मेरा नाम अर्जुन है। मैं 25 साल का हूँ और दिल्ली में एक छोटी आईटी कंपनी में नौकरी करता हूँ। मेरी गर्लफ्रेंड, रिया, 23 साल की है। वह कॉलेज में पढ़ती है और मेरे साथ ही रहती है। रिया दिखने में बहुत ही आकर्षक है—उसके स्तन गोल और सख्त, उसकी गांड चलते समय लचकती है, और उसकी चूत की गर्मी मुझे हमेशा पागल कर देती है। हमारा रिश्ता दो साल से चल रहा है। शुरू में हम सिर्फ़ हाथ पकड़कर घूमते थे, लेकिन अब हमारा रिश्ता बहुत गहरा हो गया है। उसे चोदने की मेरी इच्छा हर दिन बढ़ती जा रही थी, और उसकी आँखों में भी वही भूख दिखाई देती थी।
एक शाम की बात है। हम दोनों मेरे फ्लैट पर थे। बाहर हल्की बारिश हो रही थी, और कमरे में धीमा उजाला था। रिया ने एक टाइट टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहने थे। उसके स्तन टी-शर्ट से बाहर निकलने को बेताब थे, और उसकी गांड शॉर्ट्स में मचल रही थी। मैंने उसे देखकर कहा, “रिया, तू आज बहुत गर्म लग रही है।” वह मुस्कुराई और पास आकर बोली, “अर्जुन, तेरी आँखों में क्या दिख रहा है?” मैंने उसकी कमर पर हाथ रखा और कहा, “तेरी यह गांड और स्तन मुझे बुला रहे हैं।” उसके होंठ काँपे, और वह मेरे और करीब आ गई।
मैंने उसे अपनी बाहों में खींच लिया। उसके होंठ मेरे होंठों से टकराए—नरम, गीले, और गर्म। मैंने उसके होंठ चूसना शुरू किया। वह सिसकी—“आह, अर्जुन।” मेरे हाथ उसकी टी-शर्ट पर गए। मैंने उसे ऊपर खींचा और उसके स्तन नंगे कर दिए। उसने ब्रा नहीं पहनी थी। उसके स्तन मेरे सामने नंगे थे—सख्त, गोल, और मुझे पुकारते हुए। “रिया, तेरे स्तन कितने शानदार हैं,” मैंने कहा और उन्हें दबाना शुरू किया। वह सिसकी—“आह, अर्जुन, धीरे कर।” मैंने उसके निप्पल पर मुँह रखा और उन्हें चूसा। वह चीखी—“उफ़, अर्जुन, मैं पागल हो जाऊँगी।”
मेरे हाथ उसकी शॉर्ट्स पर गए। मैंने उसे नीचे खींच दिया। उसकी गांड मेरे सामने नंगी हो गई—मुलायम, भरी हुई, और लचकती हुई। “रिया, तेरी गांड मुझे चोदने के लिए उकसा रही है,” मैंने कहा और उसे सहलाया। वह सिसकते हुए बोली, “अर्जुन, मुझे चोद। मेरी चूत तेरे लिए तड़प रही है।” मैंने उसकी शॉर्ट्स और पैंटी उतार दी। वह मेरे सामने पूरी नंगी थी। उसकी चूत गीली और गर्म थी। मैंने अपने कपड़े फेंक दिए। मेरा लंड बाहर आया—लंबा, मोटा, और तना हुआ। “रिया, आज तुझे कुतिया बनाकर चोदूँगा,” मैंने कहा। वह हँसी और बोली, “अर्जुन, मुझे अपनी कुतिया बना ले।”
मैंने उसे बिस्तर पर बिठाया और पीछे घुमाया। उसकी गांड मेरे सामने उभरी—मुलायम, गोल, और मुझे बुलाती हुई। मैं उसके पैरों के बीच बैठा। उसकी चूत मेरे सामने खुली—गीली, गर्म, और रस से टपकती। मैंने उसकी चूत पर जीभ रखी। वह चीखी—“आह, अर्जुन, ये क्या कर रहा है?” मैंने उसकी चूत चाटना शुरू किया। उसका रस मेरे मुँह में गया। “रिया, तेरी चूत कितनी मीठी है,” मैंने कहा। वह सिसकते हुए बोली, “अर्जुन, मुझे कुतिया बना और चोद।”
मैंने उसे चारों हाथ-पैरों पर खड़ा किया—जैसे कुतिया होती है। उसकी गांड मेरे सामने खुली थी, और उसकी चूत मुझे बुला रही थी। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ा। वह काँप रही थी। मैंने एक ज़ोरदार धक्का मारा, और मेरा लंड उसकी चूत में घुस गया। वह चीखी—“आह, अर्जुन, मेरी चूत फट गई।” मैंने कहा, “रिया, तू अब मेरी कुतिया है।” मैंने उसे चोदना शुरू किया। मेरा लंड उसकी चूत में अंदर-बाहर हो रहा था। उसके स्तन नीचे लटक रहे थे, और हर धक्के के साथ हिल रहे थे। वह चीख रही थी—“आह, अर्जुन, और ज़ोर से। मेरी चूत फाड़ दे।”
मैं उसकी गांड पीछे से सहला रहा था। उसकी गांड मेरे हाथों में मुलायम और गर्म लग रही थी। मैं उसे पागलों की तरह चोद रहा था। उसकी सिसकियाँ कमरे में गूँज रही थीं—“उफ़, अर्जुन, तू मुझे मार डालेगा।” मेरी साँसें उसकी पीठ पर पड़ रही थीं, और हमारा पसीना टपक रहा था। मैंने उसकी गांड पर एक थप्पड़ मारा और कहा, “रिया, तेरी गांड भी चोदूँगा।” वह सिसकते हुए बोली, “चोद, अर्जुन। मेरी गांड तेरी है।” मैंने उसकी चूत से लंड निकाला और उसकी गांड पर रगड़ा। वह चीखी—“आह, अर्जुन, धीरे।” लेकिन मैंने नहीं सुना। मैंने उसकी गांड में धीरे से लंड डाला। वह चीखी—“उफ़, मेरी गांड फट गई।”
मैंने उसकी गांड चोदना शुरू किया। वह कुतिया की तरह मेरे सामने थी, और मैं उसे अपनी मर्ज़ी से चोद रहा था। उसकी चूत और गांड दोनों मेरे लंड से भरे थे। मैंने उसे फिर से चूत में चोदा। उसकी सिसकियाँ और मेरे धक्के एक हो गए थे। रात बीत गई, और हमारी चुदाई नहीं रुकी। कभी मैंने उसे कुतिया बनाकर बिस्तर पर चोदा, कभी उसे उठाकर उसकी गांड पर ठोका। उसके स्तन मेरे मुँह में थे, और मैं उन्हें चूस रहा था। वह चीखी—“अर्जुन, मेरी चूत भर दे।” मैंने उसे दीवार के सहारे टेककर चोदा। मेरा लंड उसकी चूत की गहराई में गया, और वह चीखी—“आह, मेरी चूत सूज गई।” मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया, और वह मेरी छाती पर ढह गई।
सुबह हो गई। हम दोनों पसीने से भीगकर बिस्तर पर पड़े थे। उसकी चूत दुख रही थी, और उसके पैर काँप रहे थे। मैंने उसके स्तन धीरे से दबाए और कहा, “रिया, तुझे कुतिया बनाकर चोदने में मज़ा आया।” वह हँसी और बोली, “अर्जुन, तूने जो सुख दिया, वो मुझे फिर चाहिए।” मैंने उसके होंठों पर चूमा, और वह मेरी बाहों में समा गई।
उस रात के बाद हमारा रिश्ता और गहरा हो गया। जब भी हमें समय मिलता है, मैं रिया को कुतिया बनाकर चोदता हूँ। उसके स्तन, उसकी गांड, उसकी चूत—सब मेरा हो गया। वह मेरी गर्लफ्रेंड है, लेकिन उस रात वह मेरी कुतिया बनी, और मैंने उसे जी भरकर चोदा।
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