मेरा नाम अर्जुन है। मैं 25 साल का हूँ और बेंगलुरु में एक आईटी कंपनी में काम करता हूँ। मेरी गर्लफ्रेंड, प्रिया, 23 साल की है। वो कॉलेज में पढ़ती है और दिखने में बेहद आकर्षक है—उसके स्तन सख्त और गोल, उसकी गांड चलते वक्त लचकती है, और उसकी चूत की गर्मी उसकी आँखों में झलकती है। हम दो साल से रिलेशनशिप में हैं, और हमारा बंधन बहुत गहरा है। लेकिन एक बार जंगल में हुई एक घटना ने हमारे रिश्ते को नई ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया।
एक बार हमने वेस्टर्न घाट्स के जंगल में ट्रेकिंग करने का फैसला किया। शनिवार था, और मौसम शानदार था—ठंडी हवा, हरे-भरे पेड़, और शांति। मैं और प्रिया सुबह जल्दी निकल पड़े। उसने एक टाइट टॉप और शॉर्ट्स पहने थे—उसके स्तन टॉप से बाहर आने को बेताब थे, और उसकी गांड शॉर्ट्स में मटक रही थी। मैंने जीन्स और टी-शर्ट पहना था। हम जंगल में पहुँचे और ट्रेकिंग शुरू की। दोपहर हुई, और हम एक सुनसान जगह पर रुके—चारों तरफ बस पेड़ और पक्षियों की आवाज़ें।
हम एक बड़े पत्थर के पास बैठे। प्रिया मेरे बगल में बैठी और बोली, “अर्जुन, यहाँ कितना सुकून है ना?” मैंने उसकी ओर देखा। उसके स्तन मुझे दिख रहे थे, और मेरा लंड धीरे-धीरे तनने लगा। “प्रिया, तू यहाँ गज़ब की लग रही है। तेरे स्तन और गांड मुझे पागल कर रहे हैं,” मैंने कहा। वो शरमा गई और बोली, “अर्जुन, ये क्या बोल रहा है?” लेकिन उसकी आँखों में शरारत भरी चमक थी। मैं उसके करीब सरका और उसके कंधे पर हाथ रखा। “प्रिया, यहाँ सिर्फ हम दोनों हैं। मुझे तुझे छूने का मन कर रहा है,” मैंने धीरे से कहा। वो चुप रही, बस मुझे देखती रही।
मैंने उसे अपनी ओर खींचा। उसके होंठ मेरे होंठों से टकराए—नरम, गीले, और गर्म। मैंने उसके होंठ चूसना शुरू किया। वो सिसक पड़ी— “आह, अर्जुन।” मेरे हाथ उसके टॉप पर गए। मैंने उसे ऊपर खींचा और उसके स्तन नंगे कर दिए। उसने ब्रा नहीं पहनी थी। उसके स्तन मेरे सामने थे—सख्त, गोल, और मुझे बुलाते हुए। “प्रिया, तेरे स्तन कितने शानदार हैं,” मैंने कहा और उन्हें दबाने लगा। वो सिसक पड़ी— “आह, अर्जुन, धीरे कर।” मैंने उसके निप्पल पर मुँह रखा और चूसने लगा। वो चीखी— “उफ्फ, अर्जुन, मैं पागल हो जाऊँगी।”
मेरे हाथ उसके शॉर्ट्स पर गए। मैंने उसे नीचे खींच दिया। उसकी गांड मेरे सामने नंगी थी—मुलायम, भरी हुई, और लचकती हुई। “प्रिया, तेरी गांड मुझे चोदने पर मजबूर करेगी,” मैंने कहा और उसे सहलाया। वो सिसकते हुए बोली, “अर्जुन, मुझे चोद दे। मेरी चूत तेरे लिए तड़प रही है।” मैंने उसके शॉर्ट्स और पैंटी उतार दी। वो मेरे सामने पूरी नंगी थी। उसकी चूत गीली और गर्म थी। मैंने अपने कपड़े फेंक दिए। मेरा लंड बाहर आया—लंबा, मोटा, और तना हुआ। “प्रिया, मैं तुझे जंगल में चोदने वाला हूँ,” मैंने कहा। वो हँसी और बोली, “अर्जुन, मुझे अपने हवाले कर दे।”
