मेरा नाम राहुल है। मैं 25 साल का हूँ और पुणे में एक आईटी कंपनी में काम करता हूँ। मेरी गर्लफ्रेंड, नेहा, 23 साल की है। वह कॉलेज में पढ़ती है और दिखने में बहुत हॉट है—उसके स्तन सख्त और गोल, उसकी गांड चलते समय मटकती है, और उसकी चूत की गर्मी उसकी आँखों में दिखती है। हम दोनों दो साल से रिलेशनशिप में हैं, और हमारा रिश्ता बहुत करीबी है। लेकिन एक बार जंगल में हुई घटना ने हमारे रिश्ते को एक नई ऊँचाई पर ले गया।
एक बार हमने सह्याद्री के जंगल में ट्रेकिंग करने का फैसला किया। शनिवार था, और मौसम शानदार था—ठंडी हवा, हरे-भरे पेड़, और शांति। मैं और नेहा सुबह जल्दी निकल पड़े। उसने एक टाइट टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहना था—उसके स्तन टी-शर्ट से बाहर निकलने को बेताब थे, और उसकी गांड शॉर्ट्स में थिरक रही थी। मैंने जीन्स और टी-शर्ट पहना था। हम जंगल में पहुँचे और ट्रेकिंग शुरू की। दोपहर हो गई, और हम एक सुनसान जगह पर रुके—आसपास सिर्फ पेड़ और पक्षियों की आवाजें थीं।
हम एक बड़े पत्थर के पास बैठे। नेहा मेरे बगल में बैठी और बोली, “राहुल, यहाँ कितनी शांति है ना?” मैंने उसकी तरफ देखा। उसके स्तन मुझे दिख रहे थे, और मेरा लंड धीरे-धीरे तनने लगा। “नेहा, तू यहाँ बहुत मस्त लग रही है। तेरे स्तन और गांड मुझे पागल कर रहे हैं,” मैंने कहा। वह शरमा गई और बोली, “राहुल, ये क्या बोल रहा है?” लेकिन उसकी आँखों में एक शरारती चमक थी। मैं उसके करीब सरक गया और उसके कंधे पर हाथ रखा। “नेहा, यहाँ सिर्फ हम दोनों हैं। तुझे छूने का मन कर रहा है,” मैंने फुसफुसाया। वह कुछ नहीं बोली, बस मुझे देखती रही।
मैंने उसे पास खींचा। उसके होंठ मेरे होंठों से टकराए—नरम, नम, और गर्म। मैंने उसके होंठ चूसना शुरू किया। वह सिसक पड़ी— “आह, राहुल।” मेरे हाथ उसकी टी-शर्ट पर गए। मैंने उसे ऊपर सरकाया और उसके स्तन उघाड़ दिए। उसने ब्रा नहीं पहनी थी। उसके स्तन मेरे सामने नंगे हो गए—सख्त, गोल, और मुझे पुकारते हुए। “नेहा, तेरे स्तन कितने शानदार हैं,” मैंने कहा और उन्हें दबाने लगा। वह सिसक पड़ी— “आह, राहुल, धीरे कर।” मैंने उसके निप्पल पर मुँह रखा और चूसने लगा। वह चिल्लाई— “उफ, राहुल, मुझे पागल कर देगा।”
मेरे हाथ उसके शॉर्ट्स पर गए। मैंने उसे नीचे खींचा। उसकी गांड मेरे सामने खुल गई—मुलायम, भरी हुई, और थिरकती। “नेहा, तेरी गांड मुझे चोदने को मजबूर करेगी,” मैंने कहा और उसे मसला। वह सिसकते हुए बोली, “राहुल, मुझे चोद। मेरी चूत तेरे लिए तड़प रही है।” मैंने उसके शॉर्ट्स और पैंटी उतार दिए। वह मेरे सामने पूरी नंगी थी। उसकी चूत गीली और गर्म थी। मैंने अपने कपड़े फेंक दिए। मेरा लंड बाहर आया—लंबा, मोटा, और तना हुआ। “नेहा, तुझे जंगल में चोदने वाला हूँ,” मैंने कहा। वह हँसी और बोली, “राहुल, मुझे तेरे हवाले कर दे।”
मैंने उसे पेड़ के नीचे लिटाया। जंगल में शांति थी, सिर्फ पक्षियों की आवाज और हमारी साँसें सुनाई दे रही थीं। मैंने उसके पैर फैलाए। उसकी चूत मेरे सामने खुल गई—नम, गर्म, और रस से टपकती। मैंने उसकी चूत पर जीभ रखी। वह चीख पड़ी— “आह, राहुल, ये क्या कर रहा है?” मैंने उसकी चूत चाटना शुरू किया। उसका रस मेरे मुँह में गया। “नेहा, तेरी चूत कितनी मीठी है,” मैंने कहा। वह सिसकते हुए बोली, “राहुल, मुझे चोद। अब बर्दाश्त नहीं होता।”
मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ा। वह काँप रही थी। मैंने एक जोरदार धक्का मारा, और मेरा लंड उसकी चूत में घुस गया। वह चिल्लाई— “आह, राहुल, मेरी चूत फट गई।” मैंने उसे चोदना शुरू किया। मेरा लंड उसकी चूत में अंदर-बाहर कर रहा था। उसके स्तन हर धक्के के साथ उछल रहे थे। वह सिसक रही थी— “आह, राहुल, जोर से। मेरी चूत फाड़ दे।” मैं पागलों की तरह उसे चोद रहा था। जंगल में उसकी सिसकियाँ और मेरे धक्कों की आवाज गूँज रही थी।
मैंने उसे पलटा। उसकी गांड मेरे सामने खुल गई—मुलायम, गोल, और मुझे बुलाती। “नेहा, तेरी गांड भी चोदने वाला हूँ,” मैंने कहा। वह सिसकते हुए बोली, “चोद, राहुल। मेरी गांड तेरी है।” मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड डाला और उसे चोदना शुरू किया। उसकी गांड मेरे हाथों में मुलायम और गर्म लग रही थी। मैंने उसकी गांड पर एक थप्पड़ मारा और कहा, “नेहा, तेरी गांड कमाल है।” वह सिसक पड़ी— “उफ, राहुल, मेरी गांड जल रही है।” मैंने उसकी गांड में एक उंगली डाली, और वह पागलों की तरह चिल्लाई— “आह, राहुल, मुझे मार डाल।”
जंगल में सूरज डूब रहा था, और हमारी चुदाई रुक नहीं रही थी। मैं उसकी चूत और गांड दोनों चोद रहा था। उसकी सिसकियाँ और जंगल का हवा का शोर एक हो गया था। शाम हो गई, लेकिन हम नहीं रुके। कभी मैंने उसे पेड़ के नीचे चोदा, कभी उठाकर उसकी गांड पर ठोका। उसके स्तन मेरे मुँह में थे, और मैं उन्हें चूस रहा था। वह चिल्लाई— “राहुल, मेरी चूत भर दे।” मैंने उसे पेड़ से टिकाकर चोदा। मेरा लंड उसकी चूत की गहराई में गया, और वह चीख पड़ी— “आह, राहुल, मेरी चूत सूज गई।” मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में छोड़ा, और वह मेरी छाती पर ढह गई।
रात हो गई। हम दोनों पसीने से भीगकर जमीन पर पड़े थे। उसकी चूत दुख रही थी, और उसके पैर काँप रहे थे। मैंने उसके स्तन हल्के से दबाए और कहा, “नेहा, तुझे जंगल में चोदने में मजा आया।” वह हँसी और बोली, “राहुल, तूने जो सुख दिया, वो मुझे फिर चाहिए।” मैंने उसके होंठों पर चूमा, और वह मेरी बाहों में समा गई।
उस दिन के बाद हमारा रिश्ता और गहरा हो गया। जब भी मौका मिलता है, मैं नेहा को जंगल में या घर पर चोदता हूँ। उसके स्तन, उसकी गांड, उसकी चूत—सब कुछ मेरा हो गया। हमने एक खास अनुभव साझा किया, और उस जंगल की आग हमारे रिश्ते में हमेशा जिंदा रही। गर्लफ्रेंड को जंगल में चोदा, और उस सुख में मैं फिर से जीवित हो गया।
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