दोस्तों ये पार्ट पढ़ने से पहले पिछला पार्ट जरूर पढ़ना: भोगी भाई मेरे जिस्म का प्यासा-1
अब आगे…
आदमी – क्यों उसका एक ही चश्मदीद गवाह है और वो है भोगी भाई।
उसका नाम सुनते ही मेरे सिर पर जैसे कोई बम फट गया था, मेरी आँखों के सामने सारी बात एकदम से साफ हो गई।
आदमी – मैडम वो कहता है, कि उस आदमी को बृज साहब ने जानबूझकर मशीन में धक्का दिया था।
मैं – ये एकदम झूठ है, वो एक नंबर का कमीना इंसान है। वो मेरे पति को फँसा रहा है।
आदमी – देखिए मैडम आपसे मेरी पूरी हमदर्दी है, पर मैं आपकी इस समय कोई मदद नहीं कर सकता हूँ। भोगी भाई की इंस्पेक्टर से काफी अच्छी दोस्ती है, और आज सारे वर्कर भी बृज साहब के खिलाफ हो रहे हैं। आप मेरी बात मानो तो आप एक बार भोगी भाई से मिल लो। अगर वो बयान बदल दे तो शायद बृज सिर बच सकते हैं।
मैं – मैं थूकती हूँ उस कमीने पर।
ये कहकर मैं पैर पटकती वहाँ से निकल गई, पर मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं आखिर अब क्या करूँ। फिर मैं पुलिस स्टेशन गई, वहाँ काफी देर बाद मुझे बृज से मिलने दिया गया।
उनकी हालत देखकर मुझे रोना आ गया, उनके बाल बिखरे हुए थे। उनकी दोनों आँखें सूझ चुकी थी, शायद पुलिस वालों ने उन्हें बहुत मारा था। वो मुझसे बात करने की कोशिश कर रहे थे, पर वो कुछ बोल नहीं पा रहे थे।
पति – जान अब कुछ नहीं हो सकता है, अब तो भोगी भाई ही कुछ कर सकता है।
मुझे किसी और से उम्मीद की किरण नहीं दिखाई दी, तो मैं आखिरकार मैंने भोगी भाई से मिलने का फैसला किया। कि शायद वो मुझ पर रहम खा जाए, और फिर मैं 8 बजे उनके घर पर गई।
गेट पर उनके दरबान ने रोका – साहब को कहना कि मिस सिंह आई हैं।
फिर वो अंदर गया और कुछ देर बाद वो बाहर आया और वो बोला – अभी मालिक बिजी हैं, आपको कुछ देर वेट करना होगा।
करीब 15 मिनट बाद उसने मुझे अंदर बुलाया, उसका मकान सच में काफी बड़ा था। अंदर ड्राइंग रूम में भोगी भाई दीवान पर आधा लेटा हुआ था, और उसके तीन चमचे कुर्सी पर बैठे हुए थे।
सबके हाथों में शराब के ग्लास थे, और सामने टेबल पर एक शराब की बोतल खुली हुई थी। मैं रूम में डरती हुई अंदर चली गई।
भोगी भाई ने अपने सामने वाली कुर्सी की तरफ इशारा करते हुए मुझे कहा – आ बैठ।
मैं जल्दी से वहाँ भागना चाहती थी, इसलिए मैं बोली – वो मैं आप से बृज अपने पति के बारे में बात करना चाहती थी।
वो शराब पीते हुए बोला – ये अपनी सुंदरशहन कपड़ा मिल के इंजीनियर की बीवी है, कसम से बहुत ही सेक्सी चीज है।
सब के सब अब मुझे वासना की नजरों से देख रहे थे, और फिर वो बोला – हाँ बोल क्या चाहिए तुझे?
मैं मिन्नत करते हुए बोली – मेरे बृज ने कुछ भी नहीं किया है।
भोगी – हाँ मुझे पता है।
मैं – पुलिस कहती है, कि अगर आप अपना बयान बदल लेंगे तो वो छूट जाएँगे।
भोगी – क्यों मैं क्यों बदलूँ अपना बयान?
मैं – प्लीज हम पर।
भोगी – सड़ने दे साले को 20 साल जेल में, बहन का लोड़ा मुझसे लड़ने आया था।
मैं – प्लीज आप ही अब एक आखिरी उम्मीद हो।
भोगी भाई अपने होंठों पर जीभ फेरते हुए बोले – पर क्यों, मैं क्यों अपना बयान बदलूँ? इसके बदले मुझे क्या मिलेगा?
मैं अपनी आँखें झुका कर बोली – आप कहिए आपको क्या चाहिए, अगर मेरे बस में हुआ तो हम जरूर दे देंगे।
ये सुनकर वो उठा और अपना ग्लास टेबल पर रखकर मेरे पीछे आ गया। मैं अपनी आँखें बंद करके उसके पैरों की आवाज सुन रही थी, इस समय मेरी हालत उस खरगोश जैसी थी। जो अपना सिर झाड़ियों में फँसाकर सोच रहा था कि वो भेड़िए से बच जाएगा।
उसने मेरे पीछे आकर साड़ी के आँचल को पकड़ा और मेरी छाती से उसने हटा दिया। फिर उसके कठोर हाथ मेरे कोमल बूब्स को मसलने लग गए।
वो मेरे कान के पास आकर धीरे से बोला – मुझे तुम्हारा ये जिस्म चाहिए वो भी पूरे एक दिन के लिए।
मैंने हामी भरते हुए अपना सिर झुका लिया। वो बोला – ऐसे नहीं अपने मुँह से बोलो।
अब उसने मेरे ब्लाउज में हाथ डाल कर बूब्स को नोच दिया था, मैं इतने सारे लोगों के सामने शर्म से गड़ी जा रही थी। मैं फिर से हाँ में सिर हिला दिया।
भोगी – साली मुँह से बोल।
मैं बहुत धीरे से बोली – हाँ।
भोगी – जोर से बोल कुछ सुनाई नहीं दिया, तुझे कुछ सुनाई दिया रे चपलू?
चपलू – नहीं।
मैं जोर से बोली – हाँ मुझे मंजूर है।
भोगी – क्यों फूलन देवी जी मैंने कहा था ना, कि साली तू खुद मेरे घर आकर कहेगी कि मुझे चोदो। अब कहाँ गई तेरी अकड़? अब तू पूरे 24 घंटे के लिए मेरे कब्जे में रहेगी।
मैं जैसे कहूँगा वो तुझे करना होगा, अगले 24 घंटे बस अपनी चूत खोलकर तुझे रंडियों की तरह चुदना है। उसके बाद तू और तेरा मर्द आजाद हो जाओगे।
वरना नहीं तो तेरा तो मर्द 20 साल के लिए गया अंदर, और साली तुझे भी मैं रंडीबाजी के लिए अंदर करवा दूँगा। फिर तो तू वैसे भी वहाँ से पूरी रंडी बनकर ही बाहर निकलेगी।
मैं अपने आँसुओं पर काबू करते हुए बोली – नहीं मुझे मंजूर है।
फिर वो जाकर अपनी जगह पर बैठ गया, और वो बोला – चल साली अब शुरू हो जा अपने कपड़े उतार, मुझे औरतों के जिस्म पर कपड़े अच्छे नहीं लगते हैं।
फिर उसने एक पेग मारा और वो बोला – साली अब ये कपड़े तुझे कल रात को 10 बजे के बाद ही मिलेंगे। चल अब इनको भी दिखा तुझे अपने हुस्न पर कितना गुरूर है। वैसे भी आज तू बड़ी सज-धज कर आई है।
मैंने काँपते हुए हाथों से ब्लाउज के बटन खोलने शुरू कर दिए, और सारे बटन खोलकर मैंने ब्लाउज के दोनों हिस्सों को अपने बूब्स के ऊपर हटाया। और ब्रा में मेरे कसे हुए बूब्स को वो अपनी भूखी नजरों से देख रहे थे।
मैंने ब्लाउज को अपने जिस्म से अलग कर दिया, चारों की आँखें एकदम से चमक उठी। मैंने फिर अपने जिस्म से अपनी साड़ी को अलग कर दिया, फिर मैंने अपना पेटीकोट भी उतार दिया।
मेरा पेटीकोट मेरे पैरों में आकर ढेर हो गया था। चारों की आँखों में अब वासना बाहर आने को हो रही थी। मैं उनके सामने ब्रा, पैंटी और हाई हील्स के सैंडल में खड़ी हुई थी।
भोगी – साली मैंने कहा था, कि अपने सारे कपड़े उतार।
मैं मिन्नत करते हुए बोली – प्लीज मुझे और जलील मत करो।
भोगी – अब राजे इंस्पेक्टर को फोन लगा और उसे कह कि उस साले बृज की पूरी रात रेल बना दे। और इस रंडी को भी अंदर डाल दे।
मैं – नहीं नहीं ऐसा मत करना, आप जैसा कहोगे मैं वैसा ही करूँगी।
ये कहते हुए मैंने अपनी ब्रा के पीछे से हुक खोल दिए, और फिर धीरे-धीरे मेरी ब्रा मेरे जिस्म से अलग हो गई। अब मैंने पूरी तरह से तस्लीम का फैसला कर लिया था, और मेरी ब्रा के हटते ही मेरे दूध जैसे गोरे बूब्स रोशनी में चमकने लग गए थे।
वो चारों अपनी-अपनी जगह पर कसमसाने लग गए थे, वो लोग गर्म चुके थे। उन तीनों की पैंट में लंड खड़ा हुआ साफ दिख रहा था, और भोगी ने लुंगी पहन रखी थी।
वो उसके ऊपर से ही अपने लंड को सहला रहे थे, लुंगी के अंदर देख को देखते ही मैं समझ गई थी कि आज मेरी खैर नहीं है।
मैंने अपनी उंगलियों से पैंटी की इलास्टिक में फंसाई तो भोगी बोला – रुक इधर मेरे पास आ।
मैं उसके पास आकर खड़ी हो गई, उसने अपने हाथों से मेरी चूत को कुछ देर तक मसला और फिर उसने मेरी पैंटी को नीचे कर दिया।
अब मैं पूरी तरह से नंगी होकर सिर्फ सैंडल में उनके सामने खड़ी थी। फिर वो बोला – राजे जा और वो मेरा कैमरा लेकर आ।
मैं एकदम से डर गई और मैं बोली – आपने जो चाहा, मैं दे रही हूँ फिर ये सब क्यों?
भोगी – साली मैंने तुझे मुँह खोलने से मना किया था ना?
एक आदमी अब एक मूवी कैमरा लेकर आया, उन्होंने बीच के टेबल से सारा सामान हटा दिया। अब भोगी भाई मेरी चिकनी चूत पर हाथ फेरते हुए बोला – चल अब टेबल पर बैठ जा।
मैं उस टेबल पर बैठ गई, उसने मेरी टाँगों को जमीन से उठाकर टेबल पर रखने को कहा। मैं अपने सैंडल खोलने लगी तो वो बोली – नहीं रहने दो, इस हाई हील्स में तुम सेक्सी लग रही हो।
मैंने फिर वैसे ही पैर टेबल पर रख लिए, अब मैंने टाँगें चौड़ी कर ली थी। मुझे शर्म आ रही थी, पर अब मेरे पास और कोई रास्ता भी नहीं था। मैंने अपनी टाँगों को थोड़ा खोला।
भोगी – और खोल।
फिर मैंने अपनी टाँगों को उनके सामने पूरी तरह से फैला दिया, मेरी चूत उनकी आँखों के सामने बेपर्दा थी। चूत के दोनों होंठ पूरी तरह खुल गए थे, उनमें से एक आदमी मेरी चूत की फोटो ले रहा था।
भोगी – अपनी चूत में उंगली डालकर इसे खोल बहन चोद।
बिना वेट किए पार्ट 3 में जानिए आगे क्या हुआ? भोगी भाई और सेक्सी भाभी!
0 views