मैंने उसे एक पेड़ के नीचे लिटा दिया। जंगल में सन्नाटा था, बस पक्षियों की आवाज़ और हमारी साँसें सुनाई दे रही थीं। मैंने उसके पैर फैलाए। उसकी चूत मेरे सामने खुल गई—गीली, गर्म, और रस से टपकती हुई। मैंने उसकी चूत पर जीभ रखी। वो चीख पड़ी— “आह, अर्जुन, ये क्या कर रहा है?” मैंने उसकी चूत चाटना शुरू किया। उसका रस मेरे मुँह में गया। “प्रिया, तेरी चूत कितनी मीठी है,” मैंने कहा। वो सिसकते हुए बोली, “अर्जुन, मुझे चोद दे। अब बर्दाश्त नहीं होता।”
मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ा। वो काँप रही थी। मैंने एक जोरदार धक्का मारा, और मेरा लंड उसकी चूत में घुस गया। वो चीखी— “आह, अर्जुन, मेरी चूत फट गई।” मैंने उसे चोदना शुरू किया। मेरा लंड उसकी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था। उसके स्तन हर धक्के के साथ उछल रहे थे। वो सिसक रही थी— “आह, अर्जुन, और जोर से। मेरी चूत फाड़ दे।” मैं पागलों की तरह उसे चोद रहा था। जंगल में उसकी सिसकियाँ और मेरे धक्कों की आवाज़ गूंज रही थी।
मैंने उसे उल्टा किया। उसकी गांड मेरे सामने खुल गई—मुलायम, गोल, और मुझे बुलाती हुई। “प्रिया, तेरी गांड भी चोदूंगा,” मैंने कहा। वो सिसकते हुए बोली, “चोद दे, अर्जुन। मेरी गांड तेरी है।” मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड डाला और चोदना शुरू किया। उसकी गांड मेरे हाथों में मुलायम और गर्म लग रही थी। मैंने उसकी गांड पर एक थप्पड़ मारा और बोला, “प्रिया, तेरी गांड कमाल की है।” वो सिसक पड़ी— “उफ्फ, अर्जुन, मेरी गांड जल रही है।” मैंने उसकी गांड में एक उंगली डाली, और वो पागल होकर चीखी— “आह, अर्जुन, मुझे मार डाल।”
जंगल में सूरज ढल रहा था, और हमारी चुदाई रुक नहीं रही थी। मैं उसकी चूत और गांड दोनों चोद रहा था। उसकी सिसकियाँ और जंगल की हवा एक हो गई थी। शाम हो गई, लेकिन हम नहीं रुके। कभी मैंने उसे पेड़ के नीचे चोदा, कभी उसे उठाकर उसकी गांड पर ठोका। उसके स्तन मेरे मुँह में थे, और मैं उन्हें चूस रहा था। वो चीखी— “अर्जुन, मेरी चूत भर दे।” मैंने उसे पेड़ से टिकाकर चोदा। मेरा लंड उसकी चूत की गहराई में गया, और वो चीखी— “आह, अर्जुन, मेरी चूत सूज गई।” मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया, और वो मेरी छाती पर ढह गई।
रात हो गई। हम दोनों पसीने से भीगकर जमीन पर पड़े थे। उसकी चूत दुख रही थी, और उसके पैर काँप रहे थे। मैंने उसके स्तन हल्के से दबाए और बोला, “प्रिया, तुझे जंगल में चोदने में मज़ा आया।” वो हँसी और बोली, “अर्जुन, तूने जो सुख दिया, वो मुझे बार-बार चाहिए।” मैंने उसके होंठों पर चूमा, और वो मेरी बाहों में समा गई।
उस दिन के बाद हमारा रिश्ता और गहरा हो गया। जब भी मौका मिलता है, मैं प्रिया को जंगल या घर में चोदता हूँ। उसके स्तन, उसकी गांड, उसकी चूत—सब मेरा हो गया। हमने एक खास अनुभव साझा किया, और उस जंगल की आग हमारे रिश्ते में हमेशा जलती रही। गर्लफ्रेंड को जंगल में चोदा, और उस सुख में मैं फिर से जी उठा।
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