुझे पागल कर दिया,” प्रिया हाँफते हुए बोली।

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# रोज की चुदाई

उस रात के बाद महेश प्रिया को रोज चोदने लगा। जब राहुल सो जाता, महेश उसे अपने कमरे में बुलाता। “प्रिया, तेरी चूत मेरी है,” वह कहता। एक बार उसने उसे बाथरूम में शॉवर के नीचे चोदा। “ससुर जी, मुझे फाड़ दो,” प्रिया चीखी। महेश का लंड उसकी चूत और गांड में अंदर-बाहर करता रहा। कभी-कभी वह उसे किचन में चोदता। “प्रिया, तेरी गांड मुझे चाहिए,” वह कहता और उसे टेबल पर घोड़ी बनाकर चोदता।

# आज की हकीकत

अब मार्च खत्म होने को है। राहुल को कुछ पता नहीं, लेकिन महेश प्रिया को रोज चोदता है। “प्रिया, तू मेरी रंडी है,” वह कहता है। प्रिया की चूत उसकी चुदाई के बिना नहीं रह सकती। ससुर ने कमरे में बुलाकर बहू की चुदाई की, और प्रिया की वासना महेश के साथ पूरी हुई।

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