मेरा नाम अर्जुन है। मैं 18 साल का हूँ, गोरा, ताकतवर और जवान लड़का। मेरा लंड 7 इंच का है, मोटा और काला, जिसका सुपारा हमेशा गीला और चमकदार रहता है। मेरी नसें उभरी हुई हैं, मानो कोई चूत फाड़ने वाला हथियार तैयार हो। मैं जयपुर में एक स्कूल में पढ़ता हूँ, और मेरी अध्यापिका, राधिका मैम, 30 साल की हैं। राधिका मैम गोरी, भरे हुए बदन वाली और आकर्षक महिला हैं। उनके स्तन बड़े, गोल और रसीले हैं, जैसे दो पके हुए तरबूज, जो उनकी साड़ी या कुर्ती से हमेशा झाँकते रहते हैं। उनके निप्पल सख्त और गुलाबी हैं, जो कपड़ों के ऊपर से हल्के से दिखते हैं और मेरे लंड को तनाव देते हैं। उनकी कमर पतली है, और उनकी गांड बड़ी, मुलायम और गोल है, जो चलते वक्त लहराती है और मेरे मन में वासना जगाती है। उनकी जाँघें मोटी और चिकनी हैं, और उनकी चूत की गर्मी उनके चेहरे से झलकती है। एक बार स्कूल ट्रिप में मैंने अपनी हिंदी अध्यापिका को चोदा, और वह घटना मेरे जीवन की सबसे शानदार बन गई। यह है मेरी वासना और चुदाई की कहानी।
शुरुआत: स्कूल ट्रिप और राधिका मैम की जवानी
मार्च 2025 की बात है। हमारा स्कूल एक ट्रिप के लिए नैनीताल गया था। मुझे नैनीताल का ठंडा मौसम और प्राकृतिक सौंदर्य बहुत पसंद आया, लेकिन मेरे मन में राधिका मैम को चोदने की आग धधक रही थी। राधिका मैम ने उस ट्रिप के लिए टाइट जीन्स और कुर्ती पहनी थी, जिससे उनके स्तन और गांड और भी शानदार लग रहे थे। जब वह चलती थीं, उनकी गांड लचकती थी, और मेरा लंड तन जाता था। “अर्जुन, नैनीताल कैसा लगा?” वह हँसते हुए मुझसे पूछती थीं। “मैम, जहाँ आप हैं, वहाँ सब कुछ शानदार है,” मैं हँसकर जवाब देता, लेकिन मेरी नजर उनके स्तनों और गांड पर रहती थी। वह हँसती थीं, लेकिन उनकी आँखों में मुझे एक वासना दिखाई देती थी।
पहले दिन हम सभी लड़के-लड़कियाँ नैनीताल के एक जंगल में ट्रेकिंग के लिए गए। राधिका मैम हमें गाइड कर रही थीं। उनकी गांड जीन्स में लचक रही थी, और मेरा लंड पैंट में तन गया था। “मैम, आप बहुत सुंदर लग रही हैं,” मैंने हिम्मत करके कहा। “अर्जुन, ऐसी बातें मत करो,” वह शरमाते हुए बोलीं, लेकिन उनके चेहरे पर वासना झलक रही थी। मुझे लगा, राधिका मैम को मेरा लंड चाहिए।
स्कूल ट्रिप में चुदाई
दूसरे दिन रात को हम एक रिसॉर्ट में रुके थे। सभी लड़के-लड़कियाँ सो गए थे, लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी। मेरे मन में राधिका मैम को चोदने की आग भड़क रही थी। मैं रात को उनके कमरे की ओर गया। उनका कमरा खुला था। राधिका मैम लाल नाइटी पहने बिस्तर पर बैठी थीं। उनकी नाइटी उनके स्तनों से चिपकी थी, और उनके निप्पल सख्त दिख रहे थे। “अर्जुन, इतनी रात को यहाँ क्या कर रहे हो?” वह चौंककर बोलीं। “मैम, मुझसे आपसे बात करनी है,” मैंने कहा और अंदर चला गया।
“अर्जुन, क्या बात है?” वह पूछने लगीं, लेकिन मैंने उन्हें पास खींचा और उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। मेरी जीभ उनके मुँह में गई, और उनकी जीभ मेरे साथ खेलने लगी। “आह… अर्जुन…” वह सिसकारी। “मैम, मुझे तुम्हारी चूत चोदनी है,” मैंने फुसफुसाया। “अर्जुन, ये गलत है,” वह बोलीं, लेकिन उनकी चूत मुझे बुला रही थी। मैंने उनकी नाइटी उतारी। उनके स्तन नंगे हो गए। उनके निप्पल सख्त थे। “मैम, तुम्हारे स्तन कमाल हैं,” मैंने कहा और एक स्तन मुँह में ले लिया। मैं उसे चूसने लगा। “आह… अर्जुन… चूसो… जोर से चूसो…” वह चीखीं। मेरा दूसरा हाथ उनके दूसरे स्तन को मसल रहा था। उनके स्तन लाल हो गए। मैंने उनके पैर फैलाए। उनकी चूत नंगी हो गई। उनकी हल्की झांटें गीली थीं। “मैम, तुम्हारी चूत कितनी गर्म है,” मैंने कहा और अपनी उंगलियाँ उनकी चूत में डाल दीं। “आह… अर्जुन… डालो…” वह चिल्लाईं।
चुदाई का मज़ा
मैंने उनकी चूत में दो उंगलियाँ डालीं। “आह… अर्जुन… चोदो मुझे…” वह तड़पकर बोलीं। मैंने अपनी पैंट उतारी। मेरा 7 इंच का लंड तना हुआ और मोटा था। “अर्जुन, ये कितना बड़ा है,” उन्होंने आँखें बड़ी करके कहा। मैंने उनके चूत पर लंड रगड़ा। “मैम, इसे लो,” मैंने कहा और एक जोरदार धक्का मारा। मेरा लंड उनकी चूत में पूरा घुस गया। “आह… अर्जुन… फट गई… आह…” वह चीखीं। मेरा लंड उनकी चूत को चीर रहा था। मैं उनके स्तनों को दबाते हुए उन्हें चोदने लगा। “मैम, तुम्हारी चूत टाइट है,” मैंने कहा। हर धक्के के साथ उनकी गांड बिस्तर पर टकरा रही थी। “अर्जुन, जोर से चोदो… मेरी चूत फाड़ दो,” वह चीख रही थीं।
मैंने उन्हें आधा घंटा चोदा। “मैम, अब तुम्हारी गांड चोदता हूँ,” मैंने कहा। मैंने उन्हें पलटाया। उनकी गांड गोल और मुलायम थी। मैंने उनकी गांड पर थूका। “अर्जुन, धीरे,” वह बोलीं। मैंने अपनी उंगलियाँ उनकी गांड में डालीं। “आह… अर्जुन…” वह सिसकारी। फिर मैंने अपना लंड उनकी गांड में डाला। “आह… फट गई… आह…” वह रो पड़ीं। “मैम, तुम्हारी गांड शानदार है,” मैंने कहा और उनकी गांड चोदने लगा। मेरी उंगलियाँ उनकी चूत में थीं। “अर्जुन, मेरी चूत भी चोदो,” वह बोलीं। मैंने उन्हें फिर पलटाया और उनकी चूत में लंड डाला। “मैम, तुम्हारी चूत में झड़ता हूँ,” मैंने कहा। मैंने उन्हें चोदा और उनकी चूत में झड़ गया। मेरा गर्म वीर्य उनकी चूत से बह रहा था। “अर्जुन, तूने मुझे पागल कर दिया,” वह हाँफते हुए बोलीं।
ट्रिप में चुदाई
उस रात के बाद मैंने राधिका मैम को ट्रिप में हर रोज चोदना शुरू किया। जब सभी सो जाते, मैं उनके कमरे में जाता। “अर्जुन, मेरी चूत तेरी है,” वह कहती थीं। एक बार मैंने उन्हें जंगल में एकांत में चोदा। “अर्जुन, मुझे फाड़ दे,” वह चीखीं। मेरा लंड उनकी चूत और गांड में अंदर-बाहर करता रहा।
आज की हकीकत
अब मार्च खत्म हो चुका है। ट्रिप खत्म हुई, लेकिन मेरी और राधिका मैम की चुदाई अभी भी जारी है। “अर्जुन, तेरे लंड के बिना मेरी चूत नहीं रह सकती,” वह कहती हैं। स्कूल ट्रिप में मैंने अपनी हिंदी अध्यापिका को चोदा, और मेरी वासना उनके साथ पूरी हुई।
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