मेरा नाम रिया है। मैं 24 साल की हूँ, गोरी, जवान और भरे हुए बदन वाली लड़की। मेरे स्तन बड़े, गोल और रसीले हैं, जैसे दो पके हुए आम, जो मेरे कुरते या साड़ी से हमेशा बाहर झाँकते रहते। मेरे निप्पल गुलाबी और सख्त हैं, जो कपड़ों के ऊपर से हल्के-हल्के दिखते हैं और मेरी जवानी की आग को बयान करते हैं। मेरी कमर पतली है, और मेरी गांड बड़ी, मुलायम और गोल है, जो चलते वक्त लचकती है और मर्दों की नजरें वहीँ ठहर जाती हैं। मेरी जाँघें मोटी और चिकनी हैं, जैसे मलाई की परतें, और मेरी चूत की गर्मी मेरे चेहरे से छिप नहीं पाती। मैं दिल्ली में रहती हूँ, और ये मेरी प्रेम कहानी है, जहाँ मेरे प्रेमी, आरव ने, मुझे चोदकर मेरे प्यार को चुदाई का रंगीन रूप दिया। ये है मेरी प्रेम और चुदाई की कहानी।

शुरुआत: प्यार का आरंभ और हवस की चिंगारी

मार्च 2025 की बात है। दिल्ली में हल्की गर्मी शुरू हो चुकी थी, और मेरे मन में प्यार और हवस की आग भड़क रही थी। आरव मेरा कॉलेज का दोस्त था। वह 26 साल का, गोरा, मज़बूत और आकर्षक था। उसकी चौड़ी छाती और गहरी आँखें मुझे पागल कर देती थीं। हमारा प्यार कॉलेज की कैंटीन से शुरू हुआ। “रिया, तू बहुत खूबसूरत है,” उसने एक बार कहा, और मेरा दिल धड़क उठा। “आरव, तू भी कमाल का है,” मैंने मुस्कुराते हुए कहा, और वहाँ से हमारा प्यार पनपने लगा।

हम फोन पर बातें करते, पार्क में मिलते। एक बार उसने कहा, “रिया, मुझे तुझसे करीब होना है।” मेरी चूत गीली हो गई। “आरव, मुझे भी तेरी जवानी चाहिए,” मैंने मन में सोचा, पर शर्म के मारे चुप रही। लेकिन मेरी जवानी और प्यार दोनों बेकाबू हो रहे थे। जब वह मुझे गले लगाकर चलता, उसका स्पर्श मेरी चूत में सिहरन पैदा करता। “आरव, मुझे तेरा लंड चाहिए,” मैं सपनों में कहती और रात को अपनी उंगलियों से चूत को शांत करती।
पहली करीबियां: प्यार और चुदाई

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25 मार्च का दिन था। मेरे मम्मी-पापा गाँव गए थे, और मैं घर पर अकेली थी। मैंने आरव को फोन किया। “आरव, आज घर आ जा,” मैंने कहा। “रिया, मैं अभी आता हूँ,” उसने उत्साह से कहा। शाम को वह घर आया। मैंने लाल सलवार-कुरता पहना था। मेरे स्तन कुरते से उभरे हुए थे, और मेरी गांड सलवार से चिपकी थी। “रिया, तू आज बहुत हसीन लग रही है,” उसने कहा और मेरे पास आया। उसने मुझे गले लगाया और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए। मेरी जीभ उसके मुँह में चली गई, और उसकी जीभ मेरे साथ खेलने लगी। “आह… आरव…” मैं सिसकते हुए बोली। “रिया, मुझे तेरी चूत चोदनी है,” उसने फुसफुसाया।
मैं उसे अपने बेडरूम में ले गई। “आरव, मुझे चोद,” मैंने हिम्मत जुटाकर कहा। उसने मेरा कुरता उतारा। मेरे स्तन नंगे हो गए। मेरे निप्पल सख्त थे। “रिया, तेरे स्तन लाजवाब हैं,” उसने कहा और एक स्तन को मुँह में लिया। वह उसे चूसने लगा। “आह… आरव… चूस… ज़ोर से चूस…” मैं चीखी। उसका दूसरा हाथ मेरे दूसरे स्तन को मसल रहा था। मेरे स्तन लाल हो गए। उसने मेरी सलवार उतारी। मेरी चूत नंगी हो गई। मेरे हल्के बाल गीले थे। “रिया, तेरी चूत कितनी गर्म है,” उसने कहा और अपनी उंगलियाँ मेरी चूत में डाल दीं। “आह… आरव… डाल…” मैं चिल्लाई।

