मेरा नाम विकास है। मैं 27 साल का हूँ, गोरा, मजबूत और जवान मर्द। मेरा लंड 8 इंच का है, मोटा और काला, जिसकी टोपी हमेशा गीली और चमकदार रहती है। मेरी नसें उभरी हुई हैं, जैसे कोई चूत फाड़ने के लिए तैयार हथियार। मैं दिल्ली में रहता हूँ, और मेरी गर्लफ्रेंड, नेहा, 24 साल की है। वह गोरी, जवान और भरे हुए शरीर वाली है। उसके स्तन बड़े, गोल और रसदार हैं, जैसे दो पके हुए संतरे, जो उसके टाइट टी-शर्ट से हमेशा बाहर झाँकते हैं। उसके निप्पल गुलाबी और सख्त हैं, जो कपड़ों के ऊपर से हल्के से दिखते हैं। उसकी कमर पतली है, और उसकी गांड बड़ी, मुलायम और गोल है, जो चलते समय लचकती है और मेरे लंड को तना हुआ कर देती है। उसकी जाँघें मोटी और चिकनी हैं, और उसकी चूत की गर्मी मुझे पागल कर देती है। एक दिन मैंने नेहा को उसके ही घर में चोदा, और वह रात मेरे जीवन की सबसे हॉट रात बन गई। यह है मेरी वासना और चुदाई की कहानी।
शुरुआत: नेहा की नजर और मेरी तड़प
मार्च 2025 की बात है। दिल्ली में हल्की गर्मी शुरू हो चुकी थी, और मेरे मन में नेहा को चोदने की आग भड़क रही थी। नेहा के साथ मेरा प्यार दो साल से चल रहा था। हम फोन पर सेक्सी बातें करते थे, और वह मुझे अपने स्तनों की तस्वीरें भेजती थी। “विकास, मुझे तेरा लंड चाहिए,” वह कहती थी, और मेरा लंड तन जाता था। लेकिन हमें कभी एकांत नहीं मिला था। उसके मम्मी-पापा हमेशा घर पर रहते थे। लेकिन एक बार उसके मम्मी-पापा गाँव गए, और वह घर पर अकेली थी। “विकास, आज घर आ,” उसने फोन पर कहा। मेरा लंड तड़प उठा। “नेहा, आज तेरी चूत चोदता हूँ,” मैंने मन में कहा और उसके घर चला गया।
मैं उसके घर पहुँचा। उसने दरवाज़ा खोला। उसने टाइट लाल टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहने थे। उसके स्तन टी-शर्ट से उभरे हुए दिख रहे थे, और उसकी जाँघें नंगी थीं। “विकास, अंदर आ,” वह हँसते हुए बोली। उसकी नजर मेरी पैंट के उभार पर गई। “नेहा, तू कमाल लग रही है,” मैंने कहा और उसे पास खींच लिया। उसके स्तन मेरी छाती से दब गए। “आह… विकास…” वह सिसक पड़ी। “नेहा, आज तुझे चोदूँगा,” मैंने फुसफुसाया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। मेरी जीभ उसके मुँह में गई, और उसकी जीभ मेरे साथ खेलने लगी। मेरा लंड तना हुआ था।
लिविंग रूम में शुरुआत
मैंने उसे लिविंग रूम के सोफे पर बैठाया। “नेहा, तेरी चूत देखने दे,” मैंने कहा और उसकी टी-शर्ट ऊपर की। उसके स्तन नंगे हो गए। उसके निप्पल सख्त थे। “विकास, ये शानदार हैं,” वह हँसते हुए बोली। मैंने उसका एक स्तन मुँह में लिया और चूसने लगा। मेरी जीभ उसके निप्पल पर घूम रही थी। “आह… विकास… चूस… जोर से चूस…” वह चीख पड़ी। मेरा दूसरा हाथ उसके दूसरे स्तन को मसल रहा था। उसके स्तन लाल हो गए। मैंने उसके शॉर्ट्स उतारे। उसकी चूत नंगी हो गई। उसकी हल्की झाटें गीली थीं। “नेहा, तेरी चूत कितनी शानदार है,” मैंने कहा और अपनी उंगलियाँ उसकी चूत में डालीं। “आह… विकास… डाल…” वह चिल्लाई।
मैंने उसकी चूत में दो उंगलियाँ डालीं। “आह… विकास… मुझे चोद…” वह तड़पते हुए बोली। मैंने अपनी पैंट उतारी। मेरा 8 इंच का लंड तना हुआ और मोटा था। “नेहा, ये देख मेरा लंड,” मैंने कहा। “विकास, ये कितना बड़ा है,” उसने आँखें चौड़ी करके कहा। मैंने उसके पैर फैलाए। उसकी चूत खुल गई। उसकी जाँघें मेरे कंधों पर रखीं। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ा। “आह… विकास… डाल ना…” वह चीखी। मैंने एक जोरदार धक्का मारा। मेरा लंड उसकी चूत में पूरी तरह घुस गया। “आह… विकास… फट गई… आह…” वह चिल्लाई। मेरा लंड उसकी चूत को चीर रहा था। मैं उसके स्तन दबाते हुए उसे चोदने लगा। “नेहा, तेरी चूत टाइट है,” मैंने कहा। हर धक्के से उसकी गांड सोफे पर टकरा रही थी। “विकास, जोर से चोद… मेरी चूत फाड़ दे,” वह चीख रही थी।
बेडरूम में गांड की चुदाई
मैंने उसे आधा घंटा चोदा। “नेहा, अब तेरी गांड चोदता हूँ,” मैंने कहा। मैंने उसे बेडरूम में ले गया। उसके बेड पर मैंने उसे घोड़ी बनाया। उसकी गांड गोल और मुलायम थी। मैंने उसकी गांड पर थूका। “विकास, धीरे,” वह बोली। मैंने अपनी उंगलियाँ उसकी गांड में डालीं। “आह… विकास…” वह सिसक पड़ी। फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड में डाला। “आह… फट गई… आह…” वह रो पड़ी। “नेहा, तेरी गांड कमाल है,” मैंने कहा और उसकी गांड चोदने लगा। मेरी उंगलियाँ उसकी चूत में थीं। “विकास, मेरी चूत भी चोद,” उसने कहा। मैंने उसे पलटा और उसकी चूत में लंड डाला। “नेहा, तेरी चूत में झड़ता हूँ,” मैंने कहा। मैंने उसे चोदा और उसकी चूत में झड़ गया। मेरा गर्म वीर्य उसकी चूत से बह रहा था। “विकास, तूने मुझे पागल कर दिया,” वह हाँफते हुए बोली।
रातभर चुदाई
उस रात मैंने उसे पूरी रात चोदा। कभी सोफे पर, कभी बेड पर, कभी बाथरूम में। “विकास, मुझे रोज़ चोद,” वह बोली। मैंने उसकी गांड और चूत दोनों चोदी। उसके घर में उसके बेड पर उसका वीर्य और मेरा वीर्य मिल गया था। “नेहा, तू मेरी रंडी है,” मैंने कहा। वह हँसी और मेरा लंड चूसने लगी।
आज का सच
अब मार्च खत्म होने वाला है। नेहा के मम्मी-पापा लौट आए हैं, लेकिन जब वह अकेली होती है, मैं उसके घर जाकर उसे चोदता हूँ। “विकास, तेरे लंड के बिना मेरी चूत नहीं रह सकती,” वह कहती है। मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को उसके ही घर में चोदा, और मेरी वासना उससे पूरी हुई।
7 views