मेरा नाम आरव है। मैं गोरा, मजबूत और आकर्षक हूँ। मैं जयपुर में अपनी दो बहनों—काव्या और माया—के साथ रहता हूँ। दोनों गोरी, भरे हुए बदन वाली और बेहद हॉट हैं। उनके स्तन बड़े, गोल और रसीले हैं, जैसे दो पके हुए आम, जो उनके टॉप या नाइटी से हमेशा बाहर झाँकते हैं। उनके निप्पल गुलाबी और सख्त हैं, जो कपड़ों के ऊपर से हल्के से दिखते हैं और उनकी जवानी की आग बयान करते हैं। उनकी कमर पतली है, और उनकी गांड बड़ी, मुलायम और गोल है, जो चलते वक्त लचकती है और लोगों की नजरें वहीँ ठहरा देती है। उनकी जाँघें मोटी और चिकनी हैं, जैसे मलाई की परतें, और उनकी चूत की गर्मी उनके चेहरे से छुपती नहीं। हम तीनों बहुत करीब हैं, लेकिन एक रात मेरी बहनों की हवस और मेरा प्यार हमें एक अनजानी राह पर ले गया। यह है मेरी और मेरी बहनों की हवस और चुदाई की कहानी।
मार्च 2025 की एक रात थी। जयपुर में हल्की गर्मी शुरू हो चुकी थी, और मेरी बहनों की जवानी की आग मुझे महसूस हो रही थी। मम्मी-पापा एक शादी में गए थे, और घर में सिर्फ मैं, काव्या और माया थीं। मैं अपने कमरे में टीवी देख रहा था, तभी काव्या ने मुझे पुकारा, “आरव, यहाँ आ ना!” मैं उनके कमरे में गया, जहाँ काव्या और माया नाइटी पहने बैठी थीं। उनकी नाइटी से उनके स्तन और गांड उभर रहे थे। काव्या ने टेबल पर एक शराब की बोतल रखी थी। “आरव, आज हम पार्टी करेंगे,” माया ने हँसते हुए कहा। मैंने कहा, “नहीं, मुझे शराब नहीं चाहिए।” लेकिन उन्होंने मुझे जबरदस्ती एक गिलास पिला दिया। शराब मेरे गले से उतरी, और मेरे शरीर में एक अजीब सी गर्मी फैल गई। मेरा लंड हल्का सख्त हो गया, और अपनी बहनों को देखकर मेरी हवस जाग उठी।
काव्या और माया ने भी शराब पी। उनकी आँखों में हवस साफ दिख रही थी। काव्या मेरे पास आई और मेरे गाल पर एक चुम्बन दे दिया। “आरव, तू बहुत आकर्षक है,” उसने फुसफुसाया। माया ने मेरे दूसरे गाल पर चुम्बन दिया और बोली, “हाँ, आरव, हमें तुझसे मज़ा करना है।” मेरा मन डगमगा गया। “काव्या, माया, ये गलत है,” मैंने कहा, लेकिन मेरी हवस उन्हें बुला रही थी। काव्या ने मेरी टी-शर्ट उतारी, और माया ने मेरी पैंट नीचे खींच दी। मेरा 8 इंच का लंड सख्त और मोटा था। “आरव, तेरा लंड कितना शानदार है,” काव्या ने कहा और उसे हाथ में लेकर सहलाने लगी। माया ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रखे, और उसकी जीभ मेरे मुँह में घुस गई। मेरी हवस अब बेकाबू हो चुकी थी।
काव्या ने अपनी नाइटी उतारी। उसके स्तन नंगे हो गए। उसके निप्पल सख्त थे। “आरव, मेरे स्तन चूस,” उसने कहा। मैंने उसका एक स्तन मुँह में लिया और जोर से चूसने लगा। “आह… आरव… चूस… और जोर से चूस…” काव्या सिसकारी। माया ने भी अपनी नाइटी उतारी। उसकी चूत नंगी हो गई। उसके घने बाल गीले थे। “आरव, मेरी चूत चाट,” माया ने कहा। मैंने उसकी टाँगें फैलाईं और अपनी जीभ उसकी चूत पर फिराने लगा। “आह… आरव… चाट… मस्त चाट…” माया चीखी। काव्या ने मेरा लंड मुँह में लिया और चूसने लगी। “आह… काव्या… चूस… कमाल है…” मैं सिसकारा। मेरी बहनों की हवस मुझे पागल कर रही थी।