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चुदाई का पहला मज़ा

उसने मेरी चूत में दो उंगलियाँ डालीं। “आह… आरव… चोद मुझे…” मैं तड़पते हुए बोली। उसने अपनी पैंट उतारी। उसका 8 इंच का लंड तना हुआ और मोटा था। उसकी टोपी गीली थी। “रिया, ये देख मेरा लंड,” उसने कहा। “आरव, ये कितना बड़ा है,” मैंने आँखें फाड़कर कहा। उसने मेरी टांगें फैलाईं। मेरी चूत खुल गई। उसने मेरी चूत पर लंड रगड़ा। “आह… आरव… डाल ना…” मैं चीखी। उसने एक ज़ोरदार धक्का मारा। उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया। “आह… आरव… फट गई… आह…” मैं चिल्लाई। उसका लंड मेरी चूत को चीर रहा था। वह मेरे स्तन दबाते हुए मुझे चोदने लगा। “रिया, तेरी चूत टाइट है,” उसने कहा। हर धक्के के साथ मेरी गांड बिस्तर पर टकरा रही थी। “आरव, ज़ोर से चोद… मेरी चूत फाड़ दे,” मैं चीख रही थी।
उसने मुझे आधा घंटा चोदा। “रिया, अब तेरी गांड चोदता हूँ,” उसने कहा। उसने मुझे पलटा। मेरी गांड गोल और मुलायम थी। उसने मेरी गांड पर थूका। “आरव, धीरे,” मैंने कहा। उसने अपनी उंगलियाँ मेरी गांड में डालीं। “आह… आरव…” मैं सिसकी। फिर उसने अपना लंड मेरी गांड में डाला। “आह… फट गई… आह…” मैं रो पड़ी। “रिया, तेरी गांड शानदार है,” उसने कहा और मेरी गांड चोदने लगा। उसकी उंगलियाँ मेरी चूत में थीं। “आरव, मेरी चूत भी चोद,” मैंने कहा। उसने मुझे फिर पलटा और मेरी चूत में लंड डाला। “रिया, तेरी चूत में झड़ता हूँ,” उसने कहा। उसने मुझे चोदा और मेरी चूत में झड़ गया। उसका गर्म वीर्य मेरी चूत से बह रहा था। “आरव, तूने मुझे पागल कर दिया,” मैं हाँफते हुए बोली।

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प्यार में चुदाई का मज़ा
उस दिन से हमारा प्यार और चुदाई दोनों शुरू हो गए। जब मेरे मम्मी-पापा घर पर नहीं होते, वह मुझे चोदता। “रिया, तेरी चूत मेरी है,” वह कहता। एक बार उसने मुझे बाथरूम में शॉवर के नीचे चोदा। “आरव, मुझे फाड़ दे,” मैं चीखी। उसका लंड मेरी चूत और गांड में अंदर-बाहर करता रहा। कभी-कभी हम पार्क में एकांत में चुदाई करते। “रिया, तेरा प्यार और तेरी चूत दोनों मुझे चाहिए,” वह कहता। मेरी जवानी और प्यार उसके लंड के गुलाम बन गए।
आज की हकीकत

अब मार्च खत्म होने वाला है। हमारा प्यार और चुदाई अभी भी जारी है। “आरव, तेरे लंड के बिना मेरी चूत नहीं रह सकती,” मैं कहती हूँ। मेरी हिंदी प्रेम कहानी चुदाई में बदल गई, और मेरा प्यार आरव के साथ पूरा हुआ।

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