मेरा नाम अर्जुन है। मैं 19 साल का हूँ, गोरा, जवान और ताकतवर लड़का। मेरा लंड 8 इंच का है, मोटा और काला, जिसका सुपारा हमेशा गीला और चमकदार रहता है। मेरी नसें उभरी हुई हैं, मानो कोई चूत फाड़ने वाला हथियार तैयार हो। मैं जयपुर के एक प्राइवेट स्कूल में बारहवीं में पढ़ता हूँ। मेरी टीचर, नेहा मैम, 32 साल की हैं, गोरी, भरे हुए बदन वाली और आकर्षक। उनके स्तन बड़े, गोल और रसीले हैं, जैसे दो पके हुए तरबूज, जो उनकी साड़ी या कुर्ती से हमेशा बाहर झाँकते रहते हैं। उनके निप्पल सख्त और गुलाबी हैं, जो कपड़ों के ऊपर से हल्के से दिखते हैं और मेरे लंड को तनाव देते हैं। उनकी कमर पतली है, और उनकी गांड बड़ी, मुलायम और गोल है, जो चलते समय लचकती है और मेरे मन में वासना जगाती है। उनकी जाँघें मोटी और चिकनी हैं, और उनकी चूत की गर्मी उनके चेहरे से झलकती है। एक दिन मैंने अपनी टीचर को स्कूल में ही चोदा, और वह घटना मेरे जीवन की सबसे उत्तेजक बन गई। यह है मेरी वासना और चुदाई की कहानी।
# शुरुआत: नेहा मैम की नजर और मेरी वासना
मार्च 2025 की बात है। जयपुर में हल्की गर्मी शुरू हो चुकी थी, और मेरे मन में नेहा मैम को चोदने की आग धधक रही थी। वह हमें गणित पढ़ाती थीं। जब वह ब्लैकबोर्ड पर लिखती थीं, उनकी गांड लचकती थी, और मेरा लंड तन जाता था। उनकी साड़ी उनके स्तनों से चिपकती थी, और उनके निप्पल हल्के से दिखाई देते थे। “अर्जुन, ध्यान दे,” वह कहती थीं, लेकिन मेरी नजरें उनके स्तनों पर ही टिकती थीं। “जी मैम,” मैं हँसकर जवाब देता, लेकिन मेरी चूत उनके लिए तड़प रही थी। मेरे दोस्त मुझे चिढ़ाते, “अर्जुन, मैम को पटा ले,” लेकिन मैं सिर्फ सपने देखता था।
एक बार वह क्लास में अकेली थीं। मैं क्लास खत्म होने के बाद उनके पास गया। “मैम, मुझे एक सवाल समझ नहीं आया,” मैंने बहाना बनाया। उन्होंने मुझे देखा। “अर्जुन, कौन सा सवाल?” उन्होंने पूछा और मेरे पास आईं। उनकी साड़ी उनके स्तनों से सरक गई थी, और मेरी नजरों ने उनकी छाती को घूरा। “मैम, आप बहुत सुंदर लगती हैं,” मैंने धीरे से कहा। वह हँसीं। “अर्जुन, तू बहुत शरारती है,” उन्होंने कहा और मेरे कंधे पर हाथ रखा। “आह… मैम…” मैं सिसकारी। “अर्जुन, तेरी आँखों में क्या दिखता है?” उन्होंने फुसफुसाया। “मैम, आपकी चूत चोदना चाहता हूँ,” मैंने मन में सोचा, लेकिन सिर्फ हँसा।
# स्कूल के स्टाफ रूम में मिला मौका
25 मार्च का दिन था। स्कूल में सब चले गए थे, क्योंकि उस दिन छोटी छुट्टी थी। मैं नेहा मैम से मिलने स्कूल गया। वह स्टाफ रूम में अकेली थीं। उन्होंने लाल साड़ी पहनी थी, जो उनके शरीर से चिपकी थी। उनके स्तन ब्लाउज से बाहर निकलने को बेताब थे। “अर्जुन, तू यहाँ क्या कर रहा है?” उन्होंने कहा और मेरे पास आईं। “मैम, आपसे मिलने आया,” मैंने कहा। वह मेरे सामने बैठीं, और उनकी साड़ी उनकी जाँघों से सरक गई। उनकी गोरी जाँघें दिख रही थीं। “मैम, आपकी जाँघें कमाल हैं,” मैंने कहा। वह शरमाईं, लेकिन उनकी आँखों में वासना झलक रही थी।
