दोस्तों, आप ही की तरह मैं रोज़ हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ता हूँ। मैं अब तक काफ़ी सारी सेक्सी कहानियाँ पढ़ चुका हूँ, और आज मैं अपना कुछ अनुभव आपके साथ साझा करने जा रहा हूँ।

मैं अपनी छुट्टियों में अपनी ससुराल में अपनी बड़ी साली के घर गया था। वैसे भी वहाँ गए हुए मुझे एक साल हो गया था। उसी दिन मेरे ससुर जी का फोन मेरी पत्नी पर आया।

उन्होंने फोन पर बताया कि किसी रिश्तेदार की मृत्यु हो गई है, तुम गीता के घर से यहाँ आ जाओ, फिर हम साथ में चलेंगे।

मेरी बड़ी साली का नाम गीता है, उसके पति उदय आर्मी में हैं और साल में कभी-कभी वो घर आते हैं। मेरी बड़ी साली को अभी तक कोई बच्चा नहीं है, और उनकी शादी को चार साल हो गए हैं।

पर उदय जी शादी से पहले ही आर्मी में थे, इसलिए गीता के साथ वो ज़्यादा समय नहीं रह पाए थे। पहले मैंने कभी गीता को गलत नज़र से नहीं देखा था, पर एक दिन गीता बाज़ार गई हुई थी।

तभी अचानक बारिश शुरू हो गई, मैं टीवी पर मूवी देख रहा था। मूवी में कुछ थोड़े सेक्सी सीन थे, जिन्हें देखकर मेरे मन में खयाल बदलना लाज़मी था।

उस समय मेरे मन में बहुत उत्तेजना पैदा हो रही थी, मैं धीरे-धीरे अपने लंड को सहलाने लग गया। तभी दरवाज़े की बेल बजी, मैं एकदम से घबरा गया।

मुझे लगा कि जैसे किसी ने मुझे देख लिया हो, पर मुझे याद आया कि घर में तो और कोई है ही नहीं, मैं बेकार में डर रहा था।

मैं जाकर दरवाज़ा खोला, तो मैंने देखा कि बाहर गीता खड़ी थी। उसका बदन पूरा भीगा हुआ था, और आज मुझे पहले से ज़्यादा जवान और खूबसूरत लग रही थी।

मैंने दरवाज़ा बंद कर दिया, और जैसे ही मैं पीछे मुड़ा तो मेरी नज़र गीता की कमर पर पड़ी। जहाँ से उनकी गुलाबी साड़ी के ब्लाउज़ से उनकी काली ब्रा बाहर दिख रही थी।

गीता ने सामान सोफे पर रखा और मुझसे बोली – राजा जी, मेरा पूरा बदन भीग चुका है। इसलिए आप मुझे अंदर से एक तौलिया ला दो।

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मैं तौलिया ले आया और गीता मुझसे मुस्कुराते हुए बोली – सामान हाथों में लटकाकर लाने से मेरे हाथ दर्द करने लग गए हैं, इसलिए तुम मेरा एक छोटा सा काम करोगे?

मैं – क्या काम है?

गीता – ज़रा मेरे बालों से पानी सुखा दोगे?

मैं – क्यों नहीं।

गीता सोफे पर बैठ गई, मैंने देखा बालों से पानी निकलकर उनके गोरे गालों से बह रहा था। मैं गीता के पीछे बैठ गया, उन्हें अपने पैरों के बीच में ले लिया और मैं उनके बालों को सुखाने लग गया।

गीता का गोरा बदन भीगने के बाद गर्म बदन मेरे पैरों में हलचल पैदा कर रहा था। बाल सुखाते हुए मैंने धीरे से उनके कंधे पर अपना हाथ रख दिया।

गीता ने कोई ऐतराज़ नहीं किया, तो मैंने फिर उसकी कमर को सहलाना शुरू कर दिया।

गीता – ठीक है, अब मेरे बाल सूख गए हैं, अब मैं अंदर जा रही हूँ।

फिर वो रूम में चली गई, और मेरी साँस रुक गई। मैंने सोचा कि शायद गीता को मेरे इरादे पता चल गए हैं। रूम में जाकर गीता ने अपने कपड़े बदलने शुरू कर दिए।

गीता ने जल्दी-जल्दी में दरवाज़ा बंद नहीं किया था, वो बड़े मिरर के सामने खड़ी हुई थी। उन्होंने अपना एक-एक कपड़ा उतार दिया था। मैंने देखा कि गीता बड़ी गौर से अपने बदन को ऊपर से नीचे तक देख रही थी।

मेरा दिल अब और भी पागल हो रहा था, ऊपर से बारिश का मौसम जैसे बाहर पड़ रही पानी की बूँदें मेरे तन-बदन में आग लगा रही थी। अब की बार गीता ने मुझे देखकर अनदेखा कर दिया, शायद ये मेरे लिए ग्रीन सिग्नल था।

मैं उसके रूम में चला गया, गीता बोली – अरे राजा, मैंने अभी कपड़े नहीं पहने हैं, तुम अभी बाहर जाओ।

मैं – गीता, मैंने तुम्हें कपड़ों में तो हमेशा ही देखा है, पर आज बिना कपड़ों में तुम्हें पहली बार देखा है। अब तुम्हारी मर्ज़ी है, क्या तुम मेरे सामने ऐसी रह सकती हो या नहीं?

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और ये कहते हुए मैंने उन्हें अपनी बाहों में ले लिया, उन्होंने थोड़ी सी ना-नुकुर की पर मैंने ज़्यादा सोचने का उन्हें समय नहीं दिया। और मैं उसे किस करने लग गया, मैंने गीता देखा कि गीता ने अपनी आँखें बंद कर ली हैं।

इसमें उनकी सहमति छुपी हुई थी, मैं 10 मिनट तक उन्हें चूमता रहा। इसी बीच मेरे गर्म होंठ सूखे गोरे जिस्म के कोने-कोने को चूम रहे थे। अचानक गीता ने मुझे जोर से धक्का दिया और मुझे गिरा दिया।

एक बार तो मैं डर गया, पर अगले ही पल मैंने पाया कि गीता मेरे ऊपर आकर लेट गई है। उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए हैं, हम दोनों के बीच से कपड़ों की दीवार हट चुकी थी।

मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हुआ था। तभी उसने मेरे लंड को अपने गर्म होंठों से छुआ और उसे अपने मुँह में ले लिया। वो मेरे ऊपर इस तरह से बैठी थी, कि साली की चूत एकदम मेरे होंठों पर आकर लगी हुई थी।

तो मैं उनकी चूत को पागलों की तरह चूमने लग गया। उसके मुँह में से अब मेरा लंड आज़ाद हो गया था और उसके मुँह से आह आह स्सी जैसी आवाज़ें निकल रही थी।

तभी उसकी चूत ने पानी निकाल दिया। और वो बोली – आह आह, मेरी चूत तुम्हारे इस लंड के बिना अब नहीं रह सकती, प्लीज़ अपने इस खिलाड़ी को मेरी चूत के ग्राउंड में उतार दो। ताकि ये दोनों चुदाई का खेल सकें।

गीता अब मेरे लंड को लेने के लिए तड़पने लग गई थी, मैंने भी उसी समय गीता को अपनी बाहों में भरा और उठाकर बेड पर लेटा दिया। साली की चूत रसीली हो चुकी थी, मैं गीता के ऊपर लेट गया।

मेरा लंड अब गीता की चूत के दरवाज़े पर दस्तक दे रहा था। गीता ने चूत को अपने दोनों हाथों से खोल दिया, और मैंने अपना लंबा लंड अंदर डालना शुरू कर दिया।

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काफ़ी दिनों से गीता की चुदाई नहीं हुई थी, इसलिए गीता की चूत एकदम टाइट थी। तो मैंने उसे जोर से झटका दिया और मेरा लंड उसकी चूत के आगोश में समा गया।

गीता के मुँह से आह आह की आवाज़ निकल गई, उसने मुझे थोड़ी देर हिलने से मना कर दिया था। कुछ देर बाद वो ख़ुद नीचे हल्के-हल्के झटके लगाने लग गई।

अब मुझे भी साली की चूत का मज़ा आने लग गया, और मैंने गीता की चुदाई शुरू कर दी थी। जितने जोर से मैं गीता की चुदाई कर रहा था, वो उतनी ही सेक्सी आवाज़ें निकाल रही थी।

हम दोनों ने करीब 30 मिनट तक चुदाई की, और उसके बाद गीता मुझसे जोर से लिपट गई और साली की चूत थोड़ी देर के लिए कस गई। कुछ और धक्कों के बाद मेरे लंड ने अपना सारा पानी निकाल दिया।

अब वो मुझसे लिपट गई, मैं इस तरह 10 मिनट तक गीता के ऊपर लेटा रहा। उस दिन की बारिश से लेकर और अब तक ये आपका राजा अपनी गीता के प्यासे बदन को हर रात बरसाता है।

मैं कभी-कभी मीटिंग के बहाने जाता हूँ, या कभी-कभी वो अपनी बहन से मिलने हमारे घर आती है। तो उसे मैं ज़रूर चोदता हूँ, तो आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी।

प्लीज़ मुझे ये ज़रूर बताना, अब तो ये हाल है कि लॉकडाउन में मैं साली की चूत को चोदने नहीं जा पा रहा हूँ। मैं अपनी पत्नी से काम चला रहा हूँ।

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