मेरा नाम अजय है। मैं 32 साल का हूँ, गोरा, मजबूत और जवान। मेरा लंड 8 इंच का है, मोटा और काला, जिसकी टोपी हमेशा गीली और चमकदार रहती है। मेरी नसें उभरी हुई हैं, मानो चूत फाड़ने के लिए तैयार हथियार। मैं दिल्ली में अपनी पत्नी, प्रिया, और सास, सुनिता, के साथ रहता हूँ। प्रिया 28 साल की है, गोरी, भरे हुए शरीर वाली और हॉट। उसके स्तन बड़े, गोल और रसीले हैं, जैसे दो पके हुए आम, जो उसकी साड़ी से हमेशा बाहर झाँकते हैं। उसके निप्पल गुलाबी और कड़े हैं, जो कपड़ों के ऊपर से हल्के दिखते हैं। उसकी कमर पतली है और गांड बड़ी, नरम और गोल, जो चलते समय लचकती है। मेरी सास, सुनिता, 48 साल की है, गोरी और भारी शरीर वाली। उसके स्तन बहुत बड़े और रसीले हैं, जैसे दो पके हुए खरबूजे, और उसकी गांड मोटी और नरम है। मेरी जवानी उन्हें दोनों को चोदने के लिए तड़प रही थी, और एक दिन मैंने अपनी सास और पत्नी को एक साथ चोदा। यह मेरी हवस और चुदाई की कहानी है।

शुरुआत: हवस की चिंगारी

मार्च 2025 की बात है। दिल्ली में हल्की धूप थी, और मेरे मन में हवस की आग भड़क रही थी। प्रिया मुझे रात को मजा देती थी, लेकिन उसकी चूत दो मिनट में ठंडी पड़ जाती थी। “अजय, अब सो जा,” वह कहती और मुझे अधूरा छोड़ देती। मेरा लंड तना रहता, और मैं हस्तमैथुन करके शांत होता। लेकिन मेरी सास, सुनिता, मुझे अलग नजरों से देखती थी। जब वह साड़ी पहनकर घर में घूमती, उसके स्तन और गांड मुझे पागल कर देते। “अ FRAMEWORK, बेटा, तू बहुत मेहनत करता है,” वह कहती और मेरे पास आकर बैठती। उसकी नजर मेरी पैंट के उभार पर टिकती। “सासूजी, आप भी जवान दिखती हैं,” मैं हँसकर कहता, लेकिन मेरी चूत उसके लिए तड़पती थी।

यह कहानी भी पढ़े :  भोगी भाई मेरे जिस्म का प्यासा-3

एक बार मैं बाथरूम से बाहर आया, सिर्फ़ तौलिया लपेटे हुए। मेरा लंड तौलिये में उभरा हुआ दिख रहा था। सुनिता वहीं खड़ी थी। “अजय, ये क्या दिख रहा है?” वह हँसकर बोली और मेरे पास आई। उसका हाथ मेरी छाती पर फिरा। “आह… सासूजी…” मैं सिसकते हुए बोला। “अजय, तेरी जवानी मुझे चाहिए,” वह फुसफुसाई और मेरा तौलिया खींच लिया। मेरा लंड तना हुआ बाहर आ गया। “सासूजी, ये क्या?” मैंने कहा, लेकिन मेरी चूत उसके लिए गीली हो चुकी थी।

पहली रात: सास के साथ चुदाई

20 मार्च की रात थी। प्रिया अपनी सहेली के यहाँ गई थी। घर में मैं और सुनिता अकेले थे। मैं अपने कमरे में था, सिर्फ़ लुंगी पहने हुए। सुनिता मेरे कमरे में आई। उसने काली साड़ी पहनी थी, जो उसके शरीर से चिपकी थी। उसके स्तन ब्लाउज से बाहर आने को तड़प रहे थे। “अजय, अकेलापन लग रहा है?” वह बोली और मेरे पास बिस्तर पर बैठ गई। “हाँ सासूजी, थोड़ा,” मैंने कहा। उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने स्तन पर रख दिया। “आह… सासूजी… ये क्या?” मैंने कहा। “अजय, मेरी चूत तेरे लिए तड़प रही है,” वह बोली और मेरी लुंगी उतार दी। मेरा लंड तना हुआ बाहर आ गया।

उसने मेरा लंड हाथ में लिया। “अजय, ये कितना बड़ा है,” वह बोली और उसे चाटने लगी। “आह… सासूजी… चाटो…” मैं सिसकते हुए बोला। उसकी जीभ मेरे लंड पर फिर रही थी। मैंने उसकी साड़ी उतारी। उसके स्तन नंगे हो गए। उसके निप्पल काले और कड़े थे। “सासूजी, आपके स्तन मस्त हैं,” मैंने कहा और एक स्तन अपने मुँह में लिया। मैं उसे चूसने लगा। “आह… अजय… चूस… जोर से चूस,” वह चिल्लाई। मेरा दूसरा हाथ उसके दूसरे स्तन को मसल रहा था। उसके स्तन लाल हो गए।

यह कहानी भी पढ़े :  डरते डरते साली की चूत चुदाई

मैंने उसके पैर फैलाए। उसकी चूत नंगी हो गई। उसके घने बाल गीले थे। “अजय, मेरी चूत चोद,” वह बोली। मैंने अपनी उंगलियाँ उसकी चूत में डालीं। “आह… अजय… डाल…” वह चिल्लाई। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ा। “सासूजी, ये लो,” मैंने कहा और एक जोरदार धक्का मारा। मेरा लंड उसकी चूत में पूरा घुस गया। “आह… अजय… फट गई… आह…” वह चिल्लाई। मैं उसके स्तन दबाते हुए उसे चोदने लगा। “सासूजी, आपकी चूत मस्त है,” मैंने कहा। हर धक्के से उसकी गांड उछल रही थी। “अजय, जोर से चोद… मैरी चूत फाड़,” वह चिल्ला रही थी। मैंने उसे आधा घंटा चोदा और उसकी चूत में झड़ गया। मेरा गर्म वीर्य उसकी चूत से बह रहा था।

दूसरी रात: पत्नी और सास एक साथ

25 मार्च की रात थी। प्रिया घर लौट आई थी। मैंने तय किया कि आज दोनों को एक साथ चोदूँगा। रात को मैं और प्रिया बिस्तर पर थे। मैंने प्रिया से कहा, “प्रिया, आज मैं तेरी और सासूजी की चूत चोदूँगा।” वह चौंक गई। “अजय, ये क्या बोल रहा है?” उसने कहा। “प्रिया, मुझे तुम दोनों चाहिए,” मैंने कहा और सुनिता को बुलाया। “सासूजी, इधर आइए,” मैंने कहा। सुनिता आई। उसने नाइटगाउन पहना था, और प्रिया ने साड़ी।

मैंने प्रिया की साड़ी उतारी। उसके स्तन नंगे हो गए। “प्रिया, तेरे स्तन मस्त हैं,” मैंने कहा और एक स्तन चूसने लगा। “आह… अजय… चूस…” वह सिसक पड़ी। मैंने सुनिता का नाइटगाउन उतारा। उसके स्तन और चूत नंगे हो गए। “सासूजी, आपकी गांड मस्त है,” मैंने कहा और उसकी गांड दबाई। मैंने दोनों को बिस्तर पर लिटाया। प्रिया की चूत फैलाई। उसकी चूत गीली थी। मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाला। “आह… अजय… चोद…” वह चिल्लाई। मैं उसे चोदने लगा। सुनिता मेरे पास थी। “अजय, मेरी चूत भी चोद,” वह बोली। मैं प्रिया को चोदते हुए सुनिता की चूत में उंगलियाँ डालने लगा। “आह… अजय… चोद…” वह चिल्लाई।

यह कहानी भी पढ़े :  फेसबुक चैट से वाइफ स्वैपिंग तक

मैंने प्रिया को चोदकर सुनिता की ओर मुड़ा। उसकी चूत में लंड डाला। “सासूजी, आपकी चूत गर्म है,” मैंने कहा। “अजय, मुझे फाड़ दे,” वह चिल्लाई। मैंने दोनों को बारी-बारी चोदा। “प्रिया, तेरी गांड मारता हूँ,” मैंने कहा और प्रिया की गांड चोदी। “आह… अजय… फट गई…” वह चिल्लाई। फिर सुनिता की गांड चोदी। “सासूजी, आपकी गांड टाइट है,” मैंने कहा। रात भर मैंने दोनों को चोदा। अंत में दोनों की चूत में झड़ गया।

आज की हकीकत

अब मैं रोज़ प्रिया और सुनिता को चोदता हूँ। “अजय, तू हमारा राजा है,” वे कहती हैं। मेरी जवानी दोनों के साथ मजे करती है। मैंने अपनी सास और पत्नी को एक साथ चोदा, और मेरी हवस पूरी हो गई।

 0 views