Hindi Father-in-Law Daughter-in-Law Sex Story – “मेरे ससुर ने मुझे चोदा—एक हिंदी हॉट, सेक्सी और वासना से भरी चुदाई की कहानी”
मेरा नाम रिया है। मैं 26 साल की हूँ, गोरी, जवान और भरे हुए शरीर वाली बहू। मेरे स्तन बड़े, गोल और रसीले हैं, जैसे दो पके हुए आम, जो मेरी साड़ी या नाइटी से हमेशा बाहर झाँकते हैं। मेरे निप्पल गुलाबी और सख्त हैं, जो कपड़ों के ऊपर से हल्के से दिखते हैं और मेरी जवानी की आग को बयान करते हैं। मेरी कमर पतली है, और मेरी गांड बड़ी, मुलायम और गोल है, जो चलते वक्त लचकती है और मर्दों की नजरें वहीँ ठहर जाती हैं। मेरी जाँघें मोटी और चिकनी हैं, जैसे मलाई की परतें, और मेरी चूत की गर्मी मेरे चेहरे से छिपती नहीं। मैं चेन्नई में अपने पति और ससुर के साथ रहती हूँ। मेरा पति, विनोद, 30 साल का है, लेकिन वह मुझे बिस्तर पर कभी संतुष्ट नहीं कर पाता। उसका लंड छोटा और कमजोर है, और वह दो मिनट में झड़ जाता है। लेकिन मेरे ससुर, सुरेशजी, ने मुझे चोदकर मेरी जवानी की प्यास बुझाई। यह है मेरी वासना और चुदाई की कहानी।
## शुरुआत: ससुर की नजर और मेरी बेचैनी
मार्च 2025 की बात है। चेन्नई में हल्की गर्मी शुरू हो चुकी थी, और मेरे शरीर में एक अलग ही आग भड़क रही थी। विनोद रात को मेरी चूत में लंड डालता, दो मिनट में झड़ जाता और सो जाता। “रिया, अब सो जा,” वह कहता और मुझे अधूरा छोड़ देता। मेरी चूत गीली और भूखी रह जाती। मैं अपनी उंगलियों से उसे शांत करने की कोशिश करती, लेकिन वह आग बुझती नहीं थी। “मुझे एक दमदार, मोटा लंड चाहिए,” मैं रात को अकेले में बुदबुदाती। मेरी जवानी बेकाबू हो रही थी।
मेरे ससुर, सुरेशजी, 55 साल के हैं, गोरे, ताकतवर और मजबूत। उनकी चौड़ी छाती और मोटी बाहें अभी भी जवान दिखती हैं। उनकी आँखों में एक भूख थी, जो मुझे हमेशा देखती थी। जब मैं साड़ी पहनकर घर में घूमती, उनकी नजरें मेरे स्तनों और गांड पर रुक जाती थीं। “रिया, बेटी, तू बहुत खूबसूरत है,” वे कहते। मैं शरमा जाती, लेकिन उनकी बातें मेरी चूत को गीला कर देती थीं। एक बार मैं रसोई में थी। मेरी साड़ी भीग गई थी, और मेरे स्तन ब्लाउज से बाहर आने को बेताब थे। सुरेशजी पीछे आए। “रिया, क्या बना रही हो?” उन्होंने कहा और मेरी कमर पर हाथ रखा। “आह… ससुरजी…” मैं सिहर उठी। “रिया, तेरी जवानी मुझे पागल कर देती है,” उन्होंने फुसफुसाया और चले गए। उस दिन से मेरी चूत उनके लिए तड़पने लगी।
## पहली रात: ससुर की वासना
20 मार्च की रात थी। विनोद ऑफिस के काम से शहर से बाहर गया था। घर पर सिर्फ मैं और सुरेशजी थे। मैं रात को नहाने गई और हरी नाइटी पहनी। मेरी नाइटी मेरे स्तनों से चिपकी थी, और मेरे निप्पल सख्त दिख रहे थे। मैं अपने कमरे में थी, और मेरी चूत गीली थी। मैं उंगलियाँ डालकर खुद को शांत कर रही थी। “आह… कोई तो चोद दे…” मैं बुदबुदाई।
तभी मेरे कमरे का दरवाजा खुला। सुरेशजी अंदर आए। उन्होंने सिर्फ लुंगी पहनी थी, और उनका लंड लुंगी में तना हुआ दिख रहा था। “रिया, क्या कर रही हो?” उन्होंने कहा और मेरे पास आ गए। “ससुरजी, मैं… कुछ नहीं,” मैं डरते हुए बोली, लेकिन मेरी चूत उन्हें पुकार रही थी। “रिया, तुझे लंड चाहिए ना?” उन्होंने कहा और मेरी नाइटी ऊपर उठा दी। मेरे स्तन नंगे हो गए। “ससुरजी, ये गलत है,” मैंने कहा, लेकिन मेरी नजर उनके लंड पर चली गई।
उन्होंने अपनी लुंगी उतार दी। उनका 9 इंच का लंड तना हुआ और मोटा था। उसका सुपारा गीला था। “रिया, ये तेरे लिए है,” उन्होंने कहा और मेरे स्तनों को छुआ। “आह… ससुरजी… चूसो…” मैं सिहर उठी। उन्होंने मेरा एक स्तन मुँह में लिया और चूसने लगे। उनकी जीभ मेरे निप्पल पर घूम रही थी। “आह… जोर से चूसो…” मैं चिल्लाई। उनका दूसरा हाथ मेरे दूसरे स्तन को मसल रहा था। मेरे स्तन लाल हो गए। उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरे पैर फैलाए। मेरी चूत खुल गई। मेरी झांटें गीली थीं। “रिया, तेरी चूत कितनी गर्म है,” उन्होंने कहा और अपनी उंगलियाँ मेरी चूत में डाल दीं। “आह… ससुरजी… डालो…” मैं चीख पड़ी।
## चुदाई का पहला मजा
उन्होंने मेरी चूत में दो उंगलियाँ डालीं। “आह… ससुरजी… चोदो मुझे…” मैं तड़पते हुए बोली। उन्होंने मेरी चूत पर लंड रगड़ा। “रिया, ले,” उन्होंने कहा और एक जोरदार धक्का मारा। उनका लंड मेरी चूत में पूरा घुस गया। “आह… ससुरजी… फट गई… आह…” मैं चिल्लाई। उनका लंड मेरी चूत को चीर रहा था। वे मेरे स्तनों को दबाते हुए मुझे चोदने लगे। “रिया, तेरी चूत टाइट है,” उन्होंने कहा। हर धक्के के साथ मेरी गांड बिस्तर पर टकरा रही थी। “ससुरजी, जोर से चोदो… मेरी चूत फाड़ दो,” मैं चीख रही थी। उन्होंने मुझे आधा घंटा चोदा। “रिया, अब तेरी गांड चोदता हूँ,” उन्होंने कहा।
उन्होंने मुझे पलट दिया। मेरी गांड गोल और मुलायम थी। उन्होंने मेरी गांड पर थूका। “ससुरजी, धीरे,” मैंने कहा। उन्होंने अपनी उंगलियाँ मेरी गांड में डालीं। “आह… ससुरजी…” मैं सिहर उठी। फिर उन्होंने अपना लंड मेरी गांड में डाला। “आह… फट गई… आह…” मैं रो पड़ी। “रिया, तेरी गांड गजब है,” उन्होंने कहा और मेरी गांड चोदने लगे। उनकी उंगलियाँ मेरी चूत में थीं। “ससुरजी, मेरी चूत भी चोदो,” मैंने कहा। उन्होंने मुझे फिर पलट दिया और मेरी चूत में लंड डाला। “रिया, तेरी चूत में झड़ता हूँ,” उन्होंने कहा। उन्होंने मुझे चोदा और मेरी चूत में झड़ गए। उनका गर्म वीर्य मेरी चूत से बह रहा था। “ससुरजी, आपने मुझे पागल कर दिया,” मैं हाँफते हुए बोली।
## रोज की चुदाई
उस रात के बाद सुरेशजी मुझे रोज चोदने लगे। जब विनोद सो जाता, वे मेरे कमरे में आते। “रिया, तेरी चूत मेरी है,” वे कहते। उन्होंने मेरी गांड और चूत दोनों चोदी। एक बार उन्होंने मुझे बाथरूम में शॉवर के नीचे चोदा। “ससुरजी, फाड़ दो मुझे,” मैं चीखी। मेरी जवानी उनके लंड की गुलाम हो गई। कभी-कभी वे मुझे रसोई में चोदते। “रिया, तेरी गांड मुझे चाहिए,” वे कहते और मुझे टेबल पर घोड़ी बनाकर चोदते।
## आज की हकीकत
अब मार्च खत्म होने वाला है। विनोद को कुछ पता नहीं, लेकिन सुरेशजी मुझे रोज चोदते हैं। “रिया, तू मेरी रंडी है,” वे कहते हैं। मेरी चूत उनकी चुदाई के बिना रह नहीं सकती। मेरे ससुर ने मुझे चोदा, और मेरी वासना उनसे पूरी हुई।
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