माया ने मुझे बिस्तर पर धकेला। “आरव, मेरी चूत चोद,” वह बोली। मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ा। “माया, ले,” मैंने कहा और एक जोरदार धक्का मारा। मेरा लंड उसकी चूत में पूरा घुस गया। “आह… आरव… फट गई… आह…” माया चीखी। मैं उसके स्तन दबाते हुए उसे चोदने लगा। काव्या ने अपनी चूत मेरे मुँह पर रख दी। “आरव, मेरी चूत चाट,” उसने कहा। मैं उसकी चूत चाटने लगा। “आह… आरव… चाट… मस्त चाट…” काव्या सिसकारी। मैं माया को चोद रहा था, और काव्या की चूत चाट रहा था। मेरी बहनों की हवस मुझे दीवाना बना रही थी।
मैंने माया को आधा घंटा चोदा। “आरव, अब मेरी चूत चोद,” काव्या ने कहा। मैंने माया को हटाया और काव्या की चूत में अपना लंड डाला। “आह… आरव… फट गई… आह…” काव्या चीखी। मैं उसकी चूत को जोर-जोर से चोदने लगा। माया ने मेरी गांड पर थप्पड़ मारा। “आरव, मेरी गांड चोद,” उसने कहा। मैं काव्या को चोदते हुए माया को पलटा। उसकी गांड गोल और मुलायम थी। मैंने उसकी गांड पर थूका और अपनी उंगलियाँ उसकी गांड में डालीं। “आह… आरव… धीरे…” माया सिसकारी। फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड में डाला। “आह… फट गई… आह…” वह रो पड़ी। मैं उसकी गांड चोदने लगा।
काव्या ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रखे और मुझे चूमने लगी। “आरव, मेरी गांड भी चोद,” उसने कहा। मैंने माया को हटाया और काव्या को पलटा। उसकी गांड भी शानदार थी। मैंने उसके गांड में अपना लंड डाला। “आह… आरव… फट गई… आह…” काव्या चीखी। मैं उसकी गांड चोदने लगा। माया ने मेरे लंड को चूसना शुरू किया। “आरव, तेरा लंड कमाल है,” उसने कहा। मैं काव्या को चोद रहा था, और माया मेरा लंड चूस रही थी। मेरी बहनों की हवस मुझे पागल कर रही थी। मैं काव्या की गांड में झड़ गया, और मेरा वीर्य उसकी गांड से बहने लगा।
उस रात के बाद काव्या और माया मुझे रोज चोदने बुलातीं। जब मम्मी-पापा घर पर नहीं होते, वे मुझे अपने कमरे में ले जातीं। “आरव, तेरा लंड हमारा है,” वे कहतीं। एक बार उन्होंने मुझे बाथरूम में शॉवर के नीचे चोदा। “आरव, हमें फाड़ दे,” काव्या चीखी। मेरा लंड उनकी चूत और गांड में अंदर-बाहर हो रहा था। माया ने मेरे लंड को चूसा, और काव्या ने मेरी गांड में उंगलियाँ डालीं। मेरी बहनों की हवस मुझे दीवाना बना रही थी। मैंने उन्हें पूरी रात चोदा और उनका संतोष किया।
कभी-कभी वे मुझे किचन में चोदने बुलातीं। एक बार मैं किचन में बर्तन धो रहा था, तभी काव्या और माया आईं। उन्होंने मेरी पैंट नीचे खींची और मेरा लंड चूसने लगीं। “आरव, तेरा लंड शानदार है,” माया ने कहा। मैंने काव्या को टेबल पर झुकाया और उसकी चूत में अपना लंड डाला। “आह… आरव… चोद… जोर से चोद…” काव्या चीखी। माया ने मेरी गांड पर थप्पड़ मारा और मेरे लंड को चूसा। मैंने काव्या को चोदा और माया की चूत में झड़ गया। मेरी बहनों की हवस मुझे पागल कर रही थी।
अब मार्च खत्म हो चुका है। मम्मी-पापा को कुछ नहीं पता, लेकिन काव्या और माया मुझे अब भी चोदती हैं। “आरव, तू हमारा भाई है, लेकिन हमारी हवस तू ही पूरी करता है,” वे कहती हैं। मेरा लंड उनकी चुदाई के बिना नहीं रह सकता। मेरी दो बहनों की हवस और मेरा प्यार एक अनजानी राह पर चला गया, और हम तीनों एक-दूसरे की हवस का आनंद लेते हैं। मेरी बहनों की हवस मुझे दीवाना बनाती है, और मैं उनका प्यार और हवस दोनों पूरा करता हूँ।
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