“अर्जुन, तू मुझे ऐसे क्यों देखता है?” उन्होंने कहा और मेरा हाथ पकड़ा। “मैम, आपको चोदना चाहता हूँ,” मैंने हिम्मत करके कहा। वह चौंकीं, लेकिन फिर हँसीं। “अर्जुन, तेरी हिम्मत तो देख,” उन्होंने कहा और मेरे पास आईं। मैंने उनके होंठों पर अपने होंठ रखे। मेरी जीभ उनके मुँह में गई, और उनकी जीभ मेरे साथ खेलने लगी। “आह… मैम…” मैं सिसकारी। “अर्जुन, मुझे चोद,” उन्होंने फुसफुसाया। मैंने उनकी साड़ी उतारी। उनके स्तन नंगे हो गए। उनके निप्पल सख्त थे। “मैम, आपके स्तन शानदार हैं,” मैंने कहा और एक स्तन मुँह में लिया। मैं उसे चूसने लगा। “आह… अर्जुन… चूसो… जोर से चूसो…” वह चीखीं। मेरा दूसरा हाथ उनके दूसरे स्तन को मसल रहा था। उनके स्तन लाल हो गए।
# स्टाफ रूम में चूत की चुदाई
मैंने उनके पैर फैलाए। उनकी चूत नंगी हो गई। उनकी हल्की झांटें गीली थीं। “मैम, आपकी चूत कितनी गर्म है,” मैंने कहा और अपनी उंगलियाँ उनकी चूत में डाल दीं। “आह… अर्जुन… डालो…” वह चिल्लाईं। मैंने अपनी पैंट उतारी। मेरा 8 इंच का लंड तना हुआ और मोटा था। “अर्जुन, ये तो बहुत बड़ा है,” उन्होंने आँखें बड़ी करके कहा। मैंने उनकी चूत पर लंड रगड़ा। “मैम, इसे लीजिए,” मैंने कहा और एक जोरदार धक्का मारा। मेरा लंड उनकी चूत में पूरा घुस गया। “आह… अर्जुन… फट गई… आह…” वह चीखीं। मेरा लंड उनकी चूत को चीर रहा था। मैं उनके स्तनों को दबाते हुए उन्हें चोदने लगा। “मैम, आपकी चूत टाइट है,” मैंने कहा। हर धक्के के साथ उनकी गांड टेबल पर टकरा रही थी। “अर्जुन, जोर से चोदो… मेरी चूत फाड़ दो,” वह चीख रही थीं।
मैंने उन्हें आधा घंटा चोदा। “मैम, अब आपकी गांड चोदता हूँ,” मैंने कहा। मैंने उन्हें टेबल पर घोड़ी बनाया। उनकी गांड गोल और मुलायम थी। मैंने उनकी गांड पर थूका। “अर्जुन, धीरे,” उन्होंने कहा। मैंने अपनी उंगलियाँ उनकी गांड में डालीं। “आह… अर्जुन…” वह सिसकारीं। फिर मैंने अपना लंड उनकी गांड में डाला। “आह… फट गई… आह…” वह रो पड़ीं। “मैम, आपकी गांड कमाल है,” मैंने कहा और उनकी गांड चोदने लगा। मेरी उंगलियाँ उनकी चूत में थीं। “अर्जुन, मेरी चूत भी चोदो,” उन्होंने कहा। मैंने उन्हें पलटाया और उनकी चूत में लंड डाला। “मैम, आपकी चूत में झड़ता हूँ,” मैंने कहा। मैंने उन्हें चोदा और उनकी चूत में झड़ गया। मेरा गर्म वीर्य उनकी चूत से बह रहा था। “अर्जुन, तूने मुझे पागल कर दिया,” वह हाँफते हुए बोलीं।
# स्कूल के बाथरूम में चुदाई
अगले दिन मैंने उन्हें स्कूल के बाथरूम में चोदा। वह शॉवर के नीचे थीं। “अर्जुन, मुझे फिर से चोद,” उन्होंने कहा। मैंने उनकी कुर्ती उतारी और उन्हें दीवार से टिकाया। उनकी चूत गीली थी। मैंने उनकी चूत में लंड डाला। “आह… अर्जुन… फाड़ दो…” वह चीखीं। मैंने उन्हें शॉवर के नीचे चोदा। पानी उनके स्तनों से बह रहा था, और मेरा लंड उनकी चूत में अंदर-बाहर कर रहा था। “मैम, आपकी चूत मेरी है,” मैंने कहा।
# आज की हकीकत
अब मार्च खत्म होने को है। नेहा मैम मुझे स्कूल में ही चोदने देती हैं। “अर्जुन, तेरे लंड के बिना मेरी चूत नहीं रह सकती,” वह कहती हैं। मैंने अपनी टीचर को स्कूल में ही चोदा, और मेरी वासना उनके साथ पूरी हुई।
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