मौसी, माँ और गाँव की मस्ती
नमस्ते दोस्तों और दोस्तिनों, मेरा नाम आशा है।
ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है, इसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है। ये कहानी सिर्फ़ मनोरंजन के लिए है।
आज कई दिनों बाद आशा अपनी बड़ी बहन शांता के गाँव राजापुर आई थी। साथ में उसका बेटा पिंट्या भी था। वो 12 साल का था। अभी वो पाँचवीं कक्षा में पढ़ता था। गर्मियों की छ… पूरी कहानी पढ़े...