मेरा नाम काव्या है। मैं 19 साल की हूँ, गोरी, जवान और कामुक लड़की। मेरे स्तन मध्यम आकार के, गोल और रसीले हैं, जैसे दो पके हुए संतरे, जो मेरे टाइट कुर्ती या ड्रेस से हमेशा बाहर झाँकते हैं। मेरे निप्पल गुलाबी और सख्त हैं, जो कपड़ों के ऊपर से हल्के से दिखते हैं और मेरी जवानी की आग दिखाते हैं। मेरी कमर पतली है, और मेरी गांड मुलायम और गोल है, जो चलते वक्त लचकती है और लोगों की नजरें वहीँ खींच लेती है। मेरी जाँघें चिकनी और कोमल हैं, जैसे मलाई की परतें, और मेरी चूत की गर्मी मेरे चेहरे से छिप नहीं पाती। मैं दिल्ली में अपने परिवार के साथ रहती हूँ, और मेरा मामा, राहुल, 35 साल का है। वो गोरा, मजबूत और हैंडसम है। एक बार मेरे मामा ने मुझे चोदा, और वो घटना मेरे जीवन की सबसे हॉट बन गई। ये है मेरी हवस और चुदाई की कहानी।
शुरुआत: मामा की नजर और मेरी जवानी
मार्च 2025 की बात है। दिल्ली में हल्की गर्मी शुरू हो चुकी थी, और मेरे शरीर में जवानी की आग भड़क रही थी। मेरा मामा, राहुल, मेरे घर आया था। वो बिजनेस के लिए दिल्ली आया था, और कुछ दिन हमारे यहाँ रहने वाला था। मामा बहुत हैंडसम था, और उसकी चौड़ी छाती और मजबूत हाथ मुझे हमेशा आकर्षित करते थे। लेकिन उसकी आँखों में मेरे लिए एक अलग सी हवस थी, जो मुझे कभी-कभी महसूस होती थी। जब मैं टाइट ड्रेस पहनकर घर में घूमती, उसकी नजरें मेरे स्तन और गांड पर रुक जाती थीं। “काव्या, तू बहुत सुंदर हो गई है,” वो हँसते हुए कहता। मैं शरमाती, लेकिन उसकी बातें मेरी चूत को गीला कर देती थीं।
एक बार मैं अपने कमरे में कपड़े बदल रही थी। मैंने सिर्फ ब्रा और पैंटी पहनी थी। मेरे स्तन ब्रा से बाहर आने को तड़प रहे थे, और मेरी गांड पैंटी में लचक रही थी। मामा अचानक मेरे कमरे में आ गया। “काव्या, तेरा… अरे, सॉरी,” उसने कहा, लेकिन उसकी नजरें मेरे शरीर पर टिक गईं। “आह्ह… मामा, बाहर जाओ ना,” मैं शरमाते हुए बोली, लेकिन मेरी चूत गीली हो गई। “काव्या, तेरी जवानी मुझे पागल कर देती है,” उसने फुसफुसाया और चला गया। मेरी चूत उस दिन से उसके लिए तड़पने लगी।
पहली रात: मामा की हवस
25 मार्च की रात थी। मम्मी-पापा एक शादी में गए थे, और घर में सिर्फ मैं और मामा थे। मैं रात को नहाने गई थी और लाल नाइटी पहनी थी। मेरी नाइटी मेरे स्तन से चिपकी थी, और मेरे निप्पल सख्त दिख रहे थे। मैं अपने कमरे में थी, और मेरी चूत गीली थी। मैं उंगलियाँ डालकर खुद को शांत कर रही थी। “आह्ह… कोई मुझे चोद दे…” मैं फुसफुसाई।
तभी मेरे कमरे का दरवाजा खुला। मामा अंदर आया। उसने सिर्फ लुंगी पहनी थी, और उसका लंड लुंगी में ताठ दिख रहा था। “काव्या, क्या कर रही है?” उसने कहा और मेरे पास आया। “मामा, मैं… कुछ नहीं,” मैं घबराते हुए बोली, लेकिन मेरी चूत उसे बुला रही थी। “काव्या, तुझे लंड चाहिए ना?” उसने कहा और मेरी नाइटी ऊपर की। मेरे स्तन नंगे हो गए। “मामा, ये गलत होगा,” मैंने कहा, लेकिन मेरी नजर उसके लंड पर चली गई।
उसने लुंगी उतारी। उसका 9 इंच का लंड ताठ और मोटा था। उसकी टोपी गीली थी। “काव्या, ये तेरे लिए है,” उसने कहा और मेरे स्तन को छुआ। “आह्ह… मामा… चूसो…” मैं सिसकी। उसने मेरा एक स्तन मुँह में लिया और चूसने लगा। उसकी जीभ मेरे निप्पल पर घूम रही थी। “आह्ह… जोर से चूसो…” मैं चीखी। उसका दूसरा हाथ मेरे दूसरे स्तन को मसल रहा था। मेरे स्तन लाल हो गए। उसने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरे पैर फैलाए। मेरी चूत नंगी हो गई। मेरी हल्की झांटें गीली थीं। “काव्या, तेरी चूत कितनी गर्म है,” उसने कहा और अपनी उंगलियाँ मेरी चूत में डालीं। “आह्ह… मामा… डालो…” मैं चीखी।
चुदाई की पहली मजा
उसने मेरी चूत में दो उंगलियाँ डालीं। “आह्ह… मामा… चोदो मुझे…” मैं तड़पते हुए बोली। उसने मेरी चूत पर लंड रगड़ा। “काव्या, ये ले,” उसने कहा और एक जोरदार धक्का मारा। उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया। “आह्ह… मामा… फट गई… आह्ह…” मैं चीखी। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था। वो मेरे स्तन दबाते हुए मुझे चोदने लगा। “काव्या, तेरी चूत टाइट है,” उसने कहा। हर धक्के से मेरी गांड बिस्तर पर टकरा रही थी। “मामा, जोर से चोदो… मेरी चूत फाड़ दो,” मैं चीख रही थी। उसने मुझे आधा घंटा चोदा। “काव्या, अब तेरी गांड चोदता हूँ,” उसने कहा।
उसने मुझे पलटा। मेरी गांड गोल और मुलायम थी। उसने मेरी गांड पर थूका। “मामा, धीरे,” मैंने कहा। उसने अपनी उंगलियाँ मेरी गांड में डालीं। “आह्ह… मामा…” मैं सिसकी। फिर उसने अपना लंड मेरी गांड में डाला। “आह्ह… फट गई… आह्ह…” मैं रो पड़ी। “काव्या, तेरी गांड शानदार है,” उसने कहा और मेरी गांड चोदने लगा। उसकी उंगलियाँ मेरी चूत में थीं। “मामा, मेरी चूत भी चोदो,” मैंने कहा। उसने मुझे फिर पलटा और मेरी चूत में लंड डाला। “काव्या, तेरी चूत में झड़ता हूँ,” उसने कहा। उसने मुझे चोदा और मेरी चूत में झड़ गया। उसका गर्म वीर्य मेरी चूत से बह रहा था। “मामा, आपने मुझे पागल कर दिया,” मैं हाँफते हुए बोली।
रोज की चुदाई
उस रात के बाद मामा मुझे रोज चोदने लगा। जब मम्मी-पापा घर पर नहीं होते, वो मुझे चोदता। “काव्या, तेरी चूत मेरी है,” वो कहता। एक बार उसने मुझे बाथरूम में शावर के नीचे चोदा। “मामा, मुझे फाड़ दो,” मैं चीखी। उसका लंड मेरी चूत और गांड में अंदर-बाहर कर रहा था। कभी-कभी वो मुझे किचन में चोदता। “काव्या, तेरी गांड मुझे चाहिए,” वो कहता और मुझे टेबल पर घोड़ी बनाकर चोदता।
आज का सच
अब मार्च खत्म होने वाला है। मम्मी-पापा को कुछ पता नहीं, लेकिन मामा मुझे रोज चोदता है। “काव्या, तू मेरी रंडी है,” वो कहता है। मेरी चूत उसकी चुदाई के बिना रह नहीं सकती। मेरे मामा ने मुझे चोदा, और मेरी हवस उसके साथ पूरी हुई।
13 views