मेरा नाम अजय है। मैं 28 साल का हूँ, गोरा, मजबूत और आकर्षक। मैं बेंगलुरु में अपनी पत्नी के साथ रहता हूँ, लेकिन मेरी सास, मंजुला, हमारे साथ ही रहती है। मंजुला 45 साल की है, गोरी, भरे हुए बदन वाली और अभी भी बहुत हॉट दिखती है। उसके स्तन बड़े, गोल और रसीले हैं, मानो दो पके हुए खरबूजे, जो उसकी साड़ी या नाइटी से हमेशा बाहर झाँकते रहते हैं। उसके निप्पल गुलाबी और सख्त हैं, जो कपड़ों के ऊपर से हल्के से दिखते हैं और उसकी जवानी की आग जाहिर करते हैं। उसकी कमर पतली है, और उसकी गांड बड़ी, मुलायम और गोल है, जो चलते समय लचकती है और मेरी नजरें वहीं ठहरा देती है। उसकी जाँघें मोटी और चिकनी हैं, जैसे मलाई की परतें, और उसकी चूत की गर्मी उसके चेहरे से छिपती नहीं। मेरी पत्नी मुझे संतुष्ट नहीं कर पाती, लेकिन मेरी सास ने मुझे बाथरूम में चोदा और मेरी वासना पूरी की। यह है मेरी और मेरी सास की चुदाई की कहानी।
मार्च 2025 की एक सुबह थी। बेंगलुरु में हल्की गर्मी शुरू हो चुकी थी, और मेरे शरीर में जवानी की आग भड़क रही थी। मेरी पत्नी ऑफिस चली गई थी, और घर में सिर्फ़ मैं और मंजुला थे। मैं बाथरूम में नहाने गया था। मैं नंगा होकर शॉवर के नीचे खड़ा था, और मेरा 8 इंच का लंड तना हुआ था। मैं अपने लंड को हाथ में लेकर सहला रहा था। “आह… मंजुला सास… तेरी चूत चोदना है…” मैं फुसफुसाया। मेरी हवस मुझे रोक नहीं रही थी। तभी बाथरूम का दरवाज़ा खुला, और मंजुला अंदर आ गई। उसने लाल साड़ी पहनी थी, और उसके स्तन साड़ी से बाहर आने को तड़प रहे थे। उसकी गांड साड़ी में लचक रही थी। “अजय, तू क्या कर रहा है?” उसने कहा और मुझे घूरने लगी।
मेरा तना हुआ लंड देखकर उसकी आँखें चमक उठीं। “सास, मैं… नहा रहा हूँ,” मैं डरते हुए बोला, लेकिन मेरा लंड तना हुआ था। “अजय, तेरा लंड कितना शानदार है,” उसने कहा और मेरे पास आ गई। उसने अपनी साड़ी उतार दी। उसके स्तन नंगे हो गए। उसके निप्पल सख्त थे। “सास, ये गलत है,” मैंने कहा, लेकिन मेरी हवस मुझे रोक नहीं रही थी। उसने मेरा लंड हाथ में लिया और सहलाने लगी। “अजय, मुझे तेरा लंड चाहिए,” उसने कहा। उसने मेरे होंठों पर अपने होंठ रखे, और उसकी जीभ मेरे मुँह में घुस गई। मेरी हवस अब बेकाबू हो चुकी थी। मैंने उसका पेटीकोट नीचे खींचा, और उसकी चूत नंगी हो गई।
उसकी चूत पर घनी झाँटें थीं, और उसकी चूत की फाँकें लाल होकर फूली हुई थीं। “सास, तेरी चूत कितनी गर्म है,” मैंने कहा और अपनी दो उंगलियाँ उसकी चूत में डाल दीं। “आह… अजय… डाल…” वह चीखी। मेरी उंगलियाँ उसकी चूत में अंदर-बाहर होने लगीं, और उसके मुँह से सिसकियाँ निकलने लगीं। “आह… अजय… ज़ोर से…” वह तड़पते हुए बोली। मैंने उसकी चूत में उंगलियाँ ज़ोर से अंदर-बाहर कीं। उसकी चूत से पानी बहने लगा। “अजय, मेरी चूत चोद,” उसने कहा। मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर रगड़ा। “सास, ले ये,” मैंने कहा और एक ज़ोरदार धक्का मारा। मेरा लंड उसकी चूत में पूरा घुस गया। “आह… अजय… फट गई… आह…” वह चीखी।
मेरा लंड उसकी चूत को चीर रहा था। उसकी चूत टाइट थी, और मेरा मोटा लंड उसे दर्द दे रहा था। लेकिन वह दर्द उसे मज़ा दे रहा था। मैं उसके स्तन दबाते हुए उसे चोदने लगा। “सास, तेरी चूत कमाल है,” मैंने कहा। हर धक्के के साथ उसकी गांड बाथरूम की दीवार से टकरा रही थी। “अजय, ज़ोर से चोद… मेरी चूत फाड़ दे…” वह चीख रही थी। मैं उसकी चूत ज़ोर से चोदने लगा। शॉवर का पानी उसके स्तनों पर पड़ रहा था, और उसके स्तन हिल रहे थे। मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और उसे चूमने लगा। “आह… अजय… तू कमाल चोदता है…” वह सिसकी। मैंने उसे आधा घंटा चोदा। उसकी चूत लाल हो चुकी थी, और उसका पानी दो बार निकल चुका था।
“अजय, अब मेरी गांड चोद,” मंजुला बोली। मैंने उसे दीवार पर झुकाया। उसकी गांड गोल और मुलायम थी। मैंने उसकी गांड पर थूक लगाया और अपनी उंगलियाँ उसकी गांड में डालीं। “आह… अजय… धीरे…” वह सिसकी। मेरी उंगलियाँ उसे दर्द दे रही थीं। फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड में डाला। “आह… फट गई… आह…” वह रो पड़ी। मेरा लंड उसकी गांड को चीर रहा था। “सास, तेरी गांड कमाल है,” मैंने कहा और उसकी गांड चोदने लगा। मेरी उंगलियाँ उसकी चूत में थीं, और मैं उसकी चूत भी सहला रहा था। “अजय, मेरी चूत भी चोद,” उसने कहा। मैंने उसे फिर से पलटाया और उसकी चूत में लंड डाला। “सास, तेरी चूत में झड़ता हूँ,” मैंने कहा। मैंने उसे ज़ोर से चोदा और उसकी चूत में झड़ गया। मेरा गर्म वीर्य उसकी चूत से बह रहा था।
उस दिन के बाद मंजुला मुझे रोज़ चोदने के लिए बुलाती थी। जब मेरी पत्नी घर पर नहीं होती, वह मेरे कमरे में आती और मुझे चोदती। “अजय, तेरा लंड मेरा है,” वह कहती। एक बार उसने मुझे किचन में चोदा। “अजय, मुझे फाड़ दे,” वह चीखी। मेरा लंड उसकी चूत और गांड में अंदर-बाहर हो रहा था। उसने मेरे लंड को चूसा, और मैंने उसकी चूत में उंगलियाँ डालीं। मेरी सास की हवस मुझे पागल कर रही थी। मैंने उसे रातभर चोदा और उसका संतुष्ट किया।
कभी-कभी वह मुझे बेडरूम में चोदने बुलाती थी। एक बार मैं बिस्तर पर लेटा था, तभी मंजुला आई। उसने मेरी पैंट नीचे खींची और मेरा लंड चूसना शुरू किया। “अजय, तेरा लंड शानदार है,” उसने कहा। मैंने उसे बिस्तर पर झुकाया और उसकी चूत में अपना लंड डाला। “आह… अजय… चोद… ज़ोर से चोद…” वह चीखी। मैंने उसकी चूत ज़ोर से चोदी। उसने मेरी गांड पर थप्पड़ मारा और मेरे लंड को चूसा। मैंने उसे चोदा और उसकी चूत में झड़ गया। मेरी सास की हवस मुझे दीवाना बना रही थी।
मंजुला ने एक बार मुझे अपनी सहेली के सामने चोदा। उसकी सहेली मुझे देख रही थी, और मंजुला ने मुझे नंगा करके मेरा लंड चूसा। “अजय, तेरा लंड कमाल है,” उसने कहा। मैंने मंजुला को उसकी सहेली के सामने चोदा। “आह… अजय… चोद… और ज़ोर से चोद…” वह चीख रही थी। उसकी सहेली मेरे स्तन देख रही थी, और मैं मंजुला को ज़ोर से चोद रहा था। मैं उसकी चूत में झड़ गया, और उसकी सहेली मुझे देखती रही। मेरी सास की हवस मुझे पागल कर रही थी, और मैं उसकी हवस पूरी कर रहा था।
अब मार्च खत्म हो चुका है। मेरी पत्नी को कुछ नहीं पता, लेकिन मंजुला मुझे रोज़ चोदती है। “अजय, तू मेरा दामाद है, लेकिन मेरी हवस तू ही पूरी करता है,” वह कहती है। मेरा लंड उसकी चुदाई के बिना रह नहीं सकता। मेरी सास की चुदाई बाथरूम में हुई, और मेरी हवस उससे पूरी हुई। मेरी सास की हवस मुझे दीवाना बनाती है, और मैं उसकी हवस पूरी करता हूँ